रोहिताश सिंह परमार, मुंबई, Updated Thu, 30 Apr 2020 08:39 AM IST
भारतीय सिनेमा दुनिया में हर साल सबसे ज्यादा फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। दुनिया भर के सिनेमा की अगर बात की जाए तो उसका भी इतिहास भारतीय सिनेमा से कुछ ही वर्ष पुराना है। इस हिसाब से देखा जाए तो भारतीय फिल्में दुनिया के सिनेमा से ज्यादा पीछे नहीं है। जिस वक्त भारत में सिनेमा की शुरुआत हुई उस वक्त ब्रिटिश सरकार भारत पर राज किया करती थी। ऐसे वक्त में सिनेमा जैसे महंगी चीज को शुरू करने का सोच पाना ही बहुत मुश्किल लगता है। लेकिन, इस मुश्किल को आसान कर दिखाया दादासाहेब फाल्के ने। दादासाहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का पितामह कहा जाता है। आज सुनते हैं तो बहुत आसान लगता है और भारत का लगभग हर दूसरा नौजवान फिल्मों में काम करने के बारे में सोचता है। लेकिन इसको शुरू करने में कितनी मुश्किलें आईं और दादासाहेब ने कितनी मुश्किलों का सामना किया? आज हम आपको उनकी पूरी यात्रा की कुछ कठिनाइयों के बारे में और कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे।
Rất đúng với trải nghiệm cá nhân của mình.
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