विदेशों से भारतीयों को लाने की तैयारी (प्रतीकात्मक)
– फोटो : social media
केंद्र सरकार ने मंगलवार को विदेशी नागरिकों को दिए गए सभी वीजा निलंबित कर दिए। एक आदेश के मुताबिक, वीजा निलंबन भारत में कोरोना वायरस महामारी के चलते बंद किए गए अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के दोबारा चालू होने तक लागू रहेगा। हालांकि कुछ श्रेणियों के वीजा को छूट दी गई है। ओसीआई कार्डधारकों के वीजा पर यात्रा पर लगी रोक भी बढ़ा दी गई है।
आदेश में कहा गया है कि राजनयिक, अधिकारी, यूएन से जुड़े इंटरनेशनल संगठनों, रोजगार व परियोजना श्रेणियों को छोड़कर अन्य विदेशियों को दिए गए सभी मौजूदा वीजा तब तक निलंबित रहेंगे, जब तक सरकार भारत आने या यहां से जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्राओं पर लगी रोक नहीं हटा देती। एक अन्य आदेश गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित रहने तक भारत के प्रवासी नागरिक (ओसीआई) कार्ड धारकों को दिए गए मल्टीपल-एंट्री आजीवन वीजा पर यात्रा करने को भी निलंबित कर रखा है। हालांकि किसी ओसीआई कार्डधारक को बेहद अपरिहार्य कारण से यदि भारत की यात्रा करनी ही है तो वह नजदीकी भारतीय दूतावास से संपर्क कर सकता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जो ओसीआई कार्ड धारक पहले से ही भारत में मौजूद हैं, उनका कार्ड भारत में कितने भी समय तक रहने के दौरान वैध बना रहेगा।
निशुल्क बढ़ाई लॉकडाउन में फंसे विदेशियों की वीजा अवधि
अपने तीसरे आदेश में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि लॉकडाउन में फंसे विदेशी नागरिकों की वीजा अवधि को निशुल्क बढ़ा दिया गया है। वीजा अवधि में यह विस्तार अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं के चालू होने के 30 दिन बाद तक लागू रहेगा। यह सुविधा उन्हीं विदेशी नागरिकों को मिलेगी, जिनका वीजा एक फरवरी की आधी रात या उसके बाद खत्म हुआ है। इन सभी को वीजा विस्तार का लाभ लेने के लिए महज एक ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
विदेश में फंसे भारतीयों में गर्भवती महिलाओं-बुजुर्गों को मिलेगी प्राथमिकता
केंद्र सरकार ने मंगलवार को विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी कर दिया। यह प्रोटोकॉल भारत में ठहरे अनिवासी भारतीयों व अन्य विदेशी नागरिकों के भी किसी अहम कारण से विदेश जाने की इच्छा जताने पर लागू होगा। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि विदेश से भारतीयों की वापसी की प्राथमिकता सूची में गर्भवती महिलाओं, मेडिकल इमरजेंसी वाले मामलों और बुजुर्गों को पहले नंबर पर रखा जाएगा।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की तरफ से जारी एसओपी में कहा गया है कि किसी पारिवारिक सदस्य की मौत के कारण वापस लौटने वाले भारतीय नागरिकों और विदेश में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों, कामगारों और शार्ट टर्म वीजा अवधि खत्म होने के कारण संकट में फंसे भारतीयों को भी प्राथमिकता में रखा जाएगा। हालांकि एसओपी में स्पष्ट कहा गया है कि वापसी का खर्च यात्री से ही वसूला जाएगा।
विदेश में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को वापसी के लिए वहां मौजूद भारतीय दूतावास में अपना पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण डाटा मिलने के बाद विदेश मंत्रालय उसके आधार पर विमानों और पानी के जहाजों से आने की व्यवस्था करेगा। इसके लिए आवेदकर्ता से उसका नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल फोन नंबर, निवास स्थान, फाइनल गंतव्य स्थान और आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया है या नहीं आदि जानकारियां ली जाएंगी। विदेश मंत्रालय यह डाटा आवेदनकर्ता के राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को पहले ही भेज देगा। कम से कम दो दिन पहले विदेश मंत्रालय अपने ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर विमान या पानी के जहाज के कार्यक्रम (आने का दिन, जगह और समय) साझा कर देगा। जहाज में चढ़ने और उतरने के दौरान यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। सभी यात्रियों को अपने मोबाइल फोन में ‘आरोग्य सेतु एप’ भी डाउनलोड करनी होगी।
केंद्र और राज्य के नोडल अधिकारी बनाएंगे तालमेल
एसओपी में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय की तरफ से हर राज्य व केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। इस नोडल अधिकारी को राज्य की तरफ से तैनात नोडल अधिकारी के साथ समन्वय बनाना होगा। विमान या पानी के जहाज में बैठाए जाने से पहले हर यात्री को यह शपथपत्र देना होगा कि वह भारत पहुंचने पर कम से कम 14 दिन के लिए अनिवार्य रूप से क्वारंटीन सेंटर में अपने खर्च पर रहेगा और वह ये यात्रा अपने रिस्क पर कर रहा है।
सार
- सरकार ने अगले आदेश तक निलंबित किए सभी वीजा,
