न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 20 Apr 2020 05:46 AM IST
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव कुमार अग्रवाल ने रविवार को बताया, वैक्सीन बनाने के लिए बायोतकनीकी विभाग को केंद्रीय एजेंसी बनाया गया है। यह एजेंसी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रयासों का अध्ययन करने के साथ साथ भारतीय संसाधनों का आंकलन करते हुए वैक्सीन बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगी।
टास्क फोर्स के एक सदस्य ने बताया, कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में 70 अलग अलग वैज्ञानिकों के समूह वैक्सीन खोज में जुटे हैं। इनमें से पांच समूह ऐसे हैं जो पशु परीक्षण को सफल कर चुके हैं।
अब यह वैक्सीन का मानव ट्रायल शुरू करने जा रहे हैं। मई माह से छह महीने का ट्रायल शुरू होगा। इनमें से जो भी सफल होगा, उसका फायदा भारत को भी मिलेगा। करीब 500 मरीजों पर इसका ट्रायल किया जा सकता है।
उधर भारत में भी कोरोना वायरस पर दवाओं का ट्रायल शुरू हो चुका है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी की टीम ने कोरोना वायरस की कई प्रतिकृति तैयार कर दवाओं का परीक्षण शुरू कर दिया है।