एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला, Updated Fri, 01 May 2020 05:36 AM IST
बृहस्पतिवार सुबह पौने नौ बजे हमेशा के लिए आंखे मूंद लेने वाले ऋषि कपूर आखिरी सांस तक जिंदगी से मोहब्बत करते रहे। अस्पताल के बिस्तर पर पड़े-पड़े जब उनकी सांसें उखड़ रही थीं तो भी वह उनका किसी न किसी तरह मनोरंजन ही करने की कोशिश करते दिखे। परिवार की तरफ से जारी एक शोक संदेश में कहा गया है कि ऋषि कपूर दो साल तक दो अलग-अलग महाद्वीपों में चले इलाज के दौरान वह हमेशा खुश रहे और जिंदगी जीने की इच्छा हमेशा उनमें कायम रही। दोस्त, यार, परिवार, खाना-खिलाना और फिल्में, बस इन्हीं में उनका दिल बसता था और इस दौरान जो भी उनसे मिला, यह देखकर हैरान रहा कि कैसे उन्होंने कैंसर जैसी बीमारी को कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया। ऋषि के घरवालों ने यही इच्छा जताई कि लोग उन्हें मुस्कुराहट के साथ याद करें न कि आंसुओं के साथ। गुरुवार की सुबह हुए निधन के बाद जारी इस संदेश में यह भी कहा गया कि दुनिया इस समय बहुत ही मुश्किल और मुसीबत भरे समय से गुजर रही है। लोगों के आने-जाने और इकट्ठा होने पर तमाम तरह की बंदिशे हैं और ऋषि कपूर के घर वाले चाहते हैं कि लोग इस समय लागू कानून का सम्मान करें और उनकी अंतिम यात्रा में भीड़ न लगाएं।