भारतीय अर्थव्यवस्था को 2025 तक 50 खरब डॉलर तक पहुँचाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की वृद्धि सबसे अहम होगी। वित्त मंत्रालय की ओर से गठित टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस क्षेत्र में 111 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, यह निवेश मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए भी क्रन्तिकारी साबित होगी। टास्क फाॅर्स की रिपोर्ट कहती है कि इस 111 लाख करोड़ में से 44 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जबकि 33 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट सैद्धान्तिक चरण पर हैं। इसके अलावा 22 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट की तैयारी चल रही है लेकिन 11 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट को बनाये जाने की जरूरत होगी। सबसे ज्यादा निवेश ऊर्जा क्षेत्र में 24%, सड़क में 18%, शहरी क्षेत्र में 17%, रेलवे में 12% की जरूरत होगी। एजेंसी
कृषि इंफ्रा में 1.68 लाख करोड़ रुपये की जरूरत
टास्क फोर्स ने कहा, 2025 तक कृषि इंफ्रा के क्षेत्र में 1.68 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत होगी। इससे हर साल उत्पादन के बाद होने वाली 44 हजार करोड़ की राशि के नुकसान को रोका जा सकेगा। इसके तहत ग्रामीण हाट और कृषि उपज खरीद के लिए बाजार बनाने पर जोर दिया गया है।
एमएसएमई के लिए बनेंगे 100 निर्यात परिषद
सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र का निर्यात बढ़ाने के लिए 100 निर्यात सुविधा परिषद बनाने की योजना तैयार की है। एमएसएमई सचिव अरुण कुमार पांडा ने कहा कि नीति आयोग और राज्यों के साथ बातचीत चल रही है।
मार्च में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 6.5 फीसदी घटी…
आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में मार्च में पिछले साल साल के मुकाबले 6.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट का कारण लॉकडाउन के कारण कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली का उत्पादन घटना है।
मार्च, 2019 में इसमें 5.8% की तेजी रही थी। इस साल फरवरी में इन उद्योगों की वृद्धि 11 महीने के उच्च स्तर 5.5% पर थी। आठ बुनियादी उद्योग कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में सालाना आधार पर कच्चे तेल के उत्पादन में 5.5%, इस्पात में 13%,प्राकृतिक गैस में 15.2%, रिफाइनरी उत्पादों में 0.5%, उर्वरक में 11.9%, सीमेंट में 24.7%और बिजली के उत्पादन 7.2% की गिरावट दर्ज की गई है। कोयला उत्पादन मार्च, 2019 के 9.1% से घटकर 4.1% रह गया।
भारतीय अर्थव्यवस्था को 2025 तक 50 खरब डॉलर तक पहुँचाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की वृद्धि सबसे अहम होगी। वित्त मंत्रालय की ओर से गठित टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस क्षेत्र में 111 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, यह निवेश मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए भी क्रन्तिकारी साबित होगी। टास्क फाॅर्स की रिपोर्ट कहती है कि इस 111 लाख करोड़ में से 44 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जबकि 33 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट सैद्धान्तिक चरण पर हैं। इसके अलावा 22 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट की तैयारी चल रही है लेकिन 11 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट को बनाये जाने की जरूरत होगी। सबसे ज्यादा निवेश ऊर्जा क्षेत्र में 24%, सड़क में 18%, शहरी क्षेत्र में 17%, रेलवे में 12% की जरूरत होगी। एजेंसी
कृषि इंफ्रा में 1.68 लाख करोड़ रुपये की जरूरत
टास्क फोर्स ने कहा, 2025 तक कृषि इंफ्रा के क्षेत्र में 1.68 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत होगी। इससे हर साल उत्पादन के बाद होने वाली 44 हजार करोड़ की राशि के नुकसान को रोका जा सकेगा। इसके तहत ग्रामीण हाट और कृषि उपज खरीद के लिए बाजार बनाने पर जोर दिया गया है।
एमएसएमई के लिए बनेंगे 100 निर्यात परिषद
सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र का निर्यात बढ़ाने के लिए 100 निर्यात सुविधा परिषद बनाने की योजना तैयार की है। एमएसएमई सचिव अरुण कुमार पांडा ने कहा कि नीति आयोग और राज्यों के साथ बातचीत चल रही है।
मार्च में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 6.5 फीसदी घटी…
आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में मार्च में पिछले साल साल के मुकाबले 6.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट का कारण लॉकडाउन के कारण कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली का उत्पादन घटना है।
मार्च, 2019 में इसमें 5.8% की तेजी रही थी। इस साल फरवरी में इन उद्योगों की वृद्धि 11 महीने के उच्च स्तर 5.5% पर थी। आठ बुनियादी उद्योग कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में सालाना आधार पर कच्चे तेल के उत्पादन में 5.5%, इस्पात में 13%,प्राकृतिक गैस में 15.2%, रिफाइनरी उत्पादों में 0.5%, उर्वरक में 11.9%, सीमेंट में 24.7%और बिजली के उत्पादन 7.2% की गिरावट दर्ज की गई है। कोयला उत्पादन मार्च, 2019 के 9.1% से घटकर 4.1% रह गया।
Source link