Myanmar Government Has Handed Over 22 Proscribed Northeast Insurgents To India – अजित डोभाल के नेतृत्व में भारत को एक और कामयाबी, म्यांमार ने सौंपे 22 उग्रवादी




नरेंद्र मोदी-अजित डोभाल (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI

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देश की आतंरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारत को एक और कूटनीतिक सफलता मिली है। म्यांमार सरकार ने भारत को 22 उग्रवादी सौंपे हैं। ये अभियुक्त पूर्वोत्तर में अशांति फैलाने के आरोपी हैं। इन्हें मणिपुर और असम में राज्य पुलिस को सौंपा गया है। ये उग्रवादी NDFB(S), UNLF, PREPAK (Pro), KYKL, PLA and KLO से संबंध रखते हैं। सूत्रों के मुताबिक यह पूरा ऑपरेशन एनएसए अजित डोभाल के नेतृत्व में हुआ। 

इन उग्रवादियों में से 10 मणिपुर में वॉन्टेड थे जबकि बाकियों की असम में तलाश थी। कोरोना वायरस के खतरे के चलते पुलिस सभी स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करेगी और इन सभी को फिलहाल क्वारंटीन में भेजा जाएगा। जानकारी के मुताबिक इन उग्रवादियों को विशेष विमान से लाया गया है। सूत्रों के मुताबिक म्यांमार सरकार की ओर से यह एक बड़ा कदम है और इससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।

भारत म्यांमार के साथ करीब 1600 किलोमीटर सीमा साझा करता है। ऐसे में पूर्वोत्तर उग्रवादी संगठन दशकों से वहां अपना कैंप लगाते रहे हैं। मगर पिछले कुछ वर्षों से उन पर लगातार दबाव बनता जा रहा था।  इन उग्रवादियों को लाने वाला पहला विमान मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचा और इसके बाद यह गुवाहाटी गया। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यह पूरा अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के नेतृत्व में हुआ। अधिकारी ने कहा कि यह पहला मौका है जब म्यांमार सरकार ने भारत के निवेदन पर पूर्वोत्तर उग्रवादी संगठनों के सदस्यों को हमें सौंपा है। 

मीडिया खबरों के अनुसार जिन उग्रवादियों को भारत को सौंपा गया है, उनमें कई ऐसे भी व्यक्ति हैं, जो लंबे समय से भारत में वांछित थे। इन्ही में से एक का नाम राजेन डायमरी है, जो खुद को NDFB (S) का गृह सचिव बताता है। इसके अलावा यूएनएलएफ के कैप्टन सानातोंबा और PREPAK (Pro) के पशुराम लायश्रम को भी सौंपा गया है। 

पिछले साल फरवरी-मार्च में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के आधार पर म्यांमार की सेना ने इन उग्रवादियों के कैंपों पर सटीक हमला कर उन्हें तबाह किया था। म्यांमार सेना ने पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर के पास एक कैंप को खत्म किया था और दूसरे चरण में अराकन, नीलगिरी और हॉकत कैंप को तबाह कर दिया था। 

देश की आतंरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारत को एक और कूटनीतिक सफलता मिली है। म्यांमार सरकार ने भारत को 22 उग्रवादी सौंपे हैं। ये अभियुक्त पूर्वोत्तर में अशांति फैलाने के आरोपी हैं। इन्हें मणिपुर और असम में राज्य पुलिस को सौंपा गया है। ये उग्रवादी NDFB(S), UNLF, PREPAK (Pro), KYKL, PLA and KLO से संबंध रखते हैं। सूत्रों के मुताबिक यह पूरा ऑपरेशन एनएसए अजित डोभाल के नेतृत्व में हुआ। 

इन उग्रवादियों में से 10 मणिपुर में वॉन्टेड थे जबकि बाकियों की असम में तलाश थी। कोरोना वायरस के खतरे के चलते पुलिस सभी स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करेगी और इन सभी को फिलहाल क्वारंटीन में भेजा जाएगा। जानकारी के मुताबिक इन उग्रवादियों को विशेष विमान से लाया गया है। सूत्रों के मुताबिक म्यांमार सरकार की ओर से यह एक बड़ा कदम है और इससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।

भारत म्यांमार के साथ करीब 1600 किलोमीटर सीमा साझा करता है। ऐसे में पूर्वोत्तर उग्रवादी संगठन दशकों से वहां अपना कैंप लगाते रहे हैं। मगर पिछले कुछ वर्षों से उन पर लगातार दबाव बनता जा रहा था।  इन उग्रवादियों को लाने वाला पहला विमान मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचा और इसके बाद यह गुवाहाटी गया। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यह पूरा अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के नेतृत्व में हुआ। अधिकारी ने कहा कि यह पहला मौका है जब म्यांमार सरकार ने भारत के निवेदन पर पूर्वोत्तर उग्रवादी संगठनों के सदस्यों को हमें सौंपा है। 

मीडिया खबरों के अनुसार जिन उग्रवादियों को भारत को सौंपा गया है, उनमें कई ऐसे भी व्यक्ति हैं, जो लंबे समय से भारत में वांछित थे। इन्ही में से एक का नाम राजेन डायमरी है, जो खुद को NDFB (S) का गृह सचिव बताता है। इसके अलावा यूएनएलएफ के कैप्टन सानातोंबा और PREPAK (Pro) के पशुराम लायश्रम को भी सौंपा गया है। 


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बीते एक साल से दोनों देश मिलकर कर रहे ऑपरेशन




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