Coronavirus Effect,13.5 Crore People Can Be Employed, 12 Crore People Will Come In The Grip Of Poverty – Corona Effect: 13.5 करोड़ लोगों की जा सकती है नौकरी, 12 करोड़ लोग आएंगे गरीबी की चपेट में




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 18 May 2020 05:51 AM IST

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कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान के चलते देश में करीब 13.5 करोड़ लोगों की नौकरी जा सकती है। इतना ही नहीं, 12 करोड़ लोग गरीबी के दायरे में आ सकते हैं। महामारी का असर लोगों की आय, खर्च और बचत पर भी पड़ेगा।

अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन परामर्श कंपनी आर्थर डी लिटिल की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 का सबसे बुरा असर देश में लोगों की नौकरियों पर पड़ेगा और गरीबी बढ़ेगी जबकि प्रति व्यक्ति आय में कमी आएगी। इसके परिणाम स्वरूप सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीव्र गिरावट आएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए हमारा मानना है कि भारत के लिए डब्ल्यू आकार की रिकवरी सबसे संभावित परिदृश्य है।

वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 10.8 फीसदी की गिरावट और वित्त पर्ष 2021-22 में 0.8 फीसदी की जीडीपी वृद्धि होगी। रिपोर्ट के अनुसार, देश में बेरोजगारी 7.6 प्रतिशत से बढ़कर 35 फीसदी हो सकती है। इसके चलते 13.5 करोड़ लोगों की नौकरी जा सकती है और 17.4 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं। इतना ही नहीं, 12 करोड़ लोग गरीबी के दायरे में आ सकते हैं और 4 करोड़ लोग बहुत ही गरीबी में पहुंच सकते हैं।

आर्थर डी लिटिल के भारत और दक्षिण एशिया के सीईओ और प्रबंधन पार्टनर बार्णिक चित्रन मैत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत अभियान नए दृष्टिकोण के लिए अच्छी शुरुआत है। रिपोर्ट में सरकार और आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई लेकिन अर्थव्यवस्था को हो रहे व्यापक नुकसान से बचाने के लिए और अधिक मुखर दृष्टिकोण की जरूरत बताई गई है।

रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए 10 बिंदु कार्यक्रम भी सुझाए गए हैं। इसमें छोटे और मध्यम कारोबार को बचाने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करने और खतरे वाले सेक्टरों को लक्षित सहायता प्रदान करना शामिल है। 

सार

  • कोविड-19 का सबसे बुरा असर देश में लोगों की नौकरियों पर पड़ेगा
  • आत्मनिर्भर भारत अभियान नए दृष्टिकोण के लिए अच्छी शुरुआत है: रिपोर्ट

विस्तार

कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान के चलते देश में करीब 13.5 करोड़ लोगों की नौकरी जा सकती है। इतना ही नहीं, 12 करोड़ लोग गरीबी के दायरे में आ सकते हैं। महामारी का असर लोगों की आय, खर्च और बचत पर भी पड़ेगा।

अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन परामर्श कंपनी आर्थर डी लिटिल की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 का सबसे बुरा असर देश में लोगों की नौकरियों पर पड़ेगा और गरीबी बढ़ेगी जबकि प्रति व्यक्ति आय में कमी आएगी। इसके परिणाम स्वरूप सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीव्र गिरावट आएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए हमारा मानना है कि भारत के लिए डब्ल्यू आकार की रिकवरी सबसे संभावित परिदृश्य है।

वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 10.8 फीसदी की गिरावट और वित्त पर्ष 2021-22 में 0.8 फीसदी की जीडीपी वृद्धि होगी। रिपोर्ट के अनुसार, देश में बेरोजगारी 7.6 प्रतिशत से बढ़कर 35 फीसदी हो सकती है। इसके चलते 13.5 करोड़ लोगों की नौकरी जा सकती है और 17.4 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं। इतना ही नहीं, 12 करोड़ लोग गरीबी के दायरे में आ सकते हैं और 4 करोड़ लोग बहुत ही गरीबी में पहुंच सकते हैं।

आर्थर डी लिटिल के भारत और दक्षिण एशिया के सीईओ और प्रबंधन पार्टनर बार्णिक चित्रन मैत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत अभियान नए दृष्टिकोण के लिए अच्छी शुरुआत है। रिपोर्ट में सरकार और आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई लेकिन अर्थव्यवस्था को हो रहे व्यापक नुकसान से बचाने के लिए और अधिक मुखर दृष्टिकोण की जरूरत बताई गई है।

रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए 10 बिंदु कार्यक्रम भी सुझाए गए हैं। इसमें छोटे और मध्यम कारोबार को बचाने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करने और खतरे वाले सेक्टरों को लक्षित सहायता प्रदान करना शामिल है। 




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