आईसीएमआर के अध्ययन के अनुसार, 28.1 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिनमें रोगियों में कोई लक्षण नहीं दिखे, 25.3 प्रतिशत मामलों के प्रत्यक्ष और सीधा संपर्क वाले मामले थे, जबकि 2.8 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवा में काम करने वाले उन कर्मचारियों के हैं जिनके पास पर्याप्त सुरक्षा नहीं थी।
वहीं आईसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के निदेशक मनोज मुरेकर ने कहा, बिना लक्षण वाले संक्रमितों की संख्या 28.1 प्रतिशत से अधिक हो सकती है और यह हमारे लिए चिंता का विषय है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में 22 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच, जानलेवा कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) के लिए कुल 10,21,518 लोगों का परीक्षण किया गया। इस दौरान जहां मार्च की शुरुआत में 250 व्यक्तियों का प्रतिदिन परीक्षण होता था वहीं अप्रैल के अंत में यह संख्या बढ़कर 50,000 हो गई। कुल मिलाकर, 40,184 (3.9 प्रतिशत) लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए।
रिपोर्ट के मुताबिक उम्र के हिसाब से संक्रमितों की दर प्रति मिलियन के हिसाब से 50-69 वर्ष आयु वर्ग के लोगों में सबसे अधिक 63.3% थी और 10 साल से कम में 6.1% थी। पुरुषों में हमले की दर अधिक थी क्योंकि उनमें से 41.6 का परीक्षण पॉजिटिव था, जबकि 24.3 महिलाओं में इसका संक्रमण पाया गया. देश में 736 (71.1 प्रतिशत) जिलों में से 523 से कोरोना वायरस के मामले सामने आए।
दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और गुजरात वे राज्य रहे जहां के जिलों से संक्रमितों के सर्वाधिक मामले सामने आए। राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के मामलों में सर्वाधिक संक्रमित महाराष्ट्र (10.6%), दिल्ली (7.8%), गुजरात (6.3%), मध्य प्रदेश (6.1%) और पश्चिम बंगाल (5.8%) से आए हैं।