Donald Trump Says China Dont Want To See Me Elected, Who Working Like Pr Agency For Dragon, Tarrif, Coronavirus – चीन मुझे फिर से राष्ट्रपति बनते नहीं देखना चाहता, ड्रैगन के पीआर की तरह काम कर रहा डब्ल्यूएचओ: ट्रंप




वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Updated Fri, 01 May 2020 12:13 PM IST

डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को आरोप लगाया कि चीन नहीं चाहता कि इस साल होने वाले चुनावों में मेरा निर्वाचन हो क्योंकि वह आयात शुल्क के तौर पर उससे अरबों डॉलर वसूल कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को शर्म आनी चाहिए क्योंकि वह वुहान में शुरू हुए कोरोना वायरस को लेकर चीन की जनसंपर्क एजेंसी की तरह काम कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 का वायरस वुहान लैब से निकला है। उन्होंने संकेत दिया कि वे चीन पर कोरोना वायरस को लेकर टैरिफ लगा सकते हैं।

ट्रंप ने दावा किया कि चीन नवंबर में होने वाले चुनाव में उनके स्थान पर पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडन को अगला राष्ट्रपति बनाना चाहता है। बाइडेन को विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रबल उम्मीदवार माना जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘चीन मुझे निर्वाचित नहीं देखना चाहता है और इसका कारण यह है कि हमें अरबों डॉलर मिल रहे हैं। हमें एक महीने में चीन से अरबों डॉलर मिल रहे हैं।’ उन्होंने अमेरिका में चीनी उत्पादों के आयात पर लगाए गए भारी शुल्क का जिक्र करते हुए कहा, ‘चीन ने हमारे देश को कभी कुछ नहीं दिया है। फिर चाहे चीन के प्रभारी बिडेन हों जो एक मजाक है क्योंकि उन्होंने आठ सालों तक हमारे देश को नुकसान पहुंचाया है। बिडेन और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में रहने तक यह जारी रहा।’

चीन के जनसंपर्क की तरह काम कर रहा है डब्ल्यूएचओ: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी संकट के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तुलना चीन की जनसंपर्क एजेंसी के तौर पर करते हुए कहा कि संगठन को खुद पर शर्म आनी चाहिए। ट्रंप प्रशासन ने कोरोना वायरस पर डब्ल्यूएचओ की भूमिका की जांच शुरू की है और वह अमेरिका की ओर से दी जाने वाली आर्थिक सहायता को भी अस्थायी रूप से रोक चुका है। ट्रंप ने गुरुवार को व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे विचार में विश्व स्वास्थ्य संगठन को खुद पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि वह चीन की जनसंपर्क एजेंसी के तौर पर काम कर रहा है।’ उन्होंने दोहराया कि अमेरिका, डब्ल्यूएचओ को एक साल में करीब 50 करोड़ डॉलर देता है जबकि चीन 3.8 करोड़ डॉलर देता है।

चीन पर टैरिफ लगा सकता है अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार को चीन पर टैरिफ लगाने का संकेत दिया लेकिन कोरोना वायरस की सजा के तौर के रूप में देश पर जारी अमेरिकी ऋण को रद्द करने पर विचार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऋण रद्द करना एक कठिन फैसला है और यह अमेरिकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘हम ऐसा टैरिफ के साथ कर सकते हैं। हम ऐसा करने के अलावा इसे अन्य तरीकों (अमेरिकी ऋण दायित्वों को रद्द करने) से कर सकते हैं। यह एक कठिन फैसला है।’

वुहान की लैब से निकला कोरोना वायरस
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि दुनियाभर में फैल चुके कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान में स्थित वायरोलॉजी लैब से हुई है। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें किस चीज से इस बात का विश्वास हुआ है कि वायरस वुहान की लैब से निकला है तो उन्होंने कहा, ‘मैं आपको नहीं बता सकता हूं। मुझे आपको ये बताने की अनुमति नहीं है।’ हालांकि उन्होंने इसके लिए चीन के अपने समकक्ष शी जिनपिंग को जिम्मेदार नहीं ठहराया। उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसा नहीं कहना चाहता। लेकिन निश्चित रूप से इसे रोका जा सकता था। यह चीन से निकला है और इसे रोका जा सकता था। पूरी दुनिया भी यही चाहती है कि इसे रोक देना चाहिए था।’

