वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Updated Mon, 04 May 2020 10:23 AM IST
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI
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उन्होंने कहा कि वे सितंबर तक सभी स्कूल और विश्वविद्यालयों को दोबारा खोलने का आग्रह करेंगे। ट्रंप ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि वह दोबारा खुलें।’ टीके की भविष्यवाणी उस समयरेखा को बढ़ाती है जिस पर अमेरिका और अन्य देशों ने चर्चा की है। सभी कोविड-19 से बचाव के लिए सबसे पहले इसे बनाने की होड़ में लगे हुए हैं।
ट्रंप ने जोर देकर कहा कि वह अमेरिकी शोधकर्ताओं को हराकर दवाई बनाने वाले अन्य देश के प्रति खुश होंगे। उन्होंने कहा, ‘यदि कोई और देश ऐसा करता है तो मुझे खुशी होगी। मुझे परवाह नहीं है। मैं केवल ऐसा टीका चाहता हूं जो काम करे।’ शोध प्रक्रिया में मानव परीक्षणों के दौरान होने वाले जोखिमों के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘वे वॉलंटियर (स्वेच्छाकर्मी) हैं। उन्हें पता है कि वह क्या कर रहे हैं।’
ट्रंप ने इस बात को स्वीकार किया कि वे टीके की भविष्यवाणी पर अपने स्वयं के सलाहकारों से आगे निकल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘डॉक्टर्स का कहना है कि आपको ऐसा नहीं कहना चाहिए था। मैं वही कहता हूं जो सोचता हूं।’
वहीं माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन के संस्थापक बिल गेट्स का मानना है कि अगर कोरोना वायरस का टीका बना लिया जाता है, तो विश्व में उसके 1400 करोड़ डोज तैयार करने की जरूरत होगी। अपने ब्लॉग में उन्होंने बताया कि इन डोज को दुनिया के हर हिस्से में जल्द से जल्द भेजना होगा।
बिल ने कहा कि अगर टीका सिंगल डोज में ही प्रभावशाली साबित होता तो तब भी 700 करोड़ डोज तैयार करने होंगे, अगर दो डोज की जरूरत हुई तो 1400 करोड़ डोज बनाने होंगे। इस काम में नौ महीने से दो साल तक लग सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि इस समय आठ से 10 टीकों पर काम हो रहा है, जिनमें से किसी को भी सफलता मिल सकती है।