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Liquor Shops Remain Closed In Madhya Pradesh As Contractors Move High Court – मध्यप्रदेश : हाईकोर्ट पहुंचे शराब ठेकेदार, राज्य में शराब की दुकानें रहीं बंद




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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के शराब ठेकेदारों की विभिन्न मांगों को लेकर दायर की गई याचिका पर राज्य सरकार को मंगलवार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। कोविड-19 महामारी के कारण 24 मार्च की मध्य रात्रि से लागू लॉकडाउन की वजह से अपनी दुकानों को नहीं खोल पाने के कारण मध्यप्रदेश के शराब ठेकेदारों ने अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि जितने दिन उनकी दुकानें बंद रही हैं, उसका आकलन कर ठेका राशि उतनी कम कर दी जाए। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो उनकी जमा राशि वापस की जाए और नए सिरे से ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएं।

याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायामूर्ति एके मित्तल और न्यायामूर्ति वीके शुक्ला की पीठ ने आज प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 मई को निर्धारित की है। पीठ ने आदेश में कहा है कि प्रदेश सरकार का जवाब आने के बाद अगली सुनवाई में अंतरिम राहत पर विचार किया जाएगा। यह याचिका मध्यप्रदेश के विभिन्न इलाकों के 30 शराब ठेकेदारों ने दायर की है। इसके चलते केंद्र द्वारा अनुमति मिलने के बाद भी राज्य में शराब की दुकानें बंद रहीं। 

याचिकाकर्ता के वकीलों किशोर श्रीवास्तव और राहुल दिवाकर ने बताया कि शराब ठेकेदारों की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा जब साल 2020-2021 के लिए निविदा (टेंडर) आमंत्रित कर शराब ठेके दिए गए थे, तब परिस्थितियां अलग थीं। याचिकाकर्ता ने टेंडर के माध्यम से ठेके लिए थे। इसके अनुसार ठेके की अवधि एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक थी। इसके अलावा, शराब दुकान का संचालन 14 घंटे तक कर सकते थे। निविदा आवंटित होने के दौरान उन्होंने निर्धारित राशि जमा कर दी थी।

उन्होंने कहा कि याचिका में कहा गया है कि निविदा प्रारंभ होने के पहले ही कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। इसके बाद लॉकडाउन की अवधि में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा अब कुछ जिलों और क्षेत्रों में शराब दुकानों का संचालन करने की अनुमति प्रदान की गई है। इन क्षेत्रों में महज कुछ घंटों के लिए ही दुकान संचालन की अनुमति रहेगी। श्रीवास्तव और दिवाकर ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि शराब ठेकेदारों द्वारा कई हजार करोड़ रुपयों में ठेका लिया गया है।

उन्होंने कहा कि याचिका में मांग की गई है कि जितने दिन दुकान बंद रही है और दुकान संचालन के घंटों में कटौती का आकलन कर ठेका राशि उतनी कम की जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर उनकी जमा राशि वापस की जाए और नए सिरे से ठेके के लिए निविदा आमंत्रित की जाएं।

सार

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के शराब ठेकेदारों की विभिन्न मांगों को लेकर दायर की गई याचिका पर राज्य सरकार को मंगलवार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है।

विस्तार

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के शराब ठेकेदारों की विभिन्न मांगों को लेकर दायर की गई याचिका पर राज्य सरकार को मंगलवार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। कोविड-19 महामारी के कारण 24 मार्च की मध्य रात्रि से लागू लॉकडाउन की वजह से अपनी दुकानों को नहीं खोल पाने के कारण मध्यप्रदेश के शराब ठेकेदारों ने अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि जितने दिन उनकी दुकानें बंद रही हैं, उसका आकलन कर ठेका राशि उतनी कम कर दी जाए। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो उनकी जमा राशि वापस की जाए और नए सिरे से ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएं।

याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायामूर्ति एके मित्तल और न्यायामूर्ति वीके शुक्ला की पीठ ने आज प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 मई को निर्धारित की है। पीठ ने आदेश में कहा है कि प्रदेश सरकार का जवाब आने के बाद अगली सुनवाई में अंतरिम राहत पर विचार किया जाएगा। यह याचिका मध्यप्रदेश के विभिन्न इलाकों के 30 शराब ठेकेदारों ने दायर की है। इसके चलते केंद्र द्वारा अनुमति मिलने के बाद भी राज्य में शराब की दुकानें बंद रहीं। 

याचिकाकर्ता के वकीलों किशोर श्रीवास्तव और राहुल दिवाकर ने बताया कि शराब ठेकेदारों की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा जब साल 2020-2021 के लिए निविदा (टेंडर) आमंत्रित कर शराब ठेके दिए गए थे, तब परिस्थितियां अलग थीं। याचिकाकर्ता ने टेंडर के माध्यम से ठेके लिए थे। इसके अनुसार ठेके की अवधि एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक थी। इसके अलावा, शराब दुकान का संचालन 14 घंटे तक कर सकते थे। निविदा आवंटित होने के दौरान उन्होंने निर्धारित राशि जमा कर दी थी।

उन्होंने कहा कि याचिका में कहा गया है कि निविदा प्रारंभ होने के पहले ही कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। इसके बाद लॉकडाउन की अवधि में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा अब कुछ जिलों और क्षेत्रों में शराब दुकानों का संचालन करने की अनुमति प्रदान की गई है। इन क्षेत्रों में महज कुछ घंटों के लिए ही दुकान संचालन की अनुमति रहेगी। श्रीवास्तव और दिवाकर ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि शराब ठेकेदारों द्वारा कई हजार करोड़ रुपयों में ठेका लिया गया है।

उन्होंने कहा कि याचिका में मांग की गई है कि जितने दिन दुकान बंद रही है और दुकान संचालन के घंटों में कटौती का आकलन कर ठेका राशि उतनी कम की जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर उनकी जमा राशि वापस की जाए और नए सिरे से ठेके के लिए निविदा आमंत्रित की जाएं।




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