वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, टोक्यो
Updated Mon, 25 May 2020 04:12 PM IST
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प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सोमवार को देश को संबोधित करते हुए कहा, ‘आपातकाल को हटाने से पहले हमने कई कड़े मापदंडों को अपनाया और सब कुछ सही होने पर ही यह फैसला किया है।’
यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और ब्राजील जैसे अत्याधिक प्रभावित क्षेत्रों की तुलना में, जापान की स्थिति फिर भी थोड़ी सही है, यहां संक्रमण के कुल 16,581 मामले सामने आए और 830 लोगों की मौत हुई। बावजूद उसके स्वास्थ्य व्यवस्था और बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री आबे ने टोक्यो और छह अन्य क्षेत्रों के लिए आपातकाल घोषित कर दिया था, जिसे बाद में पूरे राष्ट्र को में लागू कर दिया गया था। इस दौरान व्यवसायों और स्कूलों को बंद करने का आग्रह किया गया था और लोगों को घर में रहने के लिए कहा गया था।
हालांकि जापान का लॉकडाउन दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में कहीं अधिक नरम था और नियमों को तोड़ने पर कोई सजा नहीं थी, लेकिन बावजूद इसके टोक्यो के अधिकांश प्रसिद्ध भीड़भाड़ वाली सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और नागरिकों ने बड़े पैमाने पर आदेशों का पालन किया।
मौजूदा वक्त में नए संक्रमणों की संख्या राष्ट्रीय स्तर पर 700 प्रति दिन से घटकर अब केवल कुछ दर्जन हो गई है। यहां पिछले सप्ताह देश के अधिकांश हिस्सों से आपातकाल हटा दिया गया था, लेकिन सरकार ने राजधानी और आसपास के क्षेत्रों से इसे पूरी तरह से हटाने से पहले इंतजार करने का विकल्प चुना।
आबे ने देशवासियों के समर्थन की सराहना करते हुए इसे जापानी मॉडल बताया और लोगों से आगे भी जागरूक और सतर्क रहने की अपील की।