दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और कर्नाटक ने बृहस्पतिवार को अपने यहां अलर्ट जारी कर दिए। लेकिन सबसे खतरनाक चेतावनी संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने दी है। एफएओ ने टिड्डी दलों के बिहार, ओडिशा तक पहुंचने की चेतावनी देने के साथ ही मानसूनी हवाओं के साथ जुलाई में दोबारा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान लौटने की चेतावनी दी है।
राजस्थान में अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि पाकिस्तान से राज्य में प्रवेश करने के बाद टिड्डी दलों ने राजधानी जयपुर समेत करीब 20 राज्यों में अपना आतंक फैलाया। अब तक के आकलन में इन जिलों में 90 हजार हेक्टेयर फसलों और हरियाली को नुकसान पहुंचाने की बात सामने आई है। कृषि आयुक्त ओम प्रकाश के मुताबिक, श्रीगंगानगर, नागौर, जयपुर, दौसा, करौली और सवाई माधोपुर होते हुए टिड्डी दलों ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का रुख कर लिया है। विभाग ने करीब 67 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी दलों को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाए हैं। उन्होंने इस बार टिड्डी दलों के भयानक हमले के लिए पाकिस्तान में खड़ी फसलों की कमी को बड़ा कारण बताया।
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में टिड्डी दलों के संभावित हमले को देखते हुए एक एडवाइजरी जारी की है। यह एडवाइजरी बृहस्पतिवार को श्रम मंत्री गोपाल राय के आवास पर संबंधित अधिकारियों की बैठक के बाद जारी की गई। अधिकारियों को रात के समय कीटनाशकों के घोल का छिड़काव कराने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही किसानों और अन्य लोगों के लिए जागरूकता अभियान चलाने को भी कहा गया है। हरियाणा के अपर मुख्य सचिव (कृषि और किसान कल्याण) संजीव कौशल के मुताबिक, टिड्डी हमले की संभावना पर सिरसा, फरीदाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कर्नाटक ने अपने यहां टिड्डी दल पहुंचने की संभावना के परीक्षण को एक कमेटी गठित कर दी है। ओडिशा ने भी अपने यहां एडवाइजरी जारी की है।
झांसी में एक वर्ग किमी फैलाव वाला टिड्डी दल खत्म, सोनभद्र में कोई नुकसान नहीं
उत्तर प्रदेश के झांसी और सोनभद्र जिलों में बुधवार रात से बृहस्पतिवार सुबह तक कीटनाशक छिड़काव के जरिये टिड्डी दलों को खत्म कर दिया गया। झांसी के मोठ और गरौठा क्षेत्रों में बुधवार शाम को करीब एक वर्ग किलोमीटर फैलाव वाले विशाल टिड्डी दल ने हमला किया था, लेकिल कृषि उपनिदेशक कमल कटियार के मुताबिक, ज्यादातर टिड्डी खत्म कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान परीछा के करीब एक बेहद छोटा सा टिड्डी दल बचकर उड़ने में सफल रहा। उन्होेंने कहा कि इस टिड्डी दल की लोकेशन हवा की दिशा पर निर्भर करेगी। पड़ोसी जिलों को इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है। कटियार ने बताया कि केंद्र से भेजी टीमों के साथ अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी पूरी रात चले अभियान के दौरान मौके पर मौजूद रहे। उधर, सोनभद्र में जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय ने कहा कि टिड्डी दल ने बुधवार रात को छोरवाल तहसील के बेमौरी गांव में हमला किया था, लेकिन पहले से तैयार कृषि विभाग की टीमों ने पूरी रात कीटनाशक स्प्रे करते हुए पूरे टिड्डी दल को खत्म कर दिया। फसलों या हरियाली को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इस मसले का संज्ञान लेते हुए झांसी, ललितपुर, आगरा, मथुरा, शामली, मुजफ़्फरनगर, बागपत, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, इटावा और कानपुर देहात के जिलाधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किए थे।
