एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Updated Thu, 23 Apr 2020 12:56 PM IST
प्रख्यात रंगकर्मी उषा गांगुली ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। 75 वर्ष की आयु में उषा गांगुली का निधन हो गया है। कोलकाता में उषा गांगुली ने अपनी आखिरी सांस ली। बताया जा रहा है कि उषा गांगुली का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ है।
उषा गांगुली के छोटे भाई राजीव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वो (उषा गांगुली) रीढ़ की हड्डी की समस्या से लंबे वक्त से परेशान थीं। बता दें कि उषा गांगुली का जन्म 1945 में राजस्थान में हुआ था, जबकि उनकी पढ़ाई लिखाई कोलकाता में हुई। रंगमंच में उषा गांगुली के अतुल्य योगदान के चलते उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
याद दिला दें कि साल 1976 में उषा ने रंगकर्मी नामक एक संस्था बनाई थी, जिसके बैनर तले वो देश की प्रसिद्ध रंगकर्मी बनीं। महाभोज, होली, रुदाली, कोट मार्शल जैसे नाटकों के लिए उषा हमेशा याद रखी जाएंगी। वहीं उषा का पहला प्ले ‘मिट्टी की गाड़ी’ था।गौरतलब है कि उषा गांगुली कोलकाता के एक कॉलेज में हिंदी की शिक्षिका भी थीं।
प्रख्यात रंगकर्मी उषा गांगुली ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। 75 वर्ष की आयु में उषा गांगुली का निधन हो गया है। कोलकाता में उषा गांगुली ने अपनी आखिरी सांस ली। बताया जा रहा है कि उषा गांगुली का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ है।
उषा गांगुली के छोटे भाई राजीव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वो (उषा गांगुली) रीढ़ की हड्डी की समस्या से लंबे वक्त से परेशान थीं। बता दें कि उषा गांगुली का जन्म 1945 में राजस्थान में हुआ था, जबकि उनकी पढ़ाई लिखाई कोलकाता में हुई। रंगमंच में उषा गांगुली के अतुल्य योगदान के चलते उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
याद दिला दें कि साल 1976 में उषा ने रंगकर्मी नामक एक संस्था बनाई थी, जिसके बैनर तले वो देश की प्रसिद्ध रंगकर्मी बनीं। महाभोज, होली, रुदाली, कोट मार्शल जैसे नाटकों के लिए उषा हमेशा याद रखी जाएंगी। वहीं उषा का पहला प्ले ‘मिट्टी की गाड़ी’ था।गौरतलब है कि उषा गांगुली कोलकाता के एक कॉलेज में हिंदी की शिक्षिका भी थीं।
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