Aviation Sector Of India Is Under Crisis Due To Coronavirus Lockdown – संकट के दौर से गुजर रहा देश का एविएशन सेक्टर, ‘युद्ध’ की तरह हैं मौजूदा हालात




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 09 May 2020 11:24 PM IST

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पेक्सेल्स

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भारत में लॉकडाउन लागू होने के बाद 24 मार्च आधी रात के बाद से न सिर्फ सैकड़ों प्लेन एयरपोर्ट पर खड़े हैं, बल्कि हवाई जहाज कंपनियों को आगे की बुकिंग के रिफंड का नुकसान भी उठाना पड़ा है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने गृह मंत्रालय के नए ऑर्डर के बाद तमाम उड़ानों को 17 मई तक के लिए रद्द कर दिया है।

विमानन और हवाई यात्रा के क्षेत्र में काम करने वाले संगठन सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन का कहना है कि कोविड-19 से उपजे संकट का असर भारतीय विमानन क्षेत्र के ट्रैफिक, नए विमानों की खरीदी और टिकटों के दाम पर बड़े पैमाने पर होगा।

  • 2200 करोड़ डॉलर जापान की एयरलाइंस की कमाई में और ऑस्ट्रेलिया में 1400 करोड़ डॉलर से अधिक की गिरावट की आशंका व्यक्त की गई है कोरोना संकट के कारण। एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार।
  • 92 फीसदी तक सीट लोड फैक्टर से काम चलाती थीं भारतीय कंपनियां, लेकिन अब उसमें से अगर 40 फीसदी कम करने को कहा जाएगा तो फिर उसे बिजनेस में बने रहने के लिए टिकट की कीमतें बढ़ाना पड़ेंगी।
  • 1990 के दशक से जब से बेहतरी-और-कर्मठता के नाम पर ज़ोर-शोर से इस क्षेत्र का निजीकरण शुरु हुआ, तब से भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र कभी संकटकाल से उबर नहीं पाया है। एक के बाद एक हवाई जहाज कंपनियों पर ताला लगा है।
  • अप्रैल से जून तक का समय भारतीय नागरिक विमानन क्षेत्र के लिए बेहतर माना जाता है लेकिन इस बार वो अधिकांश हिस्सों में बंद ही है।
  • 33 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई डीजीसीए के ताजा आंकड़ों के मुताबिक मार्च माह में पिछले साल के मुकाबले पैसेंजर ट्रैफिक में।
  • 3.3 अरब डॉलर से 3.6 अरब डॉलर तक का नुकसान होगा सेंटर फॉर एविएशन यानी कापा के अनुमान के अनुसार।
  • 29 लाख नौकरियां खतरे में हैं विमानन क्षेत्र की कोरोना संकट की वजह से बिगड़ी परिस्थिति के कारण।
  • 12 हजार नौकरियों को खत्म करने की घोषणा की थी पिछले दिनों ब्रिटेन की विमान कंपनी ब्रिटिश एयरवेज ने आने वाले दिनों में।

सार

दुनियाभर में जारी कोरोना महामारी का बड़ा असर उड्डयन क्षेत्र पर पड़ा है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश की एक घरेलू विमान कंपनी ने तो मौजूदा स्थिति को ‘युद्ध’ के समान बताया है। जानिए 17 मई तक चलने वाले लॉकडाउन के बीच एविएशन सेक्टर की स्थिति के बारे में।

विस्तार

भारत में लॉकडाउन लागू होने के बाद 24 मार्च आधी रात के बाद से न सिर्फ सैकड़ों प्लेन एयरपोर्ट पर खड़े हैं, बल्कि हवाई जहाज कंपनियों को आगे की बुकिंग के रिफंड का नुकसान भी उठाना पड़ा है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने गृह मंत्रालय के नए ऑर्डर के बाद तमाम उड़ानों को 17 मई तक के लिए रद्द कर दिया है।

विमानन और हवाई यात्रा के क्षेत्र में काम करने वाले संगठन सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन का कहना है कि कोविड-19 से उपजे संकट का असर भारतीय विमानन क्षेत्र के ट्रैफिक, नए विमानों की खरीदी और टिकटों के दाम पर बड़े पैमाने पर होगा।

  • 2200 करोड़ डॉलर जापान की एयरलाइंस की कमाई में और ऑस्ट्रेलिया में 1400 करोड़ डॉलर से अधिक की गिरावट की आशंका व्यक्त की गई है कोरोना संकट के कारण। एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार।
  • 92 फीसदी तक सीट लोड फैक्टर से काम चलाती थीं भारतीय कंपनियां, लेकिन अब उसमें से अगर 40 फीसदी कम करने को कहा जाएगा तो फिर उसे बिजनेस में बने रहने के लिए टिकट की कीमतें बढ़ाना पड़ेंगी।
  • 1990 के दशक से जब से बेहतरी-और-कर्मठता के नाम पर ज़ोर-शोर से इस क्षेत्र का निजीकरण शुरु हुआ, तब से भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र कभी संकटकाल से उबर नहीं पाया है। एक के बाद एक हवाई जहाज कंपनियों पर ताला लगा है।
  • अप्रैल से जून तक का समय भारतीय नागरिक विमानन क्षेत्र के लिए बेहतर माना जाता है लेकिन इस बार वो अधिकांश हिस्सों में बंद ही है।
  • 33 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई डीजीसीए के ताजा आंकड़ों के मुताबिक मार्च माह में पिछले साल के मुकाबले पैसेंजर ट्रैफिक में।
  • 3.3 अरब डॉलर से 3.6 अरब डॉलर तक का नुकसान होगा सेंटर फॉर एविएशन यानी कापा के अनुमान के अनुसार।
  • 29 लाख नौकरियां खतरे में हैं विमानन क्षेत्र की कोरोना संकट की वजह से बिगड़ी परिस्थिति के कारण।
  • 12 हजार नौकरियों को खत्म करने की घोषणा की थी पिछले दिनों ब्रिटेन की विमान कंपनी ब्रिटिश एयरवेज ने आने वाले दिनों में।




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