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को आरोप लगाया कि चीन नहीं चाहता कि इस साल होने वाले चुनावों में मेरा निर्वाचन हो क्योंकि वह आयात शुल्क के तौर पर उससे अरबों डॉलर वसूल कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को शर्म आनी चाहिए क्योंकि वह वुहान में शुरू हुए कोरोना वायरस को लेकर चीन की जनसंपर्क एजेंसी की तरह काम कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 का वायरस वुहान लैब से निकला है। उन्होंने संकेत दिया कि वे चीन पर कोरोना वायरस को लेकर टैरिफ लगा सकते हैं।

ट्रंप ने दावा किया कि चीन नवंबर में होने वाले चुनाव में उनके स्थान पर पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडन को अगला राष्ट्रपति बनाना चाहता है। बाइडेन को विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रबल उम्मीदवार माना जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘चीन मुझे निर्वाचित नहीं देखना चाहता है और इसका कारण यह है कि हमें अरबों डॉलर मिल रहे हैं। हमें एक महीने में चीन से अरबों डॉलर मिल रहे हैं।’ उन्होंने अमेरिका में चीनी उत्पादों के आयात पर लगाए गए भारी शुल्क का जिक्र करते हुए कहा, ‘चीन ने हमारे देश को कभी कुछ नहीं दिया है। फिर चाहे चीन के प्रभारी बिडेन हों जो एक मजाक है क्योंकि उन्होंने आठ सालों तक हमारे देश को नुकसान पहुंचाया है। बिडेन और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में रहने तक यह जारी रहा।’
चीन के जनसंपर्क की तरह काम कर रहा है डब्ल्यूएचओ: ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी संकट के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तुलना चीन की जनसंपर्क एजेंसी के तौर पर करते हुए कहा कि संगठन को खुद पर शर्म आनी चाहिए। ट्रंप प्रशासन ने कोरोना वायरस पर डब्ल्यूएचओ की भूमिका की जांच शुरू की है और वह अमेरिका की ओर से दी जाने वाली आर्थिक सहायता को भी अस्थायी रूप से रोक चुका है। ट्रंप ने गुरुवार को व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे विचार में विश्व स्वास्थ्य संगठन को खुद पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि वह चीन की जनसंपर्क एजेंसी के तौर पर काम कर रहा है।’ उन्होंने दोहराया कि अमेरिका, डब्ल्यूएचओ को एक साल में करीब 50 करोड़ डॉलर देता है जबकि चीन 3.8 करोड़ डॉलर देता है।

चीन पर टैरिफ लगा सकता है अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार को चीन पर टैरिफ लगाने का संकेत दिया लेकिन कोरोना वायरस की सजा के तौर के रूप में देश पर जारी अमेरिकी ऋण को रद्द करने पर विचार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऋण रद्द करना एक कठिन फैसला है और यह अमेरिकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘हम ऐसा टैरिफ के साथ कर सकते हैं। हम ऐसा करने के अलावा इसे अन्य तरीकों (अमेरिकी ऋण दायित्वों को रद्द करने) से कर सकते हैं। यह एक कठिन फैसला है।’

वुहान की लैब से निकला कोरोना वायरस
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि दुनियाभर में फैल चुके कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान में स्थित वायरोलॉजी लैब से हुई है। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें किस चीज से इस बात का विश्वास हुआ है कि वायरस वुहान की लैब से निकला है तो उन्होंने कहा, ‘मैं आपको नहीं बता सकता हूं। मुझे आपको ये बताने की अनुमति नहीं है।’ हालांकि उन्होंने इसके लिए चीन के अपने समकक्ष शी जिनपिंग को जिम्मेदार नहीं ठहराया। उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसा नहीं कहना चाहता। लेकिन निश्चित रूप से इसे रोका जा सकता था। यह चीन से निकला है और इसे रोका जा सकता था। पूरी दुनिया भी यही चाहती है कि इसे रोक देना चाहिए था।’




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