सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पेक्सेल्स
लॉकडाउन के बाद कमर्शियल उड़ानों के संचालन की अनुमति मिलने के बाद यात्रियों के लिए कुछ नए नियम सामने आ सकते हैं। इसमें कोविड-19 से संबंधित प्रश्नावली भरना, केबिन लगेज (हवाई जहाज में साथ ले जाने वाले सामान) को मनाही, आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल और विमान के टेकऑफ के समय से दो घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचना शामिल हो सकता है।
इस मसौदे (ड्राफ्ट) में आने-जाने वाले सभी घरेलू हवाई यात्रियों के आरोग्य सेतु एप पर ग्रीन स्टेटस (सुरक्षित मानक), वेब चेक-इन और तापमान की जांच को भी शामिल किया गया है। इसमें यात्रियों के अलावा सिक्योरिटी एजेंसी और एयरपोर्ट संचालकों के लिए भी पहचान पत्र की जांच और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे मानक प्रस्तुत किए गए हैं।
एक अन्य सुझाव मेडिकल इमरजेंसी में किसी भी यात्री को अलग करने के लिए एक विमान की तीन पंक्तियों को खाली रखना है। इसके साथ ही मंत्रालय मे सुझाव दिया है कि अधिक तापमान या आयु के कारण यात्रा नहीं कर पाने वाले यात्रियों को बिना किसी शुल्क के यात्रा की तारीख बदलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
यात्रा नहीं कर पाने वालों को बिना शुल्क अन्य तारीख में बुकिंग का प्रस्ताव
मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि यात्रियों को उच्च तापमान या उम्र के कारण यात्रा से वंचित किया जाना चाहिए और उन्हें बिना दंड के यात्रा की तारीख बदलने की अनुमति दी जानी चाहिए और एयरलाइंस को अपने रिकॉर्ड को बनाए रखना होगा।
मेडिकल इमरजेंसी के लिए तीन पंक्तियों को खाली रखने का प्रस्ताव दिया
इसके साथ ही एक सुझाव यह भी दिया गया है कि विमान की तीन पंक्तियों को खाली रखा जाए ताकि उड़ान के दौरान किसी यात्री को स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर उसे वहां आइसोलेट किया जा सके। इस एसओपी को एयरलाइंस और एयरपोर्ट संचालकों समेत शेयरधारकों से चर्चा के बाद तैयार किया गया है।
विमान में बीच की सीट को खाली रखने के मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं
वहीं, ध्यान देने वाली बात यह है कि उड़ान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए इस मसौदे में विमान की बीच की सीट को खाली रखने पर कोई बात नहीं की गई है। डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशक) विमान में बीच की सीट को खाली रखने का सुझाव दे चुका है।
सार
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश में कमर्शियल उड़ानों की दोबारा शुरुआत के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का एक मसौदा तैयार किया है। बता दें कि देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र ने 25 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन का एलान किया था, तब से ही ये उड़ानें बंद हैं।
विस्तार
लॉकडाउन के बाद कमर्शियल उड़ानों के संचालन की अनुमति मिलने के बाद यात्रियों के लिए कुछ नए नियम सामने आ सकते हैं। इसमें कोविड-19 से संबंधित प्रश्नावली भरना, केबिन लगेज (हवाई जहाज में साथ ले जाने वाले सामान) को मनाही, आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल और विमान के टेकऑफ के समय से दो घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचना शामिल हो सकता है।
इस मसौदे (ड्राफ्ट) में आने-जाने वाले सभी घरेलू हवाई यात्रियों के आरोग्य सेतु एप पर ग्रीन स्टेटस (सुरक्षित मानक), वेब चेक-इन और तापमान की जांच को भी शामिल किया गया है। इसमें यात्रियों के अलावा सिक्योरिटी एजेंसी और एयरपोर्ट संचालकों के लिए भी पहचान पत्र की जांच और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे मानक प्रस्तुत किए गए हैं।
एक अन्य सुझाव मेडिकल इमरजेंसी में किसी भी यात्री को अलग करने के लिए एक विमान की तीन पंक्तियों को खाली रखना है। इसके साथ ही मंत्रालय मे सुझाव दिया है कि अधिक तापमान या आयु के कारण यात्रा नहीं कर पाने वाले यात्रियों को बिना किसी शुल्क के यात्रा की तारीख बदलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
यात्रा नहीं कर पाने वालों को बिना शुल्क अन्य तारीख में बुकिंग का प्रस्ताव
मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि यात्रियों को उच्च तापमान या उम्र के कारण यात्रा से वंचित किया जाना चाहिए और उन्हें बिना दंड के यात्रा की तारीख बदलने की अनुमति दी जानी चाहिए और एयरलाइंस को अपने रिकॉर्ड को बनाए रखना होगा।
मेडिकल इमरजेंसी के लिए तीन पंक्तियों को खाली रखने का प्रस्ताव दिया
इसके साथ ही एक सुझाव यह भी दिया गया है कि विमान की तीन पंक्तियों को खाली रखा जाए ताकि उड़ान के दौरान किसी यात्री को स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर उसे वहां आइसोलेट किया जा सके। इस एसओपी को एयरलाइंस और एयरपोर्ट संचालकों समेत शेयरधारकों से चर्चा के बाद तैयार किया गया है।
विमान में बीच की सीट को खाली रखने के मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं
वहीं, ध्यान देने वाली बात यह है कि उड़ान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए इस मसौदे में विमान की बीच की सीट को खाली रखने पर कोई बात नहीं की गई है। डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशक) विमान में बीच की सीट को खाली रखने का सुझाव दे चुका है।
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