किसानों को मुआवजा बांटेगी एमपी सरकार, पन्ना में बजाये गए पुलिस सायरन
मध्य प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री कमल पटेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार टिड्डी दल के हमलों को प्राकृतिक आपदा घोषित करने की तैयारी कर रही है। इसके बाद नुकसान के लिए सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, सरकार लंबे समय तक राहत के लिए टिड्डी दलों के साथ उनके अंडों को भी नष्ट कराने की योजना बना रही है। इसके लिए वैज्ञानिकों से सलाह मशविरा किया जा रहा है। उधर, पन्ना जिले के टाइगर रिजर्व में टिड्डी दलों को पुलिस सायरन के तेज शोर से डराकर भगाने की कोशिश की गई।
महाराष्ट्र के भंडारा में आम की फसल प्रभावित, वापस मध्य प्रदेश पहुंचे टिड्डी दल
भारी संख्या में टिड्डी दलों ने पूर्वी महाराष्ट्र के भंडारा जिले से उड़ने के बाद बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पहुंच गए हैं। इससे पहले इन्होंने भंडारा जिले के तेमानी गांव में करीब एक किलोमीटर क्षेत्र में आम की फसल को नुकसान पहुंचाया। मंडलीय संयुक्त कृषि निदेशक रवि भोसले ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह कृषि विभाग की टीमों ने गांव में पहुंचकर स्प्रे करते हुए इन्हें भगा दिया। दोपहर करीब एक बजे ये भंडारा जिले की तुमसार तहसील के सोंदया गांव में देखे गए। वहां से बवनथड़ी नदी को पार करते हुए ये बालाघाट पहुंच गए। उन्होंने बताया कि टिड्डी दलों के दोबारा राज्य में प्रवेश की संभावना देखते हुए पालघर और गोंदिया आदि जिलों को हाईअलर्ट पर ही रखा गया है।
मानसून से पहले टिड्डी दल के अंडे भी करने होंगे नष्ट
देश के लगभग 50 जिलों में पहुंच चुके टिड्डी दलों का कहर थमता नहीं दिख रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के टिड्डी वार्निंग ऑर्गेनाइजेशन (एलडब्ल्यूओ) ने चेताया है कि वर्तमान टिड्डी समस्या से भी बड़ी समस्या टिड्डियों की नई नस्ल हो सकती है।
एलडब्ल्यूओ के उपनिदेशक के एल गुर्जर ने बताया कि एक वयस्क मादा टिड्डी अपने तीन महीने के जीवन चक्र में तीन बार 80 से 90 अंडे देती है। ये अंडे नष्ट नहीं हुए तो एक झुंड में 4 से 8 करोड़ तक टिड्डियां प्रति वर्ग किलोमीटर में दिखाई देंगी। किसानों की खरीफ की फसल भी जुलाई, अगस्त और सिंतबर कि दौरान तैयार होती है, जिसे ये टिड्डी दल पहल में चट कर सकता है। उन्होंने कहा कि खाली पड़े खेतों में मानसून चालू होते ही उनका प्रजनन बड़े पैमाने पर होने लगेगा। खाली खेतों में अंडे देने के कारण इनकी नई नस्ल परेशानी का सबब बनेगी। क्योंकि इनक अंडे देने का क्रम दो और महीने तक जारी रहेगा। जिससे खरीफ की फसल के उन्नत होने और टिड्डियों की नई पीढ़ी के बढ़ने का समय लगभग एक ही होगा।
खेतों में पानी भरकर रखें
वैज्ञानिकों ने अंडों को नष्ट करने के लिए खेतों में पानी भरकर रखने की सलाह दी गई है। इसके अलावा समय रहते कीटनाशकों का छिड़काव करके इन्हें नष्ट किया जा सकता है।
दिसंबर से अब तक उजाड़ी 15 लाख एकड़ फसल
एक अनुमान के मुताबिक, देश के छह राज्यों में पिछले साल दिसंबर से अब तक करीब 10 से 15 लाख एकड़ की फसल को इन टिड्डियों के कारण नुकसान पहुंचा है, जबकि सरकारी आकड़ों के हिसाब से अभी तक लगभग एक लाख एकड़ कपास, दलहन, तिलहन और गरमी में पैदा होने वाली सब्जियों और फलों की पैदावार टिड्डी हमले की भेंट चढ़ चुका है। अप्रैल के हमले का फसलों पर ज्यादा असर इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि अधिकतर जगह फसल कट चुकी थी और खेतों में बुआई नहीं हुई थी।