बसपा सुप्रीमो मायावती।
– फोटो : amar ujala
उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के लिए बसें चलाने को लेकर सरकार और कांग्रेस आमने-सामने हैं। पिछले कई दिनों से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। बस का मुद्दा अब पूरी तरह से राजनीतिक नजर आने लगा है। भाजपा-कांग्रेस के साथ अब इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिकिया भी लगातार आ रही हैं। उन्होंने दोनों ही पार्टियों पर कई प्रकार के आरोप लगाए हैं।
बुधवार की सुबह उन्होंने लगातार चार ट्वीट किए। उन्होंने लिखा कि पिछले कई दिनों से प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के नाम पर खासकर बीजेपी व कांग्रेस द्वारा जिस प्रकार से घिनौनी राजनीति की जा रही है यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण। कहीं ऐसा तो नहीं ये पार्टियां आपसी मिलीभगत से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करके इनकी त्रास्दी पर से ध्यान बांट रही हैं?
यदि ऐसा नहीं है तो बीएसपी का कहना है कि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही घर भेजने में मदद करने पर अड़ने की बजाए, इनका टिकट लेकर ट्रेनों से ही इन्हें इनके घर भेजने में इनकी मदद करनी चाहिए तो यह ज्यादा उचित व सही होगा।
मायावती ने आगे लिखा कि जबकि इन्हीं सब बातों को खास ध्यान में रखकर ही बीएसपी के लोगों ने अपने सामर्थ्य के हिसाब से प्रचार व प्रसार के चक्कर में ना पड़कर बल्कि पूरे देश में इनकी हर स्तर पर काफी मदद की है अर्थात् बीजेपी व कांग्रेस पार्टी की तरह इनकी मदद की आड़ में कोई घिनौनी राजनीति नहीं की है।
साथ ही, बीएसपी की कांग्रेस पार्टी को यह सलाह भी है कि यदि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही उनके घर वापसी में मदद करनी है अर्थात ट्रेनों से नहीं करनी है तो फिर इनको अपनी ये सभी बसें कांग्रेस-शासित राज्यों में श्रमिकों की मदद में लगा देनी चाहिये तो यह बेहतर होगा।
उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के लिए बसें चलाने को लेकर सरकार और कांग्रेस आमने-सामने हैं। पिछले कई दिनों से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। बस का मुद्दा अब पूरी तरह से राजनीतिक नजर आने लगा है। भाजपा-कांग्रेस के साथ अब इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिकिया भी लगातार आ रही हैं। उन्होंने दोनों ही पार्टियों पर कई प्रकार के आरोप लगाए हैं।
बुधवार की सुबह उन्होंने लगातार चार ट्वीट किए। उन्होंने लिखा कि पिछले कई दिनों से प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के नाम पर खासकर बीजेपी व कांग्रेस द्वारा जिस प्रकार से घिनौनी राजनीति की जा रही है यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण। कहीं ऐसा तो नहीं ये पार्टियां आपसी मिलीभगत से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करके इनकी त्रास्दी पर से ध्यान बांट रही हैं?
यदि ऐसा नहीं है तो बीएसपी का कहना है कि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही घर भेजने में मदद करने पर अड़ने की बजाए, इनका टिकट लेकर ट्रेनों से ही इन्हें इनके घर भेजने में इनकी मदद करनी चाहिए तो यह ज्यादा उचित व सही होगा।
मायावती ने आगे लिखा कि जबकि इन्हीं सब बातों को खास ध्यान में रखकर ही बीएसपी के लोगों ने अपने सामर्थ्य के हिसाब से प्रचार व प्रसार के चक्कर में ना पड़कर बल्कि पूरे देश में इनकी हर स्तर पर काफी मदद की है अर्थात् बीजेपी व कांग्रेस पार्टी की तरह इनकी मदद की आड़ में कोई घिनौनी राजनीति नहीं की है।
साथ ही, बीएसपी की कांग्रेस पार्टी को यह सलाह भी है कि यदि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही उनके घर वापसी में मदद करनी है अर्थात ट्रेनों से नहीं करनी है तो फिर इनको अपनी ये सभी बसें कांग्रेस-शासित राज्यों में श्रमिकों की मदद में लगा देनी चाहिये तो यह बेहतर होगा।
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