Delhi Lg Directs Authorities That Medical Treatment Not Denied To Any Patient On The Grounds Of Not Being Delhi Resident – उप-राज्यपाल ने पलटा केजरीवाल सरकार का फैसला, दिल्ली में बाहर के मरीजों का भी होगा इलाज




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 08 Jun 2020 07:05 PM IST

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल

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दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार के फैसले को पलट दिया है। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दिल्ली का निवासी नहीं होने के आधार पर किसी भी मरीज को इलाज के लिए इनकार नहीं किया जाएगा।
 

सीएम केजरीवाल ने रविवार को ही एलान किया था कि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का ही इलाज होगा। लेकिन आज उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों के इलाज का आदेश खारिज कर दिया है। 

दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज
इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में फिलहाल केवल दिल्ली के ही मरीजों का इलाज होगा। इसके बाद दिल्ली सरकार ने उन दस्तावेजों की सूची जारी की जिनके आधार पर मरीज को अस्पतालों में भर्ती किया जाना है।

दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार मतदाता पहचान पत्र, बैंक या पोस्ट ऑफिस पासबुक, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या इनकम टैक्स रिटर्न को आधार मानकर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया जा सकता है। इनके अलावा मरीज या उनके निकट परिजन, जैसे- माता-पिता या पति/पत्नी के नाम के पानी, टेलीफोन या बिजली के बिल को भी एड्रेस प्रूफ मानकर अस्पताल मरीज को भर्ती कर सकते हैं।
 

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार के फैसले को पलट दिया है। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दिल्ली का निवासी नहीं होने के आधार पर किसी भी मरीज को इलाज के लिए इनकार नहीं किया जाएगा।

 

सीएम केजरीवाल ने रविवार को ही एलान किया था कि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का ही इलाज होगा। लेकिन आज उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों के इलाज का आदेश खारिज कर दिया है। 

दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज
इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में फिलहाल केवल दिल्ली के ही मरीजों का इलाज होगा। इसके बाद दिल्ली सरकार ने उन दस्तावेजों की सूची जारी की जिनके आधार पर मरीज को अस्पतालों में भर्ती किया जाना है।

दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार मतदाता पहचान पत्र, बैंक या पोस्ट ऑफिस पासबुक, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या इनकम टैक्स रिटर्न को आधार मानकर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया जा सकता है। इनके अलावा मरीज या उनके निकट परिजन, जैसे- माता-पिता या पति/पत्नी के नाम के पानी, टेलीफोन या बिजली के बिल को भी एड्रेस प्रूफ मानकर अस्पताल मरीज को भर्ती कर सकते हैं।
 






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