दुनिया में कोरोना वायरस से अब तक 32,75,475 लोगों के संक्रमित होने और 2,31,573 मौतों के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। अमेरिका जैसी विश्व महाशक्ति में हालात और भी बदतर हैं जहां दूसरी तिमाही अभूतपूर्व 30 फीसदी गिरावट के साथ तबाह होने के संकेत दे रही है। यह 1920-30 के दशक की महामंदी से भी भयानक अव्यवस्था पैदा कर सकती है।
अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने ट्रेजरी और फेडरल रिजर्व अधिकारी पावेल के हवाले से लिखा है कि देश में कारोबार बंद होने और लोगों के घरों से बाहर न निकलने के चलते अमेरिकी अर्थव्यवस्था की दूसरी तिमाही बुरी हालत में आ गई है। इन हालातों में भीषण आर्थिक अव्यवस्था पैदा होने के चलते इसके बेहतर होने में कई साल लग सकते हैं। 26 लाख से ज्यादा अमेरिकी पहले ही रोजगार खो चुके हैं जिसके और बुरे होने की आशंका है।
पावेल ने कहा, हम दूसरी तिमाही के लिए आर्थिक डाटा देखने जा रहे हैं जो अर्थव्यवस्था के लिए हमारे द्वारा देखे गए किन्हीं भी आंकड़ों से बदतर है। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के प्रमुख अमेरिकी वित्तीय अर्थशास्त्री कैथी बोसजेंसिक ने कहा, कांग्रेस व ट्रंप प्रशासन की देरी से संकट और गहरा गया है। नोबेल से सम्मानित अर्थशास्त्री पॉल रोमर ने कहा, सरकार को बाजार का भरोसा जीतने के लिए कम से कम 100 अरब डॉलर खर्च करने पड़ेंगे, अन्यथा हालात काबू से बाहर दिख रहे हैं।
न्यूयार्क में बुरा हाल…अब शवों से आने लगी बदबू
कोरोना की मार झेल रहे न्यूयार्क निवासियों के सामने अब नई समस्या उभरने लगी है। बड़ी संख्या में मौतों के बाद अब वहां दफनाने में दिक्कत आ रही है। बुधवार को ब्रुकलीन में स्थानीय लोगों को पुलिस को बुलाना पड़ा। दरअसल, वहां के कब्रिस्तान के बाहर ट्रकों में बर्फ में बड़ी संख्या में शव रखे हुए हैं और अब उनसे बदबू आने लगी हैं। पुलिस अफसर ने बताया कि शाम को एक बड़े रेफ्ररिजरेटेड ट्रक में शवों को स्थानांतरित कर दिया गया।
बेल्जियम में 7500 से ज्यादा मौतें
बेल्जियम में पिछले 24 घंटे में 170 लोगों की मौत के साथ अब तक मरने वालों का आंकड़ा 7,594 हो गया है। वहीं, संक्रमण के 48,519 मामले आ चुके हैं।
महामारी को मात देने वालों का आंकड़ा 10 लाख पार
कोरोना से जूझ रही दुनिया में जांच का दायरा बढ़ने के साथ मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीं, इस महामारी को मात देने वालों का आंकड़ा भी 10,17,051 हो गया है। वहीं, बृहस्पतिवार देर रात तक 32,75,475 लोग इसकी चपेट में आ चुके थे। कुल मरीजों के हिसाब से देखें तो करीब 31 फीसदी संक्रमित ठीक हो चुके हैं। वहीं, विभिन्न देशों में इलाज करवा रहे 20,03,107 सक्रिय मरीजों में तीन फीसदी (54,919) की स्थिति गंभीर है।
पाकिस्तान : 15,000 से अधिक मामले, पंजाब में हालात खराब
पाकिस्तान में कोरोना से हालात धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं। संक्रमितों की संख्या 15,759 हो गई है। जबकि अब तक कुल 346 लोगों की मौत हुई है। संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित पंजाब और सिंध प्रांत हैं। पंजाब प्रांत में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 6,061 हो गई है, जबकि सिंध में 5,695 लोग संक्रमित पाए गए हैं। बता दें कि देेश में मंत्री और विधायक भी कारोना की चपेट में आ चुके हैं।
ब्रिटेन : पिता बनने के ठीक बाद जॉनसन ने की बैठक
अपनी मंगेतर से एक बेटे का पिता बनने के ठीक एक दिन बाद ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन अपनी कैबिनेट के शीर्ष मंत्रियों की बैठक की। बैठक में कोविड-19 संकट पर सरकार के कदमों और लॉकडाउन कम करने पर बातचीत हुई। इस बीच, विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ने लॉकडाउन में देरी की और मेडिकल से जुड़े स्टाफ के लिए सुरक्षात्मक उपकरणों की व्यवस्था करने में विफल रही।
