लखनऊ शहर के जिन 12 इलाकों को सबसे पहले हॉटस्पॉट या आंशिक हॉटस्पॉट घोषित किया गया था, उनमें से ज्यादातर क्षेत्रों में कोई भी नया मरीज नहीं मिला है। इन इलाकों में अगर हालात सामान्य रहे और आगे भी कोई पॉजिटिव मरीज नहीं मिला तो 14 दिन बाद यानी बुधवार को इन्हें ऑरेंज जोन घोषित किया जा सकता है।
आठ अप्रैल को घोषित हुए 12 इलाकों के रेड जोन की 14 दिन की अवधि बुधवार को पूरी हो जाएगी। सदर व नजीराबाद जैसे अतिसंवेदनशील इलाकों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातार इलाकों में सर्वे बंद किए जाने के साथ ही सैंपल लेने भी बंद कर दिए गए हैं। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा है कि संक्रमण के मामलों को देखते हुए हॉटस्पॉट क्षेत्रों को मानक के तहत ग्रीन जोन बनने के बाद ही सामान्य किए जाने का एलान किया जाएगा।
शहर में घोषित तीन हॉटस्पॉट इलाके ऐसे हैं जिनमें पिछले एक माह से एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। महानगर इलाके में 20 मार्च को कनिका कपूर कोरोना पॉजिटिव मिली थी, तब से यहां कोई नया मरीज नहीं मिला। खुर्रमनगर में रेजिडेंट डॉक्टर के बाद उसके तीन रिश्तेदार 19 मार्च को पॉजिटिव मिले थे। इसी तरह निशातगंज में 19 मार्च को ही यूके से लौटा एक युवक पॉजिटिव मिला था। तब से इन क्षेत्रों में भी कोई नया मरीज नहीं मिला है।
गुडंबा, हसनगंज, सआदतगंज, कैसरबाग, तालकटोरा, आदि इलाकों से जमाती पकड़े गए थे लेकिन वहां अन्य कोई पॉजिटिव मरीज नहीं मिला था। इन इलाकों में सर्वे करने के साथ सैंपल भी लिए गए थे। इसके अलावा मुंशीपुलिया, इंदिरानगर, आईआईएम रोड और वजीरगंज भी ऐसे हॉटस्पॉट व आंशिक हॉटस्पॉट इलाके हैं जहां पिछले 12 दिन से कोई भी पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। वहीं गोमती नगर में पहला मरीज 11 मार्च को मिला था। यहां पर महिला डॉक्टर राजधानी की पहली मरीज मिली थी। इसके बाद महिला डॉक्टर के साथ ससुर और 5 अप्रैल को महिला डॉक्टर का बेटा भी पॉजिटिव पाया गया था। राजधानी में अब तक 2470 सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें सर्वाधिक 600 सदर इलाके से हैं।
सबसे संवेदनशील सदर
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी में पहले 12 हॉटस्पॉट बनाए गए थे। इसके बाद कुछ अन्य इलाकों को भी इसमें शामिल किया गया था। तोपखाना में पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद हॉटस्पॉट की संख्या 22 कर दी गई है। इसमें सबसे संवेदनशील सदर इलाका है। इस इलाके से जमातियों सहित कुल मरीजों की संख्या करीब 146 हो गई है। इसमें तोपखाना के मरीज भी शामिल हैं। यहां सैंपल लेने की प्रक्रिया अभी बंद नहीं हुई है।
इसी तरह गोमतीनगर में चार मरीज मिले हैं। यहां से विभिन्न चरणों में करीब 24 सैंपल लिए गए हैं। महानगर में एक मरीज और 50 सैंपल, आईएमए रोड पर एक मरीज मिलने के बाद यहां करीब 20 सैंपल, नजीराबाद में सात मरीज मिले और यहां से करीब 123 सैंपल लिए गए हैं। खुर्रमनगर इलाके में चार मरीज मिले थे और इस इलाके से 35 लोगों के सैंपल लिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर, नजीराबाद और बाद में हॉटस्पॉट बनाए गए इलाकों में लगातार टीमें भ्रमण कर रही हैं और लक्षण के आधार पर सैंपल भी ले रही हैं, लेकिन गोमती नगर, आईएमए रोड, खुर्रमनगर सहित कई इलाकों में अब सैंपल कलेक्शन नहीं किया जा रहा है। यह अलग बात है कि अभी यहां हॉटस्पॉट के तौर पर लोगों के बाहर निकलने पर पाबंदी है।
यहां पर अब नहीं लिया जा रहा है सैंपल : गोमती नगर, खुर्रम नगर, निशातगंज, महानगर में अब सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं। इसी तरह गुडंबा, हसनगंज, कैसरबाग, तालकटोरा, वजीरगंज आदि इलाकों में जमातियों के आने के दौरान हॉटस्पॉट बनाया गया था। यहां भी कोई नया मरीज न मिलने से अब सैंपल नहीं लिया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्वारंटीन किए गए लोगों पर नजर रखी जा रही है।
