अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Updated Thu, 30 Apr 2020 02:09 AM IST
राज्यों से कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों की जानकारी मिलने में वक्त लगने के कारण केंद्र सरकार ने अब इसके लिए मोबाइल एप के इस्तेमाल का फैसला लिया है। सभी जांच केंद्रों से अब मोबाइल एप के जरिए कोरोना सैंपल की आरटी-पीसीआर जांच के परिणाम की जानकारी सीधे केंद्र सरकार को दी जाएगी। फिलहाल राज्य सरकार के जरिए 12 या 24 घंटे बाद केंद्र सरकार तक यह जानकारी पहुंच रही है।
राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने बुधवार को इस एप के जरिए ही रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए। एप के जरिए सैंपल की जानकारी मिलने के दो बड़े फायदे भी हैं। कम समय लगने के अलावा सही व सटीक जानकारी मंत्रालय तक पहुंच सकेगी। कई बार ज्यादा सैंपल होने के चलते उनकी जानकारी में दोहराव या अधूरे फार्म भेज दिए जाने जैसी दिक्कतें हो रही थीं, जो अब नहीं होंगी।
जांच केंद्र पर सैंपल पहुंचते ही एप में सैंपल कलेक्शन, जांच और रिपोर्ट का समय व दिन सभी तरह की जानकारी देनी होगी। हर केंद्र को एक अलग यूजर आईडी व पासवर्ड दिया गया है ताकि सैंपल से जुड़ा डाटा सुरक्षित रखा जा सके।
दरअसल देश में कोरोना वायरस की जांच अब तेजी से बढ़ रही है। सरकार की योजना है कि अगले सप्ताह से हर दिन एक लाख लोगों की जांच तक का लक्ष्य हासिल किया जाए। इसके लिए जरूरी है कि कम समय में पर्याप्त जानकारी राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक पहुंच सके। इसी कारण यह कदम उठाया गया है।
राज्यों से कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों की जानकारी मिलने में वक्त लगने के कारण केंद्र सरकार ने अब इसके लिए मोबाइल एप के इस्तेमाल का फैसला लिया है। सभी जांच केंद्रों से अब मोबाइल एप के जरिए कोरोना सैंपल की आरटी-पीसीआर जांच के परिणाम की जानकारी सीधे केंद्र सरकार को दी जाएगी। फिलहाल राज्य सरकार के जरिए 12 या 24 घंटे बाद केंद्र सरकार तक यह जानकारी पहुंच रही है।
राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने बुधवार को इस एप के जरिए ही रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए। एप के जरिए सैंपल की जानकारी मिलने के दो बड़े फायदे भी हैं। कम समय लगने के अलावा सही व सटीक जानकारी मंत्रालय तक पहुंच सकेगी। कई बार ज्यादा सैंपल होने के चलते उनकी जानकारी में दोहराव या अधूरे फार्म भेज दिए जाने जैसी दिक्कतें हो रही थीं, जो अब नहीं होंगी।
जांच केंद्र पर सैंपल पहुंचते ही एप में सैंपल कलेक्शन, जांच और रिपोर्ट का समय व दिन सभी तरह की जानकारी देनी होगी। हर केंद्र को एक अलग यूजर आईडी व पासवर्ड दिया गया है ताकि सैंपल से जुड़ा डाटा सुरक्षित रखा जा सके।
दरअसल देश में कोरोना वायरस की जांच अब तेजी से बढ़ रही है। सरकार की योजना है कि अगले सप्ताह से हर दिन एक लाख लोगों की जांच तक का लक्ष्य हासिल किया जाए। इसके लिए जरूरी है कि कम समय में पर्याप्त जानकारी राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक पहुंच सके। इसी कारण यह कदम उठाया गया है।
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