Chidambaram Urge Govt To Transfer Cash Distribute Free Foodgrains To Poor Says People Run Out Of Cash – चिदंबरम ने सरकार से की गरीबों को मुफ्त खाना और नकदी देने की मांग




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sun, 19 Apr 2020 11:14 AM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
– फोटो : Facebook

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को सरकार से गरीबों को नकद अंतरण करने और निशुल्क अनाज बांटने का अनुरोध करते हुए कहा कि सिर्फ एक संवेदना शून्य सरकार ही कुछ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों को नकदी की कमी है और वे मुफ्त के पके हुए भोजन के लिए कतारों में खड़े हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘इसके काफी सबूत हैं कि ज्यादातर लोगों के पास नकदी की कमी है और उन्हें मुफ्त का पका हुआ भोजन लेने के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। केवल एक संवेदना शून्य सरकार मूक बनी रहेगी और कुछ नहीं करेगी।’ चिदंबरम ने पूछा, ‘सरकार उन्हें भुखमरी से क्यों नहीं बचाती और हर गरीब परिवार को नकद रुपये देकर उनकी गरिमा की रक्षा क्यों नहीं करती।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘सरकार एफसीआई के साथ 7.7 करोड़ टन अनाज का एक छोटा-सा हिस्सा उन परिवारों को निशुल्क वितरित क्यों नहीं करती जिन्हें इस अनाज की जरूरत है।’ पूर्व वित्त मंत्री ने टि्वटर पर कहा, ‘ये सवाल आर्थिक और नैतिक दोनों हैं। जब राष्ट्र असहाय होकर खड़ा है तो नरेंद्र मोदी और निर्मला सीतारमण दोनों सवालों का जवाब देने में नाकाम रहे हैं।’
 

चिदंबरम उन गरीबों को नकद रुपये देने की मांग करते रहे हैं जिनके लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच रोजगार के बिना जीविकोपार्जन करना मुश्किल हो गया है। देश में विभिन्न राज्य की सीमाओं पर गांवों में अपने घरों तक पहुंचने की कवायद में हजारों प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं जिससे कुछ स्थानों में कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने में समस्या पैदा हो गई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को सरकार से गरीबों को नकद अंतरण करने और निशुल्क अनाज बांटने का अनुरोध करते हुए कहा कि सिर्फ एक संवेदना शून्य सरकार ही कुछ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों को नकदी की कमी है और वे मुफ्त के पके हुए भोजन के लिए कतारों में खड़े हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘इसके काफी सबूत हैं कि ज्यादातर लोगों के पास नकदी की कमी है और उन्हें मुफ्त का पका हुआ भोजन लेने के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। केवल एक संवेदना शून्य सरकार मूक बनी रहेगी और कुछ नहीं करेगी।’ चिदंबरम ने पूछा, ‘सरकार उन्हें भुखमरी से क्यों नहीं बचाती और हर गरीब परिवार को नकद रुपये देकर उनकी गरिमा की रक्षा क्यों नहीं करती।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘सरकार एफसीआई के साथ 7.7 करोड़ टन अनाज का एक छोटा-सा हिस्सा उन परिवारों को निशुल्क वितरित क्यों नहीं करती जिन्हें इस अनाज की जरूरत है।’ पूर्व वित्त मंत्री ने टि्वटर पर कहा, ‘ये सवाल आर्थिक और नैतिक दोनों हैं। जब राष्ट्र असहाय होकर खड़ा है तो नरेंद्र मोदी और निर्मला सीतारमण दोनों सवालों का जवाब देने में नाकाम रहे हैं।’
 

चिदंबरम उन गरीबों को नकद रुपये देने की मांग करते रहे हैं जिनके लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच रोजगार के बिना जीविकोपार्जन करना मुश्किल हो गया है। देश में विभिन्न राज्य की सीमाओं पर गांवों में अपने घरों तक पहुंचने की कवायद में हजारों प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं जिससे कुछ स्थानों में कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने में समस्या पैदा हो गई है।






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