महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण शहर में एक 20 दिन के बच्चे में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। केडीएमसी में स्वास्थ्य के चिकित्सा अधिकारी डॉ राजू लावांगरे ने कहा कि कल्याण डोंबिवली म्यूनिसिपल सीमा में परिक्षण के दौरान छह और लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण पाए गए हैं। इनमें एक 20 दिन का छोटा बच्चा भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि शिशु की मां में पहले ही कोरोना वायरस के संक्रमण पाए गए थे, जिसके बाद उनका एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा था।
महाराष्ट्र: कोरोना वायरस की जांच से मना करने वाले अस्पतालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
महाराष्ट्र में अब कोरोना वायरस की जांच करने से मना करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। राज्य के मुख्य सचिव अजय मेहता ने गुरुवार को महाराष्ट्र में सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि किसी भी मरीज को बिना जांच किए वापस नहीं लौटाना है। दरअसल कई निजी अस्पतालों और क्लीनिकों के खिलाफ ढेर सारी शिकायतें आ रही हैं कि वहां कोविड-19 का टेस्ट करने से मना कर दिया जा रहा है।
अजय मेहता ने साफ शब्दों में कहा कि महाराष्ट्र सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मेहता ने बताया कि आधिकारिक आदेश दो मई से लागू होंगे। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्य सचिव ने यह आदेश जारी किया है। इसमें सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को किसी भी हालात में मरीजों को बिना जांच वापस नहीं लौटाने का निर्देश दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भी तय करना होगा कि कोरोना वायरस के नमूने लिए जाने के 12 घंटे के अंदर जांच के परिणाम आ जाए। वहीं, मृत मरीजों के शवों को अस्पताल से 30 मिनट के अंदर वार्ड से हटाया जाए।
हालांकि, इस आदेश का पालन करने में लगातार परेशानी आ रही है, जहां कोरोना वायरस की जांच के लिए भेजे गए नमूनों का परिणाम 48 घंटे बाद आ रहे हैं। इसके अलावा कई ऐसे मामले देखने को मिले हैं, जहां मृतक मरीजों का शव वार्ड में चार घंटे से भी ज्यादा समय तक रखा रहा। इन मामलों को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख भी पहले कई बार उठा चुके हैं ।
मेहता ने कहा है कि मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार 12 घंटे के अंदर कर दिया जाए। इसके अलावा ऐसा करते समय निर्धारित दिशा-निर्देश और नियमों का पालन भी करने को कहा है ।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण शहर में एक 20 दिन के बच्चे में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। केडीएमसी में स्वास्थ्य के चिकित्सा अधिकारी डॉ राजू लावांगरे ने कहा कि कल्याण डोंबिवली म्यूनिसिपल सीमा में परिक्षण के दौरान छह और लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण पाए गए हैं। इनमें एक 20 दिन का छोटा बच्चा भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि शिशु की मां में पहले ही कोरोना वायरस के संक्रमण पाए गए थे, जिसके बाद उनका एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा था।
महाराष्ट्र: कोरोना वायरस की जांच से मना करने वाले अस्पतालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
महाराष्ट्र में अब कोरोना वायरस की जांच करने से मना करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। राज्य के मुख्य सचिव अजय मेहता ने गुरुवार को महाराष्ट्र में सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि किसी भी मरीज को बिना जांच किए वापस नहीं लौटाना है। दरअसल कई निजी अस्पतालों और क्लीनिकों के खिलाफ ढेर सारी शिकायतें आ रही हैं कि वहां कोविड-19 का टेस्ट करने से मना कर दिया जा रहा है।
अजय मेहता ने साफ शब्दों में कहा कि महाराष्ट्र सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मेहता ने बताया कि आधिकारिक आदेश दो मई से लागू होंगे। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्य सचिव ने यह आदेश जारी किया है। इसमें सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को किसी भी हालात में मरीजों को बिना जांच वापस नहीं लौटाने का निर्देश दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भी तय करना होगा कि कोरोना वायरस के नमूने लिए जाने के 12 घंटे के अंदर जांच के परिणाम आ जाए। वहीं, मृत मरीजों के शवों को अस्पताल से 30 मिनट के अंदर वार्ड से हटाया जाए।
हालांकि, इस आदेश का पालन करने में लगातार परेशानी आ रही है, जहां कोरोना वायरस की जांच के लिए भेजे गए नमूनों का परिणाम 48 घंटे बाद आ रहे हैं। इसके अलावा कई ऐसे मामले देखने को मिले हैं, जहां मृतक मरीजों का शव वार्ड में चार घंटे से भी ज्यादा समय तक रखा रहा। इन मामलों को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख भी पहले कई बार उठा चुके हैं ।
मेहता ने कहा है कि मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार 12 घंटे के अंदर कर दिया जाए। इसके अलावा ऐसा करते समय निर्धारित दिशा-निर्देश और नियमों का पालन भी करने को कहा है ।
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