न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Updated Sat, 06 Jun 2020 02:39 AM IST
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उन्होंने बताया कि शक्तिशाली चक्रवात अम्फान ने सुंदरबन में जमकर तबाही मचाई है, जिससे यहां के लगभग 28 फीसदी क्षेत्र बर्बाद हो गए हैं। उन्होंने बताया कि यह चक्रवात इतना शक्तिशाली था कि इसके चपेट में आने से मैंग्रोव के हजारों पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं।
उन्होंने आगे बताया कि 4,263 वर्ग किलोमीटर के जंगलों में से 1,200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र नष्ट हो गए हैं। भारतीय सुंदरबन, डैम्पियर होजेस लाइन के दक्षिण में कुल 9,630 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें मैंग्रोव वन का भाग 4,263 वर्ग किमी का है।
अधिकारियों ने कहा कि बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान के बावजूद, मैंग्रोव को पहले की स्थिति में लाने में कई साल लग सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मैंग्रोव न केवल हवा की गति को कम करते हैं बल्कि चक्रवात के कारण आए तूफान के दौरान लहरों की गति को भी कम करते हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वन विभाग को 14 जुलाई (विश्व वन दिवस) तक 3.5 करोड़ मैंग्रोव लगाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कोलकाता में हुए नुकसान के बारे में बताते हुए कहा कि यहां लगभग 16,000 पेड़ क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि राज्य में प्रभावित क्षेत्रों में वृक्षारोपण पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस तुफान से सड़क पार्क और बगीचों में लगाए गए पेड़ों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
मुख्यमंत्री ने लोगों से आह्वान किया है कि राज्य में हरियाली को बहाल करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।