डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 01 May 2020 07:39 PM IST
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को विभिन्न राज्यों में ट्रेन चलाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। पहले यह शंका जताई जा रही थी कि स्पेशल ट्रेन में चेन खींचने की हरकत हो सकती है। अब ऐसा नहीं होगा।
यात्रा के लिए जो नियमावली बन रही है, उसमें साफतौर से कहा गया है कि हर बोगी में चेन के सामने आरपीएफ का जवान बैठाया जाएगा। अगर किसी ने चेन खींचने का प्रयास किया तो आरोपी के खिलाफ उसी वक्त कार्रवाई होगी।
हर बोगी में दो जवान अलग से तैनात रहेंगे, जिनका काम सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखना होगा।
रेल मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि कुछ श्रमिक स्पेशल गाड़ियां ऐसी होंगी, जिन्हें लंबे रूट पर चलाया जाएगा। बाकी ट्रेनों का एक राज्य के कई स्टेशनों पर ठहराव दिया जा सकता है।
यह इस बात पर तय करेगा कि वह इलाका या स्टेशन कौन से जोन में स्थित है। साथ ही, गाड़ी में यात्रियों की संख्या के हिसाब से बीच के स्टेशनों का ठहराव निर्धारित होगा।
खास बात ये है कि ऐसे किसी भी स्टेशन पर जब गाड़ी रूकेगी तो उसमें से केवल यात्री उतरेंगे, चढ़ने की इजाजत किसी को नहीं मिलेगी। हालांकि उस दौरान संबंधित जिले का प्रशासन वहां मौजूद होगा।
उनके पास पहले से ही उतरने वाले लोगों की सूची होगी। वे वहीं पर उन लोगों की जांच करेंगे। इसके बाद उन्हें बसों में बैठाकर उनके घरों तक छोड़ दिया जाएगा। ट्रेन में लोगों को खाना मिलेगा।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को विभिन्न राज्यों में ट्रेन चलाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। पहले यह शंका जताई जा रही थी कि स्पेशल ट्रेन में चेन खींचने की हरकत हो सकती है। अब ऐसा नहीं होगा।
यात्रा के लिए जो नियमावली बन रही है, उसमें साफतौर से कहा गया है कि हर बोगी में चेन के सामने आरपीएफ का जवान बैठाया जाएगा। अगर किसी ने चेन खींचने का प्रयास किया तो आरोपी के खिलाफ उसी वक्त कार्रवाई होगी।
हर बोगी में दो जवान अलग से तैनात रहेंगे, जिनका काम सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखना होगा।
रेल मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि कुछ श्रमिक स्पेशल गाड़ियां ऐसी होंगी, जिन्हें लंबे रूट पर चलाया जाएगा। बाकी ट्रेनों का एक राज्य के कई स्टेशनों पर ठहराव दिया जा सकता है।
यह इस बात पर तय करेगा कि वह इलाका या स्टेशन कौन से जोन में स्थित है। साथ ही, गाड़ी में यात्रियों की संख्या के हिसाब से बीच के स्टेशनों का ठहराव निर्धारित होगा।
खास बात ये है कि ऐसे किसी भी स्टेशन पर जब गाड़ी रूकेगी तो उसमें से केवल यात्री उतरेंगे, चढ़ने की इजाजत किसी को नहीं मिलेगी। हालांकि उस दौरान संबंधित जिले का प्रशासन वहां मौजूद होगा।
उनके पास पहले से ही उतरने वाले लोगों की सूची होगी। वे वहीं पर उन लोगों की जांच करेंगे। इसके बाद उन्हें बसों में बैठाकर उनके घरों तक छोड़ दिया जाएगा। ट्रेन में लोगों को खाना मिलेगा।
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