कांग्रेस नेता कमलनाथ (फाइल फोटो)
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कमलनाथ ने वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘मध्य प्रदेश में कोरोना के रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।’
उन्होंने चौहान नीत भाजपा सरकार पर कोरोना प्रसार रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘कौन से कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस की जांच हो रही है? जांच कम की जा रही है, ताकि संक्रमित व्यक्ति कम मिलें। कोरोना जांच को दबाया जा रहा है। केवल (बड़े शहरों) भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं बड़े—बड़े शहरों और गिने चुने जिलों के मुख्यालयों में जो भी बीमार हो गया उसकी जांच कराई जा रही है। कौन सी व्यवस्थित जांच सभी जिलों में हो रही है?’
उन्होंने कहा कि आज कस्बों एवं गांवों के लोगों की कोरोना की जांच का प्रश्न है। 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले कमलनाथ ने दावा किया कि यदि उनकी सरकार होती तो कोरोना से बेहतर तरीके से निपटा जाता, जिले-जिले जांच किट भेजी जाती।
उन्होंने कहा कि आज जो मजदूर संक्रमण लेकर गांव-गांव में जा रहे हैं, उनका क्या होगा? कमलनाथ ने कहा, ‘आज शिवराज चिल्ला—चिल्ला कर कहते हैं कि हमने (पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार) क्या किया? मेरी तत्कालीन सरकार ने 28 जनवरी को कोरोना की तैयारी शुरू की थी। शिवराज सिंह चौहान तब इस तैयारी के लिए मजाक उड़ाते थे।’
उन्होंने कहा, ‘जब कोरोना महामारी घोषित नहीं हुई थी, तब शिवराज कोरोना का मजाक उड़ाया करते थे और मेरी सरकार को गिराने में लगे थे।’ कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था चौपट होने और नौजवानों की बेरोजगारी की चुनौती का जिक्र करते हुए उन्होंने राज्य सरकार से प्रदेश के सभी लोगों की तीन महीने का बिजली-पानी का बिल माफ करने, नगर निगम एवं अन्य प्रकार के कर, छोटे व्यापारियों का एक करोड़ रूपये तक का कर्ज माफ करने की मांग की है।
कमलनाथ ने कहा, ‘मैंने अखबारों में पढ़ा है कि मध्य प्रदेश में राशन की दुकानों में राशन नहीं है और चार मई से शराब की दुकानें खुलने वाली हैं। राशन की दुकानें नहीं चल पाएंगी और शराब की दुकानें चल पाएंगी, इसकी मुझे बड़ी चिंता है।’