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ब्राइट ने अपनी गवाही में कहा कि उन्हें प्राधिकरण के निदेशक पद से इसलिए निकाला गया क्योंकि उन्होंने इस साल की शुरुआत में ही कोरोना वायरस को लेकर चेतावनी दी थी और वह ट्रंप प्रशासन की उस बात का विरोध भी कर रहे थे जिसमें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा को प्रोत्साहित करने का दबाव बनाया जा रहा था।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ब्राइट को बारडा के निदेशक के पद से हटाते हुए उन्हें एक असंतुष्ट कर्मचारी कहा था। ट्रंप ने इससे संबंधित एक ट्वीट में लिखा था, ऐसे व्यक्ति को हमारी सरकार के साथ काम नहीं करना चाहिए जिन्हें न कोई पसंद करता है और न ही सम्मान करता है। अमेरिका में कोरोना वायरस से अभी तक 84 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जो कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।
इस सवाल को छोड़ दें कि ब्राइट को बारडा में उनके पद से क्यों निकाला गया, तो भी वह मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के बारे में सही उतरते हैं जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभी तक कोरोना से जंग में ‘स्थिति बदल देने वाली दवा’ बता रहे थे। ट्रंप के इस दावे को उनके करीबी सहयोगी रूडी गिलियानी ने भी नकार दिया था।
सोमवार को सामने आए एक अध्ययन में सामने आया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का कोविड-19 के मरीजों पर कोई सकारात्मक असर नहीं हुआ है। उलटे इसने मरीजों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ा दिया है। यह अध्ययन अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसे 1400 कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों पर किया गया था।
अपनी गवाही में ब्राइट ने आने वाले समय को लेकर भी कुछ बातें कहीं, जैसे कि आने वाला समय अमेरिका के लिए कैसा होगा। उन्होंने कहा, अगर हम राष्ट्रीय समन्वय रिस्पॉन्स विकसित करने में असफल रहते हैं, मुझे डर है कि यह महामारी और ज्यादा फैलेगी। बिना किसी स्पष्ट योजना के मुझे और अन्य विशेषज्ञों को लगता है कि आधुनिक इतिहास में साल 2020 सबसे ज्यादा खराब होगा।
साल 1918 में आई फ्लू वैश्विक महामारी में छह लाख 75 हजार से ज्यादा अमेरिकियों की मौत हुई थी। ब्राइट के अनुमान के मुताबिक साल कोरोना वायरस से इससे ज्यादा अमेरिकियों की जान जा सकती है। संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञ माइकल ओस्टरहोम कहते हैं कि कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका में अगले 18 महीनों में आठ लाख लोगों की मौत हो सकती है।
ब्राइट ने कोरोना वायरस को लेकर कई आशंकाएं जाहिर की हैं लेकिन अपने गवाही में उन्होंने कहा कि वह सही थे जब उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर चेतावनी दी थी कि यह बीमारी एक बड़ी समस्या बन सकती है।