क्राइम डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Updated Mon, 04 May 2020 04:35 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : गूगल
केंद्र सरकार की ओर से सैनिटाइजर और मास्क बांटे जाने का बजट पाने के झांसे में आकर तीन पार्षदों के साथ डेढ़ लाख रुपये की ठगी हो गई। साइबर ठगों ने पीएमओ का अफसर बनकर बारी-बारी से तीनों को फोन किया और खातों का ब्योरा ले लिया। झांसे में आए पार्षदों ने ओटीपी भी बता दिया। इसके बाद खातों से रकम पार होने पर होने ठगी का पता चला।
साइबर सेल प्रभारी लॉन सिंह ने बताया कि रविवार सुबह सबसे पहले कल्याणपुर कला की पार्षद अंजू मिश्रा के पति कौशल मिश्रा के पास फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पीएमओ सचिवालय का अफसर बताकर 10 हजार रुपये का बजट आने का झांसा दिया। इसके बाद कौशल से पार्षद के खाते का ब्योरा मांगा।
कौशल ने पार्षद और परिवार के एक और सदस्य के खाते की जानकारी दे दी। इसके बाद जालसाज ने ओटीपी पूछकर दोनों खातों से 40 हजार रुपये उड़ा दिए। थोड़ी देर बाद आर्यनगर के पार्षद अमित मिश्रा के पास भी ऐसा ही फोन पहुंचा।
वह भी जालसाज की बातों में आकर खाते की जानकारी दे बैठे और इनके खाते से 60 हजार रुपये पार हो गए। इसके बाद परमपुरवा के पार्षद राकेश कुमार के पास फोन पहुंचा। उनके बेटे ने फोन उठाया और बजट का नाम सुनते ही खाते की जानकारी दे दी। ओटीपी बताते ही उनके खाते से 45 हजार रुपये उड़ गए। शिकायत पर साइबर सेल मामले की जानकारी कर रही है।
कोरोना महामारी को भी जालसाजों ने कमाई का जरिया बना लिया है। इसके पहले प्रधानमंत्री राहत कोष की फर्जी आईडी बनाकर रकम ऐंठने के मामले सामने आ चुके हैं। मोबाइल में फ्री डेटा पैक और छात्रवृत्ति जैसे झांसे देकर भी लोगों से ठगी हुई। साइबर सेल प्रभारी लॉन सिंह का कहना है कि ऐसी कॉल आने पर सरकार की वेबसाइट पर सही जानकारी लें। फोन कॉल पर किसी को खाते का ब्योरा न दें। सोशल मीडिया पर की गई मदद की अपील पर भावुक होकर किसी को रुपये ट्रांसफर न करें।
केंद्र सरकार की ओर से सैनिटाइजर और मास्क बांटे जाने का बजट पाने के झांसे में आकर तीन पार्षदों के साथ डेढ़ लाख रुपये की ठगी हो गई। साइबर ठगों ने पीएमओ का अफसर बनकर बारी-बारी से तीनों को फोन किया और खातों का ब्योरा ले लिया। झांसे में आए पार्षदों ने ओटीपी भी बता दिया। इसके बाद खातों से रकम पार होने पर होने ठगी का पता चला।
साइबर सेल प्रभारी लॉन सिंह ने बताया कि रविवार सुबह सबसे पहले कल्याणपुर कला की पार्षद अंजू मिश्रा के पति कौशल मिश्रा के पास फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पीएमओ सचिवालय का अफसर बताकर 10 हजार रुपये का बजट आने का झांसा दिया। इसके बाद कौशल से पार्षद के खाते का ब्योरा मांगा।
कौशल ने पार्षद और परिवार के एक और सदस्य के खाते की जानकारी दे दी। इसके बाद जालसाज ने ओटीपी पूछकर दोनों खातों से 40 हजार रुपये उड़ा दिए। थोड़ी देर बाद आर्यनगर के पार्षद अमित मिश्रा के पास भी ऐसा ही फोन पहुंचा।
वह भी जालसाज की बातों में आकर खाते की जानकारी दे बैठे और इनके खाते से 60 हजार रुपये पार हो गए। इसके बाद परमपुरवा के पार्षद राकेश कुमार के पास फोन पहुंचा। उनके बेटे ने फोन उठाया और बजट का नाम सुनते ही खाते की जानकारी दे दी। ओटीपी बताते ही उनके खाते से 45 हजार रुपये उड़ गए। शिकायत पर साइबर सेल मामले की जानकारी कर रही है।
संकट के दौर में भी चल रही जालसाजों की दुकान
कोरोना महामारी को भी जालसाजों ने कमाई का जरिया बना लिया है। इसके पहले प्रधानमंत्री राहत कोष की फर्जी आईडी बनाकर रकम ऐंठने के मामले सामने आ चुके हैं। मोबाइल में फ्री डेटा पैक और छात्रवृत्ति जैसे झांसे देकर भी लोगों से ठगी हुई। साइबर सेल प्रभारी लॉन सिंह का कहना है कि ऐसी कॉल आने पर सरकार की वेबसाइट पर सही जानकारी लें। फोन कॉल पर किसी को खाते का ब्योरा न दें। सोशल मीडिया पर की गई मदद की अपील पर भावुक होकर किसी को रुपये ट्रांसफर न करें।
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