Goa: Row At Airport As Vande Bharat Flight Passengers Refuse Paid Institutional Quarantine – वंदे भारत: गोवा एयरपोर्ट पर दुबई से लौटे लोगों ने किया हंगामा, बोले- क्वारंटीन केंद्र नहीं घर भेजो




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 03 Jun 2020 03:01 AM IST

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वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से मंगलवार रात गोवा लौटी पहली विशेष उड़ान के यात्रियों के कारण एयरपोर्ट पर उस समय हंगामे की स्थिति बन गई, जब उनमें से कुछ ने क्वारंटीन केंद्र जाने से इनकार कर दिया। यात्रियों का कहना था कि वह पैसे देकर 14 दिन के लिए क्वारंटीन केंद्र नहीं जाएंगे। उन्हें उनके घर भेजा जाए। बता दें कि दुबई से गोवा आई इस पहली विशेष उड़ान से कुल 155 भारतीयों को स्वदेश लाया गया है।

गोवा की स्वास्थ्य सचिव नीला मोहनन ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि दुबई से आया विमान 155 यात्रियों को लेकर मंगलवार रात हवाई अड्डे पर पहुंचा था। जब यह यात्री डाबोलिम हवाईअड्डे पर पहुंचे, तो उन्होंने तुरंत ही चीखना और रोना शुरू कर दिया कि वह पैसे देकर क्वारंटीन केंद्र नहीं जाएंगे और अपने घर जाना चाहते हैं। इससे कुछ समय के लिए हवाई अड्डे पर हंगामे जैसी अप्रिय स्थिति पैदा हो गई।
 

मोहनन ने कहा कि हर उड़ान में शामिल यात्रियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाता है, इसमें वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होते हैं। इस ग्रुप के माध्यम से सभी यात्रियों से जरूरी दिशा-निर्देश साझा किए जाते हैं। वंदे भारत मिशन के तहत गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, यात्री से विमान में बैठने से पहले क्वारंटीन केंद्र जाने और इसका खर्च स्वयं उठाने को लेकर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि यह बहुत ही खेदजनक है कि इस तरह का व्यवहार हमारे उन भाइयों और बहनों की ओर से प्रदर्शित किया गया, जो दुबई से वापस आए थे। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों और आपदा प्रबंधन अधिनियम की कई धाराओं का उल्लंघन करने वाला है। सरकार इसे लेकर गंभीर है।

उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के कारण एयरपोर्ट पर जगह-जगह स्वैब नमूने एकत्र करने और अन्य जरूरी प्रक्रियाओं में कुछ समय के लिए बाधा पहुंची। उन्होंने कहा कि हम यहां उनके स्वागत के लिए मौजूद थे, परंतु वह सभी अपनी प्रतिबद्धता से मुकर गए। हम ऐसी घटनाओं से दुखी महसूस करते हैं, क्योंकि उसे समूह में गर्भवती महिलाएं और बच्चे शामिल थे।

मोहनन ने बताया कि हर यात्री ने अपनी पसंद से क्वारंटीन केंद्र जाना चुना था, और सभी के लिए बसों की व्यवस्था की गई थी। जब लोग सहयोग नहीं करते हैं.. तो पूरी प्रशासनिक मशीनरी इससे निराश महसूस करती है, जो उनके स्वागत और सुरक्षा के काम में जुटी हुई है। हालांकि इस सबके बाद अंत में हर कोई आखिरकार क्वारंटीन केंद्र जाने के लिए सहमत हो गया। बता दें कि गोवा में मंगलवार को कोरोना के छह नए मामले सामने आए हैं।

वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से मंगलवार रात गोवा लौटी पहली विशेष उड़ान के यात्रियों के कारण एयरपोर्ट पर उस समय हंगामे की स्थिति बन गई, जब उनमें से कुछ ने क्वारंटीन केंद्र जाने से इनकार कर दिया। यात्रियों का कहना था कि वह पैसे देकर 14 दिन के लिए क्वारंटीन केंद्र नहीं जाएंगे। उन्हें उनके घर भेजा जाए। बता दें कि दुबई से गोवा आई इस पहली विशेष उड़ान से कुल 155 भारतीयों को स्वदेश लाया गया है।

गोवा की स्वास्थ्य सचिव नीला मोहनन ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि दुबई से आया विमान 155 यात्रियों को लेकर मंगलवार रात हवाई अड्डे पर पहुंचा था। जब यह यात्री डाबोलिम हवाईअड्डे पर पहुंचे, तो उन्होंने तुरंत ही चीखना और रोना शुरू कर दिया कि वह पैसे देकर क्वारंटीन केंद्र नहीं जाएंगे और अपने घर जाना चाहते हैं। इससे कुछ समय के लिए हवाई अड्डे पर हंगामे जैसी अप्रिय स्थिति पैदा हो गई।

 

मोहनन ने कहा कि हर उड़ान में शामिल यात्रियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाता है, इसमें वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होते हैं। इस ग्रुप के माध्यम से सभी यात्रियों से जरूरी दिशा-निर्देश साझा किए जाते हैं। वंदे भारत मिशन के तहत गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, यात्री से विमान में बैठने से पहले क्वारंटीन केंद्र जाने और इसका खर्च स्वयं उठाने को लेकर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि यह बहुत ही खेदजनक है कि इस तरह का व्यवहार हमारे उन भाइयों और बहनों की ओर से प्रदर्शित किया गया, जो दुबई से वापस आए थे। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों और आपदा प्रबंधन अधिनियम की कई धाराओं का उल्लंघन करने वाला है। सरकार इसे लेकर गंभीर है।

उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के कारण एयरपोर्ट पर जगह-जगह स्वैब नमूने एकत्र करने और अन्य जरूरी प्रक्रियाओं में कुछ समय के लिए बाधा पहुंची। उन्होंने कहा कि हम यहां उनके स्वागत के लिए मौजूद थे, परंतु वह सभी अपनी प्रतिबद्धता से मुकर गए। हम ऐसी घटनाओं से दुखी महसूस करते हैं, क्योंकि उसे समूह में गर्भवती महिलाएं और बच्चे शामिल थे।

मोहनन ने बताया कि हर यात्री ने अपनी पसंद से क्वारंटीन केंद्र जाना चुना था, और सभी के लिए बसों की व्यवस्था की गई थी। जब लोग सहयोग नहीं करते हैं.. तो पूरी प्रशासनिक मशीनरी इससे निराश महसूस करती है, जो उनके स्वागत और सुरक्षा के काम में जुटी हुई है। हालांकि इस सबके बाद अंत में हर कोई आखिरकार क्वारंटीन केंद्र जाने के लिए सहमत हो गया। बता दें कि गोवा में मंगलवार को कोरोना के छह नए मामले सामने आए हैं।






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