Covid 19 India Updates Telangana Ask Bihar Government To Return 20 Thousand Workers To Work In Rice Mill – तेलंगाना ने चावल मिलों के लिए बिहार से वापस मांगे 20 हजार मजदूर, श्रमिकों की सूची भेजी




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लॉकडाउन के बीच एक ओर प्रवासी मजदूर घर लौटने की जद्दोजहद कर रहे हैं। वहीं तेलंगाना ने बिहार से बीस हजार मजदूर वापस भेजने की मांग की है। दरअसल तेलंगाना के राइस मिलों को धान की ढुलाई के लिए हमालाें की जरूरत है। गृह मंत्रालय की रियायत के बाद महज 500 हमाल बिहार से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से तेलंगाना पहुंचे हैं। लेकिन तेलंगाना सरकार ने बिहार को भेजे संदेश में 20 हजार मजदूरों की जरूरत बताई है।

तेलंगाना ने कहा, ‘बिहार के हजारों हमाल चावल मिल मालिकों के संपर्क में हैं। उन्होंने काम के लिए लौटने की इच्छा जाहिर की है। बिहार सरकार इनकी स्क्रीनिंग कर भिजवाने की व्यवस्था कर दें। तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने लौटने के इच्छुक मजदूरों की सूची भी बिहार सरकार को भेजी है। होली पर करीब 30 हजार मजदूर बिहार गए थे, जो लॉकडाउन के कारण वहां फंस गए। राइस मिल एसोसिएशन ने बताया कि हमाल नहीं गए होते तो अब तक धान मिलों तक पहुंचाने का काम पूरा हो गया होता।

37 लोग आगरा से बस में जम्मू-कश्मीर रवाना:
जम्मू कश्मीर सरकार के मुताबिक यूपी के आगरा से 37 लोग बस द्वारा जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हुए हैं। इनमें 11 विद्यार्थी (4 लड़कियां और सात लड़के) शामिल हैं। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने ट्विटर पर यह जानकारी दी। गृहमंत्रालय द्वारा प्रवासी मजदूर, श्रमिक, छात्रों और पर्यटकों को आवाजाही में छूट मिलने के बाद इन लोगों की वापसी हो पाई है।

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से दो लाख प्रवासी यूपी लौटे
करीब दो लाख प्रवासी अब तक ट्रेनों से यूपी पहुंच गए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया, सोमवार सुबह तक 184 ट्रेनाें में 2,20,640 मजदूर आए हैं। सोमवार को 66 ट्रेनें पहुंची और 55 अन्य ट्रेनें 70 हजार मजदूरों को लेकर लौटेंगी। करीब एक लाख मजदूर बीते चार दिनों में अन्य साधनों में प्रदेश लौटे हैं। उन्होंने बताया कि पैदल आ रहे लोगों को राज्यों की सीमाओं से साधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम का सख्त निर्देश है कि एक भी मजदूर पैदल नहीं लौटना चाहिए। ब्यूरो

गुजरात में फंसे 1200 की छत्तीसगढ़ और 1383 की मप्र को वापसी
लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन से सोमवार को 1200 लोग रांची और 1383 लोग भोपाल पहुंचे। रांची से 70 बसों से प्रवासी मजदूरों को रवाना किया गया।

केंद्र ने कहा, सड़कों व ट्रैक पर न जाने दें मजदूरों को
केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के पैदल घर जाने पर चिंता जाहिर करते हुए राज्यों से कहा है कि सड़कों और रेलवे ट्रैक पर प्रवासी मजदूर न जाने पाएं और उन्हें स्पेशल ट्रेनों या बसों से भेजे जाने के इंतजाम किए जाएं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने में सहयोग मांगा। भल्ला ने रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की बैठक का उल्लेख करते हुए कहा, बैठक में प्रवासी श्रमिकों की सड़कों और रेलवे पटरियों पर चलने की स्थिति पर गहरी चिंता जताई गई। उन्होंने कहा, श्रमिकों को उनके मूल स्थान पर पहुंचाने के लिए पहले ही बसों और श्रमिक स्पेशल ट्रेनें  चलाई जा रही हैं। एजेंसी

वंदे भारत: 6000 भारतीय लाए गए
करीब 6,000 भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत लाया गया है। 25 उड़ानों से 5163 लोगों को विदेश से भारत लाया जा चुका है। मालदीव से भारतीय नौसेना का पोत जलाश्व भी 700 भारतीयों को लेकर स्वदेश पहुंचा। एक अन्य नौसैनिक पोत मागर के सैकड़ों भारतीयों के साथ पहुंचने की संभावना है।  सरकारी आंकड़ों के मुताबिक केरल के करीब 2,000, तमिलनाडु के 883, महाराष्ट्र के 766, दिल्ली के 354 और कर्नाटक के 337 नागरिक अपने घर पहुंच चुके हैं। इसके अलावा जिन अन्य लोगों ने भारत सरकार से स्वदेश वापसी की गुहार लगाई है, उनमें केरल के 58,638, तमिलनाडु के 13,796, कर्नाटक के 5,874, महाराष्ट्र के 9,981 और दिल्ली के 3,401 नागरिक शामिल हैं। एजेंसी

महाराष्ट्र: 25 हजार कंपनियों में काम शुरू
महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के पलायन के बावजूद 25 हजार कंपनियों में उत्पादन शुरू हो चुका है। करीब साढ़े 6 लाख कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। राज्य के उद्योगमंत्री सुभाष देसाई ने सोमवार को कहा, रेड जोन को छोड़कर ग्रीन और ऑरेंज जोन में 57,745 उद्योग शुरू करने की अनुमति दी गई है।

लॉकडाउन के बीच एक ओर प्रवासी मजदूर घर लौटने की जद्दोजहद कर रहे हैं। वहीं तेलंगाना ने बिहार से बीस हजार मजदूर वापस भेजने की मांग की है। दरअसल तेलंगाना के राइस मिलों को धान की ढुलाई के लिए हमालाें की जरूरत है। गृह मंत्रालय की रियायत के बाद महज 500 हमाल बिहार से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से तेलंगाना पहुंचे हैं। लेकिन तेलंगाना सरकार ने बिहार को भेजे संदेश में 20 हजार मजदूरों की जरूरत बताई है।

तेलंगाना ने कहा, ‘बिहार के हजारों हमाल चावल मिल मालिकों के संपर्क में हैं। उन्होंने काम के लिए लौटने की इच्छा जाहिर की है। बिहार सरकार इनकी स्क्रीनिंग कर भिजवाने की व्यवस्था कर दें। तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने लौटने के इच्छुक मजदूरों की सूची भी बिहार सरकार को भेजी है। होली पर करीब 30 हजार मजदूर बिहार गए थे, जो लॉकडाउन के कारण वहां फंस गए। राइस मिल एसोसिएशन ने बताया कि हमाल नहीं गए होते तो अब तक धान मिलों तक पहुंचाने का काम पूरा हो गया होता।




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