मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को 3 मई 2020 के बाद औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरू किया जाए, इसके लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने का भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी लखनऊ में लोकभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुलिस द्वारा नियमित तौर पर पेट्रोलिंग की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हॉटस्पाट क्षेत्रों में केवल स्वास्थ्य, सफाई और होम डिलीवरी से जुड़े कर्मी ही जाएं। हॉटस्पाट क्षेत्रों में सभी घरों को सैनिटाइज किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। जनपद वाराणसी, हापुड़, रामपुर, मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ में वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन और ओरेंज जोन में अनुमन्य की जाने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनाई जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क आदि के निर्माण कार्य से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेंटर और आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। शेल्टर होम में 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरा करने वालों का चिकित्सीय परीक्षण करने के बाद होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। मेडिकल टेस्टिंग के लिए पूल टेस्टिंग व रैंडम टेस्टिंग का उपयोग किया जाए।
जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी एल-1, एल-2 और एल-3 कोविड चिकित्सालयों, शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर का निरीक्षण करें। शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर की फूडिंग लॉजिंग व्यवस्था पर नजर रखी जाए। उन्होने कहा कि शेल्टर होम को जियो टैग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एल-1, एल-2 अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। एल-1 श्रेणी के कोविड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि की जाए। एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड्स बढ़ाए जाएं। सभी चिकित्सालयों में पीपीई किट और एन-95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। सभी टेस्टिंग लैब्स में पूल टेस्टिंग की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाए। सैम्पल लेने वालों को प्रोटोकॉल के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के दृष्टिगत वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी प्राप्त करने पर विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है। मेडिकल इन्फेक्शन को रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नर्सिंग होम के संचालकों और अन्य डॉक्टरों के साथ बैठक करते हुए टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने वाले डॉक्टरों की व्यवस्था करें। उन्होंने निर्देश दिए कि दूरभाष पर मरीजों को परामर्श देने वाले डॉक्टरों की सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में बड़ी मात्रा में भूसा उपलब्ध रहता है। इसके दृष्टिगत निराश्रित गोवंश के लिए गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को 3 मई 2020 के बाद औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरू किया जाए, इसके लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने का भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी लखनऊ में लोकभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुलिस द्वारा नियमित तौर पर पेट्रोलिंग की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हॉटस्पाट क्षेत्रों में केवल स्वास्थ्य, सफाई और होम डिलीवरी से जुड़े कर्मी ही जाएं। हॉटस्पाट क्षेत्रों में सभी घरों को सैनिटाइज किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। जनपद वाराणसी, हापुड़, रामपुर, मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ में वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन और ओरेंज जोन में अनुमन्य की जाने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनाई जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क आदि के निर्माण कार्य से जोड़ा जाए।
हर जिले में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेंटर तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेंटर और आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। शेल्टर होम में 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरा करने वालों का चिकित्सीय परीक्षण करने के बाद होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। मेडिकल टेस्टिंग के लिए पूल टेस्टिंग व रैंडम टेस्टिंग का उपयोग किया जाए।
जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी एल-1, एल-2 और एल-3 कोविड चिकित्सालयों, शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर का निरीक्षण करें। शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर की फूडिंग लॉजिंग व्यवस्था पर नजर रखी जाए। उन्होने कहा कि शेल्टर होम को जियो टैग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एल-1, एल-2 अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। एल-1 श्रेणी के कोविड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि की जाए। एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड्स बढ़ाए जाएं। सभी चिकित्सालयों में पीपीई किट और एन-95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। सभी टेस्टिंग लैब्स में पूल टेस्टिंग की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाए। सैम्पल लेने वालों को प्रोटोकॉल के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के दृष्टिगत वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी प्राप्त करने पर विचार किया जाए।
‘कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है’
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है। मेडिकल इन्फेक्शन को रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नर्सिंग होम के संचालकों और अन्य डॉक्टरों के साथ बैठक करते हुए टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने वाले डॉक्टरों की व्यवस्था करें। उन्होंने निर्देश दिए कि दूरभाष पर मरीजों को परामर्श देने वाले डॉक्टरों की सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में बड़ी मात्रा में भूसा उपलब्ध रहता है। इसके दृष्टिगत निराश्रित गोवंश के लिए गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए।