स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला
Updated Sat, 30 May 2020 04:52 PM IST
पूर्व विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद आखिरकार शनिवार को भारत लौट आए। कोविड-19 महामारी के चलते यात्रा संबंधित पांबदियों के कारण वह तीन महीने से ज्यादा समय से जर्मनी में फंसे थे।
आनंद फरवरी में बुंदेसलीगा शतरंज लीग खेलने के लिए जर्मनी गए थे और उन्हें मार्च में लौटना था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में यात्रा संबंधित पांबदियां लग गई जिसके कारण खेल गतविधियां भी प्रभावित हुईं।
आनंद फ्रैंकफर्ट से एयर इडिंया की फ्लाइट (ए1-120) से दिल्ली से होते हुए दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर बंगलूरू के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचें। उनकी पत्नी अरूणा ने कहा, ‘हां, आनंद लौट आए हैं। वह ठीक हैं। उन्होंने कहा कि वह भारत लौटकर खुश हैं।
अरूणा ने पहले कहा था, ‘हम खुश हैं कि आनंद इतने लंबे समय बाद लौट रहे हैं। उन्हें पृथक-वास प्रक्रिया पूरी करनी होगी और प्रोटोकॉल के अनुसार चेन्नई आना होगा।’
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पांच बार के विश्व चैम्पियन को कर्नाटक सरकार द्वारा जारी किए गए नियमों के अनुसार जांच में नेगेटिव पाए जाने की स्थिति में सात दिन तक संस्थान में पृथक-वास में रहना होगा और फिर उन्हें 14 दिन के लिए घर में पृथक रहना होगा।
पूर्व विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद आखिरकार शनिवार को भारत लौट आए। कोविड-19 महामारी के चलते यात्रा संबंधित पांबदियों के कारण वह तीन महीने से ज्यादा समय से जर्मनी में फंसे थे।
आनंद फरवरी में बुंदेसलीगा शतरंज लीग खेलने के लिए जर्मनी गए थे और उन्हें मार्च में लौटना था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में यात्रा संबंधित पांबदियां लग गई जिसके कारण खेल गतविधियां भी प्रभावित हुईं।
आनंद फ्रैंकफर्ट से एयर इडिंया की फ्लाइट (ए1-120) से दिल्ली से होते हुए दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर बंगलूरू के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचें। उनकी पत्नी अरूणा ने कहा, ‘हां, आनंद लौट आए हैं। वह ठीक हैं। उन्होंने कहा कि वह भारत लौटकर खुश हैं।
अरूणा ने पहले कहा था, ‘हम खुश हैं कि आनंद इतने लंबे समय बाद लौट रहे हैं। उन्हें पृथक-वास प्रक्रिया पूरी करनी होगी और प्रोटोकॉल के अनुसार चेन्नई आना होगा।’
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पांच बार के विश्व चैम्पियन को कर्नाटक सरकार द्वारा जारी किए गए नियमों के अनुसार जांच में नेगेटिव पाए जाने की स्थिति में सात दिन तक संस्थान में पृथक-वास में रहना होगा और फिर उन्हें 14 दिन के लिए घर में पृथक रहना होगा।
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