न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 30 May 2020 04:37 PM IST
कोरोना वायरस से निपटने के लिए फिलहाल किसी भी दवा या टीके को विकसित नहीं किया जा सका है। लेकिन कुछ दवाओं का आपातकाल स्थिति में इस्तेमाल कर इसपर काबू पाने की बात कही जा रही है, इसमें प्रमुख तौर पर अमेरिकी कंपनी गिलीड साइंसेज द्वारा बनाई गई दवा रेमडेसिविर का नाम शामिल है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में इस दवा के इस्तेमाल से कुछ अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं, जिसे अमेरिका और उसके बाद जापान में भी आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। वहीं सूत्रों के मुताबिक अब इस कंपनी ने दवा को भारतीय बाजार में बेचने की अनुमति के लिए भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को आवेदन दिया है। सीडीएससीओ विशेषज्ञ समिति की मदद से आवेदन का अध्ययन करेगा। वह विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर अंतिम निर्णय लेगा।’’
सूत्रों के अनुसार दवा का पेटेंट रखने वाली इस कंपनी ने रेमडेसिविर के लिए क्लीनिकल-पूर्व और क्लीनिकल अध्ययन के बारे में डेटा पूरा कर लिया है। अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा को आपातकाल में उपयोग के लिए स्वीकृति प्रदान की है।
एक सूत्र ने कहा कि यूएसएफडीए या अन्य किसी प्रतिष्ठित नियामक की मंजूरियों के आधार पर भारतीय नियामक दवा को नए औषधि और क्लीनिकल परीक्षण नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुरूप विशेष परिस्थितियों में क्लीनिकल ट्रायल से छूट देने के साथ स्वीकृति प्रदान कर सकता है।
अमेरिकी कंपनी ने आवेदन ऐसे समय में किया है जब दो भारतीय कंपनियों- सिप्ला और हीटीरो लैब्स ने भारत में रेमडेसिविर के उत्पादन और बिक्री की अनुमति के लिए दवा नियामक के पास आवेदन किया है। एक अधिकारी ने बताया कि इन कंपनियों ने रेमडेसिविर के लिए क्लीनिकल ट्रायल से छूट की मांग की है ताकि रोगियों के लिए तेजी से दवा उपलब्ध कराई जा सके।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए फिलहाल किसी भी दवा या टीके को विकसित नहीं किया जा सका है। लेकिन कुछ दवाओं का आपातकाल स्थिति में इस्तेमाल कर इसपर काबू पाने की बात कही जा रही है, इसमें प्रमुख तौर पर अमेरिकी कंपनी गिलीड साइंसेज द्वारा बनाई गई दवा रेमडेसिविर का नाम शामिल है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में इस दवा के इस्तेमाल से कुछ अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं, जिसे अमेरिका और उसके बाद जापान में भी आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। वहीं सूत्रों के मुताबिक अब इस कंपनी ने दवा को भारतीय बाजार में बेचने की अनुमति के लिए भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को आवेदन दिया है। सीडीएससीओ विशेषज्ञ समिति की मदद से आवेदन का अध्ययन करेगा। वह विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर अंतिम निर्णय लेगा।’’
सूत्रों के अनुसार दवा का पेटेंट रखने वाली इस कंपनी ने रेमडेसिविर के लिए क्लीनिकल-पूर्व और क्लीनिकल अध्ययन के बारे में डेटा पूरा कर लिया है। अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा को आपातकाल में उपयोग के लिए स्वीकृति प्रदान की है।
एक सूत्र ने कहा कि यूएसएफडीए या अन्य किसी प्रतिष्ठित नियामक की मंजूरियों के आधार पर भारतीय नियामक दवा को नए औषधि और क्लीनिकल परीक्षण नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुरूप विशेष परिस्थितियों में क्लीनिकल ट्रायल से छूट देने के साथ स्वीकृति प्रदान कर सकता है।
अमेरिकी कंपनी ने आवेदन ऐसे समय में किया है जब दो भारतीय कंपनियों- सिप्ला और हीटीरो लैब्स ने भारत में रेमडेसिविर के उत्पादन और बिक्री की अनुमति के लिए दवा नियामक के पास आवेदन किया है। एक अधिकारी ने बताया कि इन कंपनियों ने रेमडेसिविर के लिए क्लीनिकल ट्रायल से छूट की मांग की है ताकि रोगियों के लिए तेजी से दवा उपलब्ध कराई जा सके।
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