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वक्ताओं ने पाकिस्तान की सेना पर देश के संसाधन संपन्न प्रांत बलूचिस्तान में बुद्धिजीवियों, छात्रों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं का अपहरण कर यातना देने और मौत के घाट तक उतार देने जैसे गंभीर आरोप लगाए। इस दौरान बलोच सामाजिक कार्यकर्ता मामा कादिर बलोच ने कहा, मैं अभी क्वेटा में लापता हुए बलोच लोगों के परिवार के सदस्यों के शिविर से बात कर रहा हूं।
पिछले हफ्ते ही बलूचिस्तान के अलग-अलग हिस्सों से कई लोग लापता हुए, जिनमें अधिकतर छात्र हैं। आईएसआई पर आरोप लगाते हुए मामा कादिर ने कहा, बलूचिस्तान से लोगों को भगाने के लिए पाकिस्तानी सेना कोरोना वायरस की स्थिति का फायदा उठा रही है। बलूचिस्तान के करीब हर परिवार से एक व्यक्ति गायब है, जिनमें महिलाएं व बच्चे तक शामिल हैं। हमारे पास ऐसे 350 से अधिक महिलाओं और 200 शिशुओं की सूची है, जो गायब होने का शिकार हैं।