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राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि खुफिया एजेंसी भी इस व्यापक वैज्ञानिक सहमति से इत्तेफाक रखता है कि कोविड-19 वायरस मानव निर्मित या आनुवांशिक रूप से रूपांतरित नहीं है।
इस जानलेवा वायरस से दुनिया भर में 2,28,000 और अमेरिका में 61,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
बता दें कि अमेरिका लगातार वायरस को लेकर चीन पर आरोप लगा रहा है। ट्रंप सार्वजनिक रूप से ‘अदृश्य शत्रु’ के वैश्विक प्रसार को लेकर चीन को लगातार जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और उन्होंने इसके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। उनका कहना है कि अमेरिका महामारी से हुए नुकसान को लेकर चीन से जर्मनी के मुकाबले ज्यादा मुआवजा लेगा।
जर्मनी ने चीन से 12.41 लाख करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है। अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के नेताओं का मानना है कि यदि चीन ने पारदर्शिता बरती होती और वायरस के शुरुआती चरणों में इसकी जानकारी साझा की होती तो इतने सारे लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौतें और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विनाश से बचा जा सकता था। कई और देश चीन से उन्हें पहुंचे नुकसान को लेकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं।