स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला
Updated Wed, 03 Jun 2020 04:17 PM IST
2019 में राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान प्राप्त करतीं दीपा मलिक
– फोटो : PIB
खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए आवेदन जमा करने की तारीख 22 जून तक बढ़ा दी है। इसके साथ ही कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में प्रस्तावक मिलने में होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर खिलाड़ियों को स्वयं के नामांकन की अनुमति भी दे दी है।
नामांकन प्रक्रिया पूरी करने का बुधवार को आखिरी दिन था, लेकिन समय सीमा बढा दी गई। इसके साथ ही प्रक्रिया में भी रियायत दी गई है। मंत्रालय के एक सर्कुलर में कहा गया, ‘हमने पुरस्कार योजना में अधिकारियों या व्यक्तियों की अनुशंसा पर भेजे गए आवेदन ही जमा करने का नियम खत्म कर दिया है। फॉर्म में इस हिस्से को खाली छोड़ा जा सकता है।’
मंत्रालय ने महामारी के कारण इस साल सिर्फ ईमेल से आवेदन मंगवाए थे। खेल पुरस्कार आवेदन के नियमों के तहत वे ही आवेदन मान्य होते हैं, जिनके लिए राष्ट्रीय महासंघ, खेल बोर्ड या पूर्व पुरस्कार विजेताओं ने अनुशंसा की हो।
अब रियायत के बाद वे खिलाड़ी भी आवेदन कर सकेंगे, जिनके नाम राष्ट्रीय खेल महासंघ ने नहीं भेजे हैं और उन्हें पूर्व विजेताओं से समर्थन भी हासिल नहीं है। हर साल महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर ये पुरस्कार दिए जाते हैं।
खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए आवेदन जमा करने की तारीख 22 जून तक बढ़ा दी है। इसके साथ ही कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में प्रस्तावक मिलने में होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर खिलाड़ियों को स्वयं के नामांकन की अनुमति भी दे दी है।
नामांकन प्रक्रिया पूरी करने का बुधवार को आखिरी दिन था, लेकिन समय सीमा बढा दी गई। इसके साथ ही प्रक्रिया में भी रियायत दी गई है। मंत्रालय के एक सर्कुलर में कहा गया, ‘हमने पुरस्कार योजना में अधिकारियों या व्यक्तियों की अनुशंसा पर भेजे गए आवेदन ही जमा करने का नियम खत्म कर दिया है। फॉर्म में इस हिस्से को खाली छोड़ा जा सकता है।’
मंत्रालय ने महामारी के कारण इस साल सिर्फ ईमेल से आवेदन मंगवाए थे। खेल पुरस्कार आवेदन के नियमों के तहत वे ही आवेदन मान्य होते हैं, जिनके लिए राष्ट्रीय महासंघ, खेल बोर्ड या पूर्व पुरस्कार विजेताओं ने अनुशंसा की हो।
अब रियायत के बाद वे खिलाड़ी भी आवेदन कर सकेंगे, जिनके नाम राष्ट्रीय खेल महासंघ ने नहीं भेजे हैं और उन्हें पूर्व विजेताओं से समर्थन भी हासिल नहीं है। हर साल महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर ये पुरस्कार दिए जाते हैं।
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