सरकार ने देश के करोड़ों कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए वित्तवर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी रिटर्न भरने की अवधि तीन महीने और बढ़ा दी है। कोरोना संकट की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने 30 सितंबर, 2020 तक रिटर्न दाखिल करने की छूट दी है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बुधवार को जारी नोटिफिकेशन में बताया कि जीएसटी रिटर्न में छूट के साथ ई-वे बिल की अवधि भी बढ़ाई गई है। कारोबारी और उद्योग 2018-19 के जीएसटी रिटर्न को अब 30 सितंबर तक दाखिल कर सकेंगे। पहले यह तिथि 30 जून रखी गई थी, लेकिन लॉकडाउन को तीसरी बार बढ़ाए जाने से होने वाली मुश्किलों को देखते हुए एक बार फिर राहत दी गई है।
इसके अलावा जिन कारोबारियों ने 24 मार्च से पहले ई-वे बिल जनरेट किया है और उसकी वैधता 20 मार्च से 15 अप्रैल के बीच थी, इसे भी बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया है। पहले यह वैधता 30 अप्रैल तक थी। इससे पहले सरकार ने 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों को रिटर्न में देरी पर विलंब शुल्क या जुर्माना से छूट दी थी। साथ ही अन्य कंपनियों के लिए विलंब शुल्क 12 से घटाकर 9 फीसदी कर दिया था।
कारोबारियों को मासिक रिटर्न भरने में आ रही परेशानियों को देखते हुए सरकार ने पंजीकृत व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के जरिए मासिक रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-3बी भरने की अनुमति दे दी है। दरअसल, लॉकडाउन में कार्यालय आदि बंद होने से डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर रिटर्न दाखिल करना संभव नहीं हो पा रहा था।
सीबीआईसी ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि करदाता 30 जून तक ईवीसी से रिटर्न सत्यापित कर सकते हैं। इसके अलावा शून्य रिटर्न वाले कारोबारियों के लिए एसएमएस सेवा भी शुरू की है। जहां रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का उपयोग कर एसएमएस के जरिये रिटर्न फाइल कर सकते हैं, जिसे वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
खाद्य कारोबारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देगा एफएसएसएआई
खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने बुधवार को कहा कि खाद्य कारोबार संचालन से जुड़े लोगों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका मकसद कोरोना वायरस महामारी के बीच सुरक्षा और स्वच्छता के साथ आपूर्ति शृंखला को बनाए रखना है।
नियामक ने कहा कि क्षेत्र से जुड़े कारोबारी फोस्टैक की वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रशिक्षण के बाद प्रमाण-पत्र ले सकेंगे, जिसमें विनिर्माता, पैकर्स, वितरक, खुदरा विक्रेता और डिलीवरी पार्टनर शामिल होंगे।
सार
- सरकार ने वित्तवर्ष 2018-19 के लिए तीन महीने बढ़ाई अवधि
- 30 जून थी पहले जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि
विस्तार
सरकार ने देश के करोड़ों कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए वित्तवर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी रिटर्न भरने की अवधि तीन महीने और बढ़ा दी है। कोरोना संकट की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने 30 सितंबर, 2020 तक रिटर्न दाखिल करने की छूट दी है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बुधवार को जारी नोटिफिकेशन में बताया कि जीएसटी रिटर्न में छूट के साथ ई-वे बिल की अवधि भी बढ़ाई गई है। कारोबारी और उद्योग 2018-19 के जीएसटी रिटर्न को अब 30 सितंबर तक दाखिल कर सकेंगे। पहले यह तिथि 30 जून रखी गई थी, लेकिन लॉकडाउन को तीसरी बार बढ़ाए जाने से होने वाली मुश्किलों को देखते हुए एक बार फिर राहत दी गई है।
इसके अलावा जिन कारोबारियों ने 24 मार्च से पहले ई-वे बिल जनरेट किया है और उसकी वैधता 20 मार्च से 15 अप्रैल के बीच थी, इसे भी बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया है। पहले यह वैधता 30 अप्रैल तक थी। इससे पहले सरकार ने 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों को रिटर्न में देरी पर विलंब शुल्क या जुर्माना से छूट दी थी। साथ ही अन्य कंपनियों के लिए विलंब शुल्क 12 से घटाकर 9 फीसदी कर दिया था।
ई-कोड से रिटर्न भरने की छूट
कारोबारियों को मासिक रिटर्न भरने में आ रही परेशानियों को देखते हुए सरकार ने पंजीकृत व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के जरिए मासिक रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-3बी भरने की अनुमति दे दी है। दरअसल, लॉकडाउन में कार्यालय आदि बंद होने से डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर रिटर्न दाखिल करना संभव नहीं हो पा रहा था।
सीबीआईसी ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि करदाता 30 जून तक ईवीसी से रिटर्न सत्यापित कर सकते हैं। इसके अलावा शून्य रिटर्न वाले कारोबारियों के लिए एसएमएस सेवा भी शुरू की है। जहां रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का उपयोग कर एसएमएस के जरिये रिटर्न फाइल कर सकते हैं, जिसे वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
खाद्य कारोबारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देगा एफएसएसएआई
खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने बुधवार को कहा कि खाद्य कारोबार संचालन से जुड़े लोगों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका मकसद कोरोना वायरस महामारी के बीच सुरक्षा और स्वच्छता के साथ आपूर्ति शृंखला को बनाए रखना है।
नियामक ने कहा कि क्षेत्र से जुड़े कारोबारी फोस्टैक की वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रशिक्षण के बाद प्रमाण-पत्र ले सकेंगे, जिसमें विनिर्माता, पैकर्स, वितरक, खुदरा विक्रेता और डिलीवरी पार्टनर शामिल होंगे।
Source link