प्रवासी मजदूरों के लिए दिल्ली से रवाना होगी विशेष ट्रेन (फाइल फोटो)
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अधिकारियों के अनुसार, 12 हजार लोग जिसमें बहुत से प्रवासी मजदूर, पर्यटक, श्रद्धालु और छात्र शामिल हैं उन्हेंने बुधवार तक अपने गृह राज्य वापस जाने की इच्छा व्यक्त की। इनमें अस्थायी आवासों रैन बसेरों में फंसे 2,100 प्रवासी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि प्रक्रिया अभी जारी है और उन्हें ट्रेनों से वापस भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शीर्ष नौकरशाह मध्यप्रदेश सरकार और रेलवे मंत्रालय में सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं और हम उन प्रवासियों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं जो जल्द से जल्द घर वापस जाना चाहते हैं।’
अधिकारियों ने कहा कि पहली ट्रेन में मध्यप्रदेश जाने वाले यात्रियों की अंतिम सूची तैयार कर ली गई है। अधिकारी ने कहा, ‘यात्रियों की पहले जांच की जाएगी और प्रोटोकॉल के अनुसार केवल स्पर्शोन्मुख लोगों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति दी जाएगी। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा उन्हें अपने गांवों तक पहुंचने के लिए परिवहन प्रदान करने से पहले उनकी दोबारा जांच की जाएगी। इन लोगों को आवश्यक रूप से दो हफ्तों के होम क्वारंटीन (एकांतवास) में रहना होगा।’
विभिन्न स्कूलों और खेल परिसरों में बने रैन बसेरों और अस्थायी आवासों में रहने वाले ऐसे लोगों की पहचान करने के अलावा, दिल्ली सरकार ने ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। दिल्ली में फंसे अन्य राज्यों के लोगों को सरकार को अपने बारे में जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करने के लिए www.delhishelterboard.in पर एक लिंक बनाया गया। सरकार के अनुसार, केवल उन लोगों को उनके गृह राज्य वापस भेजा जाएगा जो काफी परेशान हैं।