- विदेश में फंसे भारतीयों में गर्भवती महिलाओं-बुजुर्गों को मिलेगी प्राथमिकता
- ओसीआई कार्डधारकों की यात्रा पर भी रोक
विस्तार
केंद्र सरकार ने मंगलवार को विदेशी नागरिकों को दिए गए सभी वीजा निलंबित कर दिए। एक आदेश के मुताबिक, वीजा निलंबन भारत में कोरोना वायरस महामारी के चलते बंद किए गए अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के दोबारा चालू होने तक लागू रहेगा। हालांकि कुछ श्रेणियों के वीजा को छूट दी गई है। ओसीआई कार्डधारकों के वीजा पर यात्रा पर लगी रोक भी बढ़ा दी गई है।
आदेश में कहा गया है कि राजनयिक, अधिकारी, यूएन से जुड़े इंटरनेशनल संगठनों, रोजगार व परियोजना श्रेणियों को छोड़कर अन्य विदेशियों को दिए गए सभी मौजूदा वीजा तब तक निलंबित रहेंगे, जब तक सरकार भारत आने या यहां से जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्राओं पर लगी रोक नहीं हटा देती। एक अन्य आदेश गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित रहने तक भारत के प्रवासी नागरिक (ओसीआई) कार्ड धारकों को दिए गए मल्टीपल-एंट्री आजीवन वीजा पर यात्रा करने को भी निलंबित कर रखा है। हालांकि किसी ओसीआई कार्डधारक को बेहद अपरिहार्य कारण से यदि भारत की यात्रा करनी ही है तो वह नजदीकी भारतीय दूतावास से संपर्क कर सकता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जो ओसीआई कार्ड धारक पहले से ही भारत में मौजूद हैं, उनका कार्ड भारत में कितने भी समय तक रहने के दौरान वैध बना रहेगा।
निशुल्क बढ़ाई लॉकडाउन में फंसे विदेशियों की वीजा अवधि
अपने तीसरे आदेश में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि लॉकडाउन में फंसे विदेशी नागरिकों की वीजा अवधि को निशुल्क बढ़ा दिया गया है। वीजा अवधि में यह विस्तार अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं के चालू होने के 30 दिन बाद तक लागू रहेगा। यह सुविधा उन्हीं विदेशी नागरिकों को मिलेगी, जिनका वीजा एक फरवरी की आधी रात या उसके बाद खत्म हुआ है। इन सभी को वीजा विस्तार का लाभ लेने के लिए महज एक ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
विदेश में फंसे भारतीयों में गर्भवती महिलाओं-बुजुर्गों को मिलेगी प्राथमिकता
केंद्र सरकार ने मंगलवार को विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी कर दिया। यह प्रोटोकॉल भारत में ठहरे अनिवासी भारतीयों व अन्य विदेशी नागरिकों के भी किसी अहम कारण से विदेश जाने की इच्छा जताने पर लागू होगा। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि विदेश से भारतीयों की वापसी की प्राथमिकता सूची में गर्भवती महिलाओं, मेडिकल इमरजेंसी वाले मामलों और बुजुर्गों को पहले नंबर पर रखा जाएगा।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की तरफ से जारी एसओपी में कहा गया है कि किसी पारिवारिक सदस्य की मौत के कारण वापस लौटने वाले भारतीय नागरिकों और विदेश में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों, कामगारों और शार्ट टर्म वीजा अवधि खत्म होने के कारण संकट में फंसे भारतीयों को भी प्राथमिकता में रखा जाएगा। हालांकि एसओपी में स्पष्ट कहा गया है कि वापसी का खर्च यात्री से ही वसूला जाएगा।
विदेश में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को वापसी के लिए वहां मौजूद भारतीय दूतावास में अपना पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण डाटा मिलने के बाद विदेश मंत्रालय उसके आधार पर विमानों और पानी के जहाजों से आने की व्यवस्था करेगा। इसके लिए आवेदकर्ता से उसका नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल फोन नंबर, निवास स्थान, फाइनल गंतव्य स्थान और आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया है या नहीं आदि जानकारियां ली जाएंगी। विदेश मंत्रालय यह डाटा आवेदनकर्ता के राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को पहले ही भेज देगा। कम से कम दो दिन पहले विदेश मंत्रालय अपने ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर विमान या पानी के जहाज के कार्यक्रम (आने का दिन, जगह और समय) साझा कर देगा। जहाज में चढ़ने और उतरने के दौरान यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। सभी यात्रियों को अपने मोबाइल फोन में ‘आरोग्य सेतु एप’ भी डाउनलोड करनी होगी।
केंद्र और राज्य के नोडल अधिकारी बनाएंगे तालमेल
एसओपी में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय की तरफ से हर राज्य व केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। इस नोडल अधिकारी को राज्य की तरफ से तैनात नोडल अधिकारी के साथ समन्वय बनाना होगा। विमान या पानी के जहाज में बैठाए जाने से पहले हर यात्री को यह शपथपत्र देना होगा कि वह भारत पहुंचने पर कम से कम 14 दिन के लिए अनिवार्य रूप से क्वारंटीन सेंटर में अपने खर्च पर रहेगा और वह ये यात्रा अपने रिस्क पर कर रहा है।
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