Covid 19 Health Bulletin Live Updates 26 May On Coronavirus Health Ministry And Mha Pc Icmr – कोरोना बुलेटिन Live: देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 41.61 प्रतिशत हुई




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 26 May 2020 04:08 PM IST

Lav agrawal, health ministry

Lav agrawal, health ministry
– फोटो : ANI

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देश में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि प्रत्येक लॉकडाउन के साथ हमारे देश में संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों का प्रतिशत बढ़ता चला गया है। लव अग्रवाल ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की तुलना में हमारे यहां संक्रमण के मामले काफी कम रहे। इसके अलावा मृत्यु दर के मामले में भी हम ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं। हम उचित मात्रा में टेस्टिंग करने में जुटे हुए हैं। मार्च में 7.1 फीसदी रिकवरी रेट था, जो अब बढ़कर 41.61 प्रतिशत हो चुका है। 

  • जब पहला लॉकडाउन लगाया था तब ठीक होने की दर 7 प्रतिशत के आसपास थी। 
  • दूसरे लॉकडाउन में यह बढ़कर 11.24 फीसदी और तीसरे लॉकडाउन में यह बढ़कर 26.59 फीसदी हो गया। 
  • मौजूदा समय में मरीजों के ठीक होने की दर 41.61 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। 
  • दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले हमारे देश में स्थिति काफी बेहतर है।
  • हमारे यहां प्रति लाख आबादी पर 10.7 मामले दर्ज किए गए। 
  • देश में मृत्यु दर के मामले में भी सुधार हुआ है। पहले मृत्यु दर 3.03 फीसदी थी, जो अब 2.73 हो गई है।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण से 50 फीसदी मौत बुजुर्गों की हुई। केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों की सेहत का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
  • देश में आज 612 लैब हैं, जो कोरोना वायरस की टेस्टिंग कर रही हैं।  देश में 430 सरकारी लैब और 182 प्राइवेट लैब हैं। 
  • देश में अभी एक दिन में औसतन 1.1 लाख टेस्टिंग हो रही है।

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से बरतें सावधानी 

  • कोरोना वायरस से लड़ने में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सेवन करने को कहा गया है। 
  • मगर इसके सेवन से कुछ लोगों को चक्कर व उल्टी आने की दिक्कत हो रही है। 
  • इस संंबंध में आईसीएमआर ने बताया कि खाली पेट दवा लेने की वजह से ऐसी समस्या आ रही है। इसलिए हमेशा कुछ खाने के बाद ही इस दवा को लिया जाए। 
  • हालांकि केपीपीई का इस्तेमाल हमें करते रहना होगा। उसमें हमें कोई राहत नहीं है। 




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