न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Updated Sun, 24 May 2020 01:26 AM IST
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले में पिछले साल आईपीसी की विभिन्न धाराओं और अनैतिक तस्करी निरोधक अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
एफआईआर में बांग्लादेश से हैदराबाद समेत विभिन्न भारतीय शहरों में महिलाओं को लाकर उनका यौन शोषण कराने के आरोप दर्ज किए गए थे। एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, जस्टिस अपने साथियों के साथ मिलकर बांग्लादेश और भारत के बीच एक संगठित नेटवर्क बनाया हुआ था। इस नेटवर्क के जरिये वे सभी बांग्लादेश में लड़कियों को बहकाते थे और उन्हें भारत लाकर देह व्यापार में ढकेल देते थे।
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि जस्टिस से पहले इस गिरोह के सभी सदस्य गिरफ्तार किए जा चुके थे, जिनमें तीन बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद यूसुफ खान, बिट्ठी बेगम और सोजिब शाइक और एक भारतीय नागरिक रूहुल अमीन ढाली भी शामिल हैं। इन चारों के खिलाफ इस साल मार्च में अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है।
एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, जस्टिन की गिरफ्तारी के बाद उसके पुश्तैनी और किराये के मकानों की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान उसके अपराधों से जुड़े कई सबूत मिले। इसके साथ कई कागजात और कुछ ही महीने पहले बांग्लादेश से लाई गईं दो युवा महिलाएं भी बरामद हुईं। इस मामले की एनआईए की तरफ से आगे की जांच की जा रही है।