Only One Percent Of Patients Examined, 11 Percent Found Infected In Delhi Hotspot – हॉटस्पॉट : महज एक फीसदी मरीजों की हुई जांच, 11 गुना मिले संक्रमित




ख़बर सुनें

कोरोना वायरस की रफ्तार रोकने के लिए दिल्ली में अब तक 92 कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं। इन इलाकों को पूरी तरह से सील किया जा चुका है। कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद यह जोन बनाया जाता है। दिल्ली में अब तक इन जोन में महज एक फीसदी मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। गौर करने वाली बात है कि करीब दो हजार से ज्यादा सैंपल की रिपोर्ट भी आ चुकी है, जिनमें से 11 फीसदी सैंपल कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

देश में कोरोना वायरस की जांच को लेकर दिल्ली हमेशा से ही आगे रहा है लेकिन कंटेनमेंट जोन में सैंपलिंग कम होने को लेकर अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ही अनुसार, कंटेनमेंट जोन तीन किलोमीटर की परिधि में बनाया जाता है। इस परिधि में आईएलआई और सांस के गंभीर रोगियों के सैंपल की जांच होगी। साथ ही अन्य लोगों की जांच करने के लिए भी कहा गया है। इसी परिधि में घर-घर जाकर सर्वे भी किया जा रहा है, जबकि बाकी दो किलोमीटर की परिधि को बफर जोन बनाया जा रहा है, जिसमें सैंपलिंग नहीं की जा रही है।

3273 नमूनों की रिपोर्ट आना बाकी, 233 मिले संक्रमित

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 92 कंटेनमेंट जोन में 357602 लोग रहते हैं। अब तक इनमें से 5360 (करीब एक फीसदी) लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 2087 सैंपल (39 फीसदी) की रिपोर्ट सामने आ चुकी है, जिनमें 233 लोग (11.16 फीसदी) संक्रमित मिले हैं, जबकि 1854 निगेटिव मिले हैं। 3273 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। 

महामारी विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली सरकार के आंकड़े कंटेनमेंट जोन में सैंपलिंग को तेज करने की ओर सीधे तौर पर इशारा कर रहे हैं। एक वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ का कहना है कि आईसीएमआर ने सैंपलिंग के लिए प्रोटोकॉल जरूर बनाएं हैं लेकिन कंटेनमेंट जोन की तीन किलोमीटर की परिधि को डील करना स्थानीय प्रशासन के अधिकार में है। अगर वे चाहें तो वहां जांच का दायरा बढ़ा सकते हैं। 

लॉकडाउन से पहले तक दिल्ली में करीब 3 हजार सैंपल की जांच हुई थी। 25 मार्च से 14 अप्रैल के बीच जब देश में लॉकडाउन लागू रहा, उस वक्त दिल्ली में 16282 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके थे, जबकि 14 से 24 अप्रैल के बीच दिल्ली में जांच का आंकड़ा 33 हजार पार पहुंच गया। 24 अप्रैल तक दिल्ली में 33672 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। इससे साबित होता है कि दिल्ली के कंटेनमेंट जोन को छोड़ दिया जाए तो बाकी हिस्सों में कोविड जांच की प्रक्रिया में तेजी आई है।

दिल्ली में अब तक हुई जांच
लैब        कुल सैंपल     पॉजिटिव    निगेटिव    लंबित
सरकारी    25082       2065       18772    3814
प्राइवेट     8590         449         7780     314
कुल       33672        2514       26552    4128

कंटेनमेंट जोन में हुई जांच की स्थिति 
कंटेनमेंट जोन      आबादी       कुल सैंपल     पॉजिटिव    निगेटिव     लंबित
92                        3,57,602        5360      233        1854        3273

लॉकडाउन से पहले (24 मार्च तक)
संक्रमित मरीज      डिस्चार्ज        मौत
30                           06            01

लॉकडाउन-1 (25 मार्च से 14 अप्रैल तक)
संक्रमित मरीज    डिस्चार्ज       मौत         
1530                   25            29         
 
लॉकडाउन-2 (15 अप्रैल से अब तक)
संक्रमित मरीज    डिस्चार्ज       मौत
953                     826           23

दिल्ली की स्थिति
कुल संक्रमित मरीज : 2514
कुल मौत : 53
डिस्चार्ज : 857
अस्पतालों में भर्ती : 1604
पहली स्टेज के मरीज : 880
दूसरी स्टेज के मरीज : 75
तीसरी स्टेज के मरीज : 481
गंभीर रीज : 38
(नोट : खबर में प्रयोग सभी आंकड़े 24 अप्रैल तक।)

कोरोना वायरस की रफ्तार रोकने के लिए दिल्ली में अब तक 92 कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं। इन इलाकों को पूरी तरह से सील किया जा चुका है। कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद यह जोन बनाया जाता है। दिल्ली में अब तक इन जोन में महज एक फीसदी मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। गौर करने वाली बात है कि करीब दो हजार से ज्यादा सैंपल की रिपोर्ट भी आ चुकी है, जिनमें से 11 फीसदी सैंपल कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

देश में कोरोना वायरस की जांच को लेकर दिल्ली हमेशा से ही आगे रहा है लेकिन कंटेनमेंट जोन में सैंपलिंग कम होने को लेकर अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ही अनुसार, कंटेनमेंट जोन तीन किलोमीटर की परिधि में बनाया जाता है। इस परिधि में आईएलआई और सांस के गंभीर रोगियों के सैंपल की जांच होगी। साथ ही अन्य लोगों की जांच करने के लिए भी कहा गया है। इसी परिधि में घर-घर जाकर सर्वे भी किया जा रहा है, जबकि बाकी दो किलोमीटर की परिधि को बफर जोन बनाया जा रहा है, जिसमें सैंपलिंग नहीं की जा रही है।

3273 नमूनों की रिपोर्ट आना बाकी, 233 मिले संक्रमित

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 92 कंटेनमेंट जोन में 357602 लोग रहते हैं। अब तक इनमें से 5360 (करीब एक फीसदी) लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 2087 सैंपल (39 फीसदी) की रिपोर्ट सामने आ चुकी है, जिनमें 233 लोग (11.16 फीसदी) संक्रमित मिले हैं, जबकि 1854 निगेटिव मिले हैं। 3273 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। 

महामारी विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली सरकार के आंकड़े कंटेनमेंट जोन में सैंपलिंग को तेज करने की ओर सीधे तौर पर इशारा कर रहे हैं। एक वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ का कहना है कि आईसीएमआर ने सैंपलिंग के लिए प्रोटोकॉल जरूर बनाएं हैं लेकिन कंटेनमेंट जोन की तीन किलोमीटर की परिधि को डील करना स्थानीय प्रशासन के अधिकार में है। अगर वे चाहें तो वहां जांच का दायरा बढ़ा सकते हैं। 


आगे पढ़ें

दिल्ली के बाकी हिस्सों में 10 दिन में दोगुनी जांच




Source link

Leave a comment