Congress Will Continue To Attack On Central Government On The Economic Front – कांग्रेस अब आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार को घेरना जारी रखेगी




करीब एक महीने तक कोरोना से लड़ाई में सरकार को सहयोग का भरोसा देने के बाद अब कांग्रेस ने आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। इसकी जिम्मेदारी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और खुद राहुल गांधी व उनकी टीम ने संभाली है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को यह कहने में कोई संकोच नहीं होता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के रणनीतिकार भारतीय अर्थव्यवस्था का बेसिक्स नहीं समझ पा रहे हैं। चिदंबरम की यह टिप्पणी सरकार के आर्थिक क्षेत्र में लिए जाने वाले निर्णय को लेकर है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ भी आर्थिक मोर्चे पर सरकार की नीतियों को लेकर कुछ इसी तरह का सवाल उठाते हैं।

कांग्रेस पार्टी की आर्थिक समझ का दारोमदार पिछले कुछ दशक से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निर्भर कर रहा है। इस पूरी टीम का मानना है कि केंद्र सरकार कोविड-19 से पैदा हुए जटिल हालात में यदि कुछ महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाती, तो अगले कुछ महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगने वाला है।

कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि यह एक गंभीर मुद्दा है। लोगों को जीवन के साथ-साथ रोजगार, गुणवत्ता का जीवन चाहिए। सुरजेवाला का कहना है कि कांग्रेस पार्टी कोविड-19 संक्रमण को लेकर लगातार रचनात्मक, सकारात्मक सहयोग कर रही है। हम इसे जारी रखेंगे, लेकिन इसके साथ-साथ महत्वपूर्ण मुद्दों की तरफ सरकार का ध्यान भी आकर्षित करेंगे।

कांग्रेस करीब-करीब एक मत
सुरजेवाला का कहना है कि यह हमारी जिम्मेदारी भी है। इसको केंद्र में रखकर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लगातार एमएसएमई क्षेत्र के करीब 5000 लोगों से राय ली है। यह क्षेत्र लॉकडाउन के बाद भारी आर्थिक मुसीबत में फंसता नजर आ रहा है। इसका असर देश की अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी समेत तमाम क्षेत्रों पर पड़ेगा।

सुरजेवाला से पहले खुद राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को देश की अर्थव्यवस्था में पैसा डालना होगा ताकि आर्थिक क्षेत्र में तरलता आए। गरीब, मजदूर, किसान के जेब में पैसा होगा, अनाज होगा तो वह भूखा नहीं मरेगा। इससे अर्थव्यवस्था में गति आएगी। राहुल गांधी खुद इसे न्याय योजना की संज्ञा देते हैं। समझा जा रहा है कि इसको लेकर कांग्रेस करीब-करीब एक मत है।

उनका मानना है कि केंद्र सरकार को आर्थिक मामले में सुझाव देने के साथ घेराबंदी की जानी चाहिए। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इसी इरादे से लगातार केंद्र सरकार और उ.प्र. सरकार पर ट्वीट के जरिए हमला बोल रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दूसरी बार पांच बिन्दुओं पर सुझाव दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राय सामने आनी तेज हुई है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि अब यह सिलसिला चलेगा।




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