न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 24 Apr 2020 07:23 PM IST
डॉ. वीके पॉल
– फोटो : एएनआई
नीति आयोग के सदस्य और कोविड-19 पर गठित उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष डॉ. विनोद के पॉल ने कहा है कि हमारा विश्लेषण यह बताता है कि कोरोना संक्रमण मामलों के दोगुने होने की दर को धीमा करने में लॉकडाउन प्रभावी साबित हुआ है। डॉ. पॉल ने कहा कि लाॉकडाउन का फैसला समय से लिया गया। अगर इसे लागू करने में देर की जाती तो वर्तमान में देश में कोरोना के मामलों की जो संख्या 23 हजार के आस-पास है वह संख्या 73 हजार तक जा सकती थी।
पीआईबी (प्रेस सूचना ब्यूरो) की रिपोर्ट बताती है कि 21 मार्च को देश में कोरोना के मामले तीन दिन में दोगुने हो रहे थे। इसके मुताबिक, लॉकडाउन के पहले सप्ताह (24 से 30 मार्च) के बीच मामलों के दोगुने होने की दर 5.3 दिन थी। इसके दूसरे सप्ताह (31 मार्च से छह अप्रैल) में यह रफ्तार घटकर 4.2 दिन हो गई। लॉकडाउन के तीसरे सप्ताह (7 से 13 अप्रैल) में यह आंकड़ा छह दिन हुआ और चौथे सप्ताह (14 से 20 अप्रैल) में कोरोना के मामलों की संख्या दोगुनी होने की दर 8.6 दिन हो गई।
लड़ाई लंबी है, अभी साल भर बना रहेगा खतरा
डॉ. पॉल का कहना है कि कोरोना के खिलाफ जंग में पिछले एक महीने में भारत सरकार को प्रभावी परिणाम मिले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन लागू करने का समय से लिए गए फैसले ने देश में कोरोना को भयावह तरीके से फैलने से रोक दिया। उन्होंने कहा, लॉकडाउन का फैसला प्रभावी था और इसने संक्रमण की रफ्तार धीमी करने में खासी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का खतरा अभी एक-सवा साल तक बने रहने के आसार हैं।
डॉ. पॉल ने कहा कि जितनी उनकी वायरस के बारे में समझ बनी है, उसके मुताबिक जब तक यह दुनिया में कहीं भी रहेगा, भारत के लिए भी खतरा बना रहेगा। इसका समाधान केवल वैक्सीन आने पर ही संभव है, जिसमें अभी समय लग सकता है। डॉ. पॉल ने माना कि भारत में कोविड-19 का संक्रमण फैल रहा है। यह लड़ाई लंबी है। लोगों की लापरवाही के कारण नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे अगले एक-दो महीने तक कोविड-19 का संक्रमण फैलने की गति बनी रह सकती है।
पिछले 24 घंटे में देशभर में 1752 नए मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1752 नए मामले सामने आए हैं और 37 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 23,452 हो गई है, जिसमें 17,915 सक्रिय हैं, 4813 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 724 लोगों की मौत हो गई है।
सार
- कोरोना की रफ्तार धीमी करने में प्रभावी साबित हुआ है लॉकडाउन
- लॉकडाउन के पहले सप्ताह में कोरोना मामले 5 दिन में दोगुने हो रहे थे
- चौथे सप्ताह में कोरोना मामलों के दोगुने होने की दर हो गई आठ दिन
- देश में अभी तक कोरोना के 23,452 मामले, 724 लोगों की हुई मौत
विस्तार
नीति आयोग के सदस्य और कोविड-19 पर गठित उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष डॉ. विनोद के पॉल ने कहा है कि हमारा विश्लेषण यह बताता है कि कोरोना संक्रमण मामलों के दोगुने होने की दर को धीमा करने में लॉकडाउन प्रभावी साबित हुआ है। डॉ. पॉल ने कहा कि लाॉकडाउन का फैसला समय से लिया गया। अगर इसे लागू करने में देर की जाती तो वर्तमान में देश में कोरोना के मामलों की जो संख्या 23 हजार के आस-पास है वह संख्या 73 हजार तक जा सकती थी।
पीआईबी (प्रेस सूचना ब्यूरो) की रिपोर्ट बताती है कि 21 मार्च को देश में कोरोना के मामले तीन दिन में दोगुने हो रहे थे। इसके मुताबिक, लॉकडाउन के पहले सप्ताह (24 से 30 मार्च) के बीच मामलों के दोगुने होने की दर 5.3 दिन थी। इसके दूसरे सप्ताह (31 मार्च से छह अप्रैल) में यह रफ्तार घटकर 4.2 दिन हो गई। लॉकडाउन के तीसरे सप्ताह (7 से 13 अप्रैल) में यह आंकड़ा छह दिन हुआ और चौथे सप्ताह (14 से 20 अप्रैल) में कोरोना के मामलों की संख्या दोगुनी होने की दर 8.6 दिन हो गई।
लड़ाई लंबी है, अभी साल भर बना रहेगा खतरा
डॉ. पॉल का कहना है कि कोरोना के खिलाफ जंग में पिछले एक महीने में भारत सरकार को प्रभावी परिणाम मिले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन लागू करने का समय से लिए गए फैसले ने देश में कोरोना को भयावह तरीके से फैलने से रोक दिया। उन्होंने कहा, लॉकडाउन का फैसला प्रभावी था और इसने संक्रमण की रफ्तार धीमी करने में खासी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का खतरा अभी एक-सवा साल तक बने रहने के आसार हैं।
डॉ. पॉल ने कहा कि जितनी उनकी वायरस के बारे में समझ बनी है, उसके मुताबिक जब तक यह दुनिया में कहीं भी रहेगा, भारत के लिए भी खतरा बना रहेगा। इसका समाधान केवल वैक्सीन आने पर ही संभव है, जिसमें अभी समय लग सकता है। डॉ. पॉल ने माना कि भारत में कोविड-19 का संक्रमण फैल रहा है। यह लड़ाई लंबी है। लोगों की लापरवाही के कारण नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे अगले एक-दो महीने तक कोविड-19 का संक्रमण फैलने की गति बनी रह सकती है।
पिछले 24 घंटे में देशभर में 1752 नए मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1752 नए मामले सामने आए हैं और 37 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 23,452 हो गई है, जिसमें 17,915 सक्रिय हैं, 4813 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 724 लोगों की मौत हो गई है।
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