Central Government Flags 145 Districts As Potential Coronavirus Hotspots, Says Prevention Measures Are Necessary Here – केंद्र ने 145 जिलों को संभावित कोविड-19 हॉटस्पॉट बताया, कहा- यहां रोकथाम उपाय अपनाना जरूरी




केंद्र सरकार ने 145 नए जिलों की पहचान की है, जहां पिछले तीन हफ्तों में कोविड-19 के नए मामले सामने आए हैं। सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि प्रभावी रोकथाम उपायों को नहीं अपनाया गया तो वे इस बीमारी के उपकेंद्र बनकर उभरेंगे। इन 145 जिलों में अधिकतर जिले ग्रामीण हैं। 

राज्य के प्रतिनिधियों को गुरुवार को दिए गए एक प्रस्तुतीकरण में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने रेखांकित किया कि पूर्वी भारत कोरोना वायरस के एक नए हॉटस्पॉट के रूप में उभर सकता है क्योंकि कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित विभिन्न राज्यों से अधिकतर प्रवासी पूर्वी भारत के राज्यों में पलायन कर रहे हैं। 

कैबिनेट सचिव ने कहा कि पूर्वी भारत के बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा समेत 12 राज्यों में पहले कोरोना के ज्यादा मामले दर्ज नहीं किए गए थे, लेकिन 25 मई तक तीन सप्ताह में तेजी से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। अन्य राज्यों जैसे कि त्रिपुरा और मणिपुर में भी पहले संक्रमण के मामले इकाई में थे, लेकिन अब कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गुरुवार तक देश के 1,65,000 मामलों में से अधिकतर मामले महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में सामने आए हैं। पिछले एक पखवाड़े में मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है।

मंत्रालय ने कहा कि भारत में 13 मई तक 75,000 मामले सामने आए थे। कोरोना के बढ़ते मामलों में बड़े राज्यों का मुख्य योगदान रहा, लेकिन बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में मामलों में वृद्धि देखी गई है। 

एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे कोविड-19 हॉटस्पॉट राज्यों से प्रवासी श्रमिकों की वापसी के कारण ही पूर्वी भारत में मामले बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि प्रवासी श्रमिकों की भीड़ बहुत बड़ी थी, इसलिए रेलवे और बस स्टेशनों पर यात्रियों की उचित स्क्रीनिंग नहीं की गई। इसलिए, कई प्रवासी मजदूरों से संक्रमण एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंच गया। 

मंत्रालय ने उन 145 जिलों की पहचान की है, जहां राज्य सरकारों को सक्रिय रूप से कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नए उपकेंद्रों का उदय न हो। प्रस्तुतीकरण के अनुसार, इन जिलों में 2,147 सक्रिय मामले भारत में कुल मामलों का 2.5% हैं। इनमें से 26 जिलों में कोरोना के 20 से अधिक सक्रिय मामले हैं। 




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