न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sun, 03 May 2020 07:03 PM IST
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इस बीच उन्होंने एक अहम जानकारी यह दी कि जो सरकारी कार्यालय अत्यावश्यक सेवाएं मुहैया कराते हैं उनमें 100 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति रहेगी और जो दूसरे सरकारी कार्यालय होंगे उनमें उप सचिव के अलावा 33 फीसदी कर्मचारी आएंगे।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंड़ों को बनाए रखने के लिए शादी कार्यक्रम में 50 और अंतिम संस्कार में 20 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी। कल (सोमवार) से दिल्ली के सारे प्राइवेट ऑफिस भी खोले जाएंगे। लेकिन इन दफ्तरों में केवल 33 फीसदी कर्मचारी ही काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली आज लॉकडाउन हटाने के लिए तैयार है। मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि लॉकडाउन एक और दो के दौरान हमें जो समय मिला, उसका इस्तेमाल हमने खुद को कोरोना से निपटने के लिए तैयार करने के लिए किया। हमने पर्याप्त व्यवस्था की है और हमारा स्वास्थ्य विभाग अब कोरोना से लड़ने के लिए तैयार है।
केजरीवाल ने कहा कि हम लॉकडाउन में ज्यादा समय तक नहीं रह पाएंगे क्योंकि अर्थव्यवस्था संकट में हैं। राजस्व पिछले साल में अप्रैल महीने में 3500 करोड़ के मुकाबले 300 करोड़ रुपये तक गिर गया है। सरकार काम कैसे करेगी?
उन्होंने कहा कि 24 मार्च को लॉकडाउन लागू करने का केंद्र का फैसला बहुत महत्वपूर्ण था। अगर हमने लॉकडाउन लागू नहीं किया होती तो देश में स्थिति अब और भयावह हो सकती थी। उस समय देश कोरोना से लड़ने के लिए तैयार नहीं था। हमें सोशल डिस्टेंसिंग का कोई अंदाजा नहीं था, न ही लोग या अस्पताल इसके लिए तैयार थे। हमारे पास व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण किट या परीक्षण किट भी नहीं थे।