दुनिया में कोरोना वायरस से अब तक 32,75,475 लोगों के संक्रमित होने और 2,31,573 मौतों के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। अमेरिका जैसी विश्व महाशक्ति में हालात और भी बदतर हैं जहां दूसरी तिमाही अभूतपूर्व 30 फीसदी गिरावट के साथ तबाह होने के संकेत दे रही है। यह 1920-30 के दशक की महामंदी से भी भयानक अव्यवस्था पैदा कर सकती है।
अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने ट्रेजरी और फेडरल रिजर्व अधिकारी पावेल के हवाले से लिखा है कि देश में कारोबार बंद होने और लोगों के घरों से बाहर न निकलने के चलते अमेरिकी अर्थव्यवस्था की दूसरी तिमाही बुरी हालत में आ गई है। इन हालातों में भीषण आर्थिक अव्यवस्था पैदा होने के चलते इसके बेहतर होने में कई साल लग सकते हैं। 26 लाख से ज्यादा अमेरिकी पहले ही रोजगार खो चुके हैं जिसके और बुरे होने की आशंका है।
पावेल ने कहा, हम दूसरी तिमाही के लिए आर्थिक डाटा देखने जा रहे हैं जो अर्थव्यवस्था के लिए हमारे द्वारा देखे गए किन्हीं भी आंकड़ों से बदतर है। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के प्रमुख अमेरिकी वित्तीय अर्थशास्त्री कैथी बोसजेंसिक ने कहा, कांग्रेस व ट्रंप प्रशासन की देरी से संकट और गहरा गया है। नोबेल से सम्मानित अर्थशास्त्री पॉल रोमर ने कहा, सरकार को बाजार का भरोसा जीतने के लिए कम से कम 100 अरब डॉलर खर्च करने पड़ेंगे, अन्यथा हालात काबू से बाहर दिख रहे हैं।
न्यूयार्क में बुरा हाल…अब शवों से आने लगी बदबू
कोरोना की मार झेल रहे न्यूयार्क निवासियों के सामने अब नई समस्या उभरने लगी है। बड़ी संख्या में मौतों के बाद अब वहां दफनाने में दिक्कत आ रही है। बुधवार को ब्रुकलीन में स्थानीय लोगों को पुलिस को बुलाना पड़ा। दरअसल, वहां के कब्रिस्तान के बाहर ट्रकों में बर्फ में बड़ी संख्या में शव रखे हुए हैं और अब उनसे बदबू आने लगी हैं। पुलिस अफसर ने बताया कि शाम को एक बड़े रेफ्ररिजरेटेड ट्रक में शवों को स्थानांतरित कर दिया गया।
बेल्जियम में 7500 से ज्यादा मौतें
बेल्जियम में पिछले 24 घंटे में 170 लोगों की मौत के साथ अब तक मरने वालों का आंकड़ा 7,594 हो गया है। वहीं, संक्रमण के 48,519 मामले आ चुके हैं।
महामारी को मात देने वालों का आंकड़ा 10 लाख पार
कोरोना से जूझ रही दुनिया में जांच का दायरा बढ़ने के साथ मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीं, इस महामारी को मात देने वालों का आंकड़ा भी 10,17,051 हो गया है। वहीं, बृहस्पतिवार देर रात तक 32,75,475 लोग इसकी चपेट में आ चुके थे। कुल मरीजों के हिसाब से देखें तो करीब 31 फीसदी संक्रमित ठीक हो चुके हैं। वहीं, विभिन्न देशों में इलाज करवा रहे 20,03,107 सक्रिय मरीजों में तीन फीसदी (54,919) की स्थिति गंभीर है।
पाकिस्तान : 15,000 से अधिक मामले, पंजाब में हालात खराब
पाकिस्तान में कोरोना से हालात धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं। संक्रमितों की संख्या 15,759 हो गई है। जबकि अब तक कुल 346 लोगों की मौत हुई है। संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित पंजाब और सिंध प्रांत हैं। पंजाब प्रांत में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 6,061 हो गई है, जबकि सिंध में 5,695 लोग संक्रमित पाए गए हैं। बता दें कि देेश में मंत्री और विधायक भी कारोना की चपेट में आ चुके हैं।
ब्रिटेन : पिता बनने के ठीक बाद जॉनसन ने की बैठक
अपनी मंगेतर से एक बेटे का पिता बनने के ठीक एक दिन बाद ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन अपनी कैबिनेट के शीर्ष मंत्रियों की बैठक की। बैठक में कोविड-19 संकट पर सरकार के कदमों और लॉकडाउन कम करने पर बातचीत हुई। इस बीच, विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ने लॉकडाउन में देरी की और मेडिकल से जुड़े स्टाफ के लिए सुरक्षात्मक उपकरणों की व्यवस्था करने में विफल रही।