Arvind Kejriwal And Manish Sisodia Reacts On Lg Decision Allowing Treatment Of Covid Patients Outside Delhi – शायद भगवान की मर्जी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें: केजरीवाल




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 08 Jun 2020 09:38 PM IST

अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला

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दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार के फैसले को पलटते हुए निर्देश दिया है कि दिल्ली का निवासी नहीं होने के आधार पर किसी भी मरीज को इलाज के लिए इनकार नहीं किया जाएगा। इसपर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एलजी साहब के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है। 

सीएम ने कहा कि महामारी के दौरान देशभर से आने वाले मरीजों के इलाज का इंतजाम करना बड़ी चुनौती है। शायद भगवान की मर्जी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें। हम सबके इलाज का इंतजाम करने की कोशिश करेंगे। 

वहीं दूसरी ओर उप-मुख्यमंत्री मनीष  सिसोदिया ने इसे भाजपा की चाल बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उपराज्यपाल पर हमारे फैसले को पलटने के लिए दबाव डाला है। जिसके बाद उन्होंने हमारे फैसले को पलट दिया। अब दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली के लोगों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। भाजपा कोरोना वायरस पर राजनीति क्यों कर रही? राज्य सरकारों की नीतियों को विफल करने की कोशिश क्यों की जा रही है ?

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पूरी तरह से विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया था ताकि भविष्य में मामलों में वृद्धि होने पर दिल्ली के लोगों को बिस्तर और उपचार मिल सके। सिसोदिया ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने योजना बनाई थी कि कितने मामलों के लिए कितने बिस्तरों की आवश्यकता होगी और उनकी व्यवस्था कैसे की जाएगी।

उपराज्यपाल ने आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि की कोरोना मामलों में मरीज के संपर्क में आए व्यक्तियों समेत  9 श्रेणियों में जांच करना अनिवार्य है।

सीएम केजरीवाल ने रविवार को ही एलान किया था कि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का ही इलाज होगा। लेकिन आज उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों के इलाज का आदेश खारिज कर दिया है। 

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार के फैसले को पलटते हुए निर्देश दिया है कि दिल्ली का निवासी नहीं होने के आधार पर किसी भी मरीज को इलाज के लिए इनकार नहीं किया जाएगा। इसपर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एलजी साहब के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है। 

सीएम ने कहा कि महामारी के दौरान देशभर से आने वाले मरीजों के इलाज का इंतजाम करना बड़ी चुनौती है। शायद भगवान की मर्जी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें। हम सबके इलाज का इंतजाम करने की कोशिश करेंगे। 

वहीं दूसरी ओर उप-मुख्यमंत्री मनीष  सिसोदिया ने इसे भाजपा की चाल बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उपराज्यपाल पर हमारे फैसले को पलटने के लिए दबाव डाला है। जिसके बाद उन्होंने हमारे फैसले को पलट दिया। अब दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली के लोगों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। भाजपा कोरोना वायरस पर राजनीति क्यों कर रही? राज्य सरकारों की नीतियों को विफल करने की कोशिश क्यों की जा रही है ?

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पूरी तरह से विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया था ताकि भविष्य में मामलों में वृद्धि होने पर दिल्ली के लोगों को बिस्तर और उपचार मिल सके। सिसोदिया ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने योजना बनाई थी कि कितने मामलों के लिए कितने बिस्तरों की आवश्यकता होगी और उनकी व्यवस्था कैसे की जाएगी।

उपराज्यपाल ने आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि की कोरोना मामलों में मरीज के संपर्क में आए व्यक्तियों समेत  9 श्रेणियों में जांच करना अनिवार्य है।

सीएम केजरीवाल ने रविवार को ही एलान किया था कि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का ही इलाज होगा। लेकिन आज उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों के इलाज का आदेश खारिज कर दिया है। 




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