लखनऊ शहर के जिन 12 इलाकों को सबसे पहले हॉटस्पॉट या आंशिक हॉटस्पॉट घोषित किया गया था, उनमें से ज्यादातर क्षेत्रों में कोई भी नया मरीज नहीं मिला है। इन इलाकों में अगर हालात सामान्य रहे और आगे भी कोई पॉजिटिव मरीज नहीं मिला तो 14 दिन बाद यानी बुधवार को इन्हें ऑरेंज जोन घोषित किया जा सकता है।
आठ अप्रैल को घोषित हुए 12 इलाकों के रेड जोन की 14 दिन की अवधि बुधवार को पूरी हो जाएगी। सदर व नजीराबाद जैसे अतिसंवेदनशील इलाकों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातार इलाकों में सर्वे बंद किए जाने के साथ ही सैंपल लेने भी बंद कर दिए गए हैं। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा है कि संक्रमण के मामलों को देखते हुए हॉटस्पॉट क्षेत्रों को मानक के तहत ग्रीन जोन बनने के बाद ही सामान्य किए जाने का एलान किया जाएगा।
शहर में घोषित तीन हॉटस्पॉट इलाके ऐसे हैं जिनमें पिछले एक माह से एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। महानगर इलाके में 20 मार्च को कनिका कपूर कोरोना पॉजिटिव मिली थी, तब से यहां कोई नया मरीज नहीं मिला। खुर्रमनगर में रेजिडेंट डॉक्टर के बाद उसके तीन रिश्तेदार 19 मार्च को पॉजिटिव मिले थे। इसी तरह निशातगंज में 19 मार्च को ही यूके से लौटा एक युवक पॉजिटिव मिला था। तब से इन क्षेत्रों में भी कोई नया मरीज नहीं मिला है।
इन इलाकों में भी नहीं मिला नया मरीज
गुडंबा, हसनगंज, सआदतगंज, कैसरबाग, तालकटोरा, आदि इलाकों से जमाती पकड़े गए थे लेकिन वहां अन्य कोई पॉजिटिव मरीज नहीं मिला था। इन इलाकों में सर्वे करने के साथ सैंपल भी लिए गए थे। इसके अलावा मुंशीपुलिया, इंदिरानगर, आईआईएम रोड और वजीरगंज भी ऐसे हॉटस्पॉट व आंशिक हॉटस्पॉट इलाके हैं जहां पिछले 12 दिन से कोई भी पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। वहीं गोमती नगर में पहला मरीज 11 मार्च को मिला था। यहां पर महिला डॉक्टर राजधानी की पहली मरीज मिली थी। इसके बाद महिला डॉक्टर के साथ ससुर और 5 अप्रैल को महिला डॉक्टर का बेटा भी पॉजिटिव पाया गया था। राजधानी में अब तक 2470 सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें सर्वाधिक 600 सदर इलाके से हैं।
सबसे संवेदनशील सदर
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी में पहले 12 हॉटस्पॉट बनाए गए थे। इसके बाद कुछ अन्य इलाकों को भी इसमें शामिल किया गया था। तोपखाना में पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद हॉटस्पॉट की संख्या 22 कर दी गई है। इसमें सबसे संवेदनशील सदर इलाका है। इस इलाके से जमातियों सहित कुल मरीजों की संख्या करीब 146 हो गई है। इसमें तोपखाना के मरीज भी शामिल हैं। यहां सैंपल लेने की प्रक्रिया अभी बंद नहीं हुई है।
इसी तरह गोमतीनगर में चार मरीज मिले हैं। यहां से विभिन्न चरणों में करीब 24 सैंपल लिए गए हैं। महानगर में एक मरीज और 50 सैंपल, आईएमए रोड पर एक मरीज मिलने के बाद यहां करीब 20 सैंपल, नजीराबाद में सात मरीज मिले और यहां से करीब 123 सैंपल लिए गए हैं। खुर्रमनगर इलाके में चार मरीज मिले थे और इस इलाके से 35 लोगों के सैंपल लिए गए हैं।
हॉटस्पॉट बनाए गए इलाकों में लगातार स्वास्थ्य टीमें कर रही हैं भ्रमण
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर, नजीराबाद और बाद में हॉटस्पॉट बनाए गए इलाकों में लगातार टीमें भ्रमण कर रही हैं और लक्षण के आधार पर सैंपल भी ले रही हैं, लेकिन गोमती नगर, आईएमए रोड, खुर्रमनगर सहित कई इलाकों में अब सैंपल कलेक्शन नहीं किया जा रहा है। यह अलग बात है कि अभी यहां हॉटस्पॉट के तौर पर लोगों के बाहर निकलने पर पाबंदी है।
यहां पर अब नहीं लिया जा रहा है सैंपल : गोमती नगर, खुर्रम नगर, निशातगंज, महानगर में अब सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं। इसी तरह गुडंबा, हसनगंज, कैसरबाग, तालकटोरा, वजीरगंज आदि इलाकों में जमातियों के आने के दौरान हॉटस्पॉट बनाया गया था। यहां भी कोई नया मरीज न मिलने से अब सैंपल नहीं लिया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्वारंटीन किए गए लोगों पर नजर रखी जा रही है।