Us Says China Should Close Its Illegal Meat Market Wuhan For Forever Due To Coronavirus – अमेरिका ने कहा, चीन अपने गैरकानूनी मीट बाजार को हमेशा के लिए बंद करे




डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला
Updated Thu, 23 Apr 2020 11:14 PM IST

वुहान का मीट मार्केट
– फोटो : ट्विटर

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दुनिया भर में फैले कोरोना के कहर की सबसे बड़ी वजह माना जाने वाला वुहान का मीट बाजार फिर से गुलजार हो चुका है और अब भी वहां वन्य जीवों के अलावा तमाम जीव जंतुओं के मीट और खाल धड़ल्ले से बिक रहे हैं। अमेरिका ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए चीन से कहा है कि वह इस बाजार को हमेशा के लिए बंद कर दे। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन से कहा है कि वन्य जीवों का यह मीट बाजार तमाम तरह के खतरनाक वायरस फैलाने का केन्द्र है और इससे आने वाले वक्त में भी गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा है।

पोम्पियों ने एक बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका इस मीट बाजार को कोरोना की एक बड़ी वजह मानता है और यहां गैरकानूनी तरीके से वन्यजीवों के मीट का व्यापार खुलेआम होता है। इन बाजारों में बेहद गंदगी होती है, जानवरों के मांस और खून के अलावा उसकी खालों का भी यहां बड़ा बाजार है। अमेरिका ने चीन से कहा है कि वह वुहान समेत पूरे देश में ऐसे बाजार को हमेशा के लिए बंद कर दे जहां गैरकानूनी मीट व्यापार होता है।

माना जाता है कि कोविड-19 की जड़ इन्हीं बाजारों में है और यहीं से कोरोना का पहला मामला सामने आया और हालत ये हो गई कि इस वक्त पूरी दुनिया इस वायरस से तबाह हो रही है। 26 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं और करीब पौने दो लाख लोगों को इसकी वजह से जान गंवानी पड़ी है।

हालांकि चीन में वन्य जीवों से बनने वाले उत्पादों का करोबार बड़े पैमाने पर होता है। फरवरी में वुहान के मीट बाजार पर पाबंदी लगाई गई थी लेकिन इसके बाद इसकी कालाबाजारी और बढ़ गई। यहां पेंगोलिन और तेंदुए समेत तमाम जीव जंतुओं के मीट को बेचने की इसलिए छूट है क्योंकि चीन की परंपरागत दवाएं उनसे ही बनती हैं। वन्य जीवों की फार्मिंग का जो उद्योग है उससे चीन के करीब एक करोड़ चालीस लाख लोगों को रोजगार मिलता है और इसका कुल कारोबार करीब 56 अरब डॉलर का है। हालांकि कोरोना के बाद हुए एक ऑनलाइन सर्वे में ये तथ्य भी सामने आया है कि अब 97 फीसदी चीनी लोग ऐसे मीट या इससे जुड़े उत्पाद खाने के खिलाफ हैं और मीट कारोबार पर पाबंदी के समर्थक हैं। लेकिन चीन की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा ज़रिया ये मीट कारोबार है।

दुनिया भर में फैले कोरोना के कहर की सबसे बड़ी वजह माना जाने वाला वुहान का मीट बाजार फिर से गुलजार हो चुका है और अब भी वहां वन्य जीवों के अलावा तमाम जीव जंतुओं के मीट और खाल धड़ल्ले से बिक रहे हैं। अमेरिका ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए चीन से कहा है कि वह इस बाजार को हमेशा के लिए बंद कर दे। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन से कहा है कि वन्य जीवों का यह मीट बाजार तमाम तरह के खतरनाक वायरस फैलाने का केन्द्र है और इससे आने वाले वक्त में भी गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा है।

पोम्पियों ने एक बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका इस मीट बाजार को कोरोना की एक बड़ी वजह मानता है और यहां गैरकानूनी तरीके से वन्यजीवों के मीट का व्यापार खुलेआम होता है। इन बाजारों में बेहद गंदगी होती है, जानवरों के मांस और खून के अलावा उसकी खालों का भी यहां बड़ा बाजार है। अमेरिका ने चीन से कहा है कि वह वुहान समेत पूरे देश में ऐसे बाजार को हमेशा के लिए बंद कर दे जहां गैरकानूनी मीट व्यापार होता है।

माना जाता है कि कोविड-19 की जड़ इन्हीं बाजारों में है और यहीं से कोरोना का पहला मामला सामने आया और हालत ये हो गई कि इस वक्त पूरी दुनिया इस वायरस से तबाह हो रही है। 26 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं और करीब पौने दो लाख लोगों को इसकी वजह से जान गंवानी पड़ी है।

हालांकि चीन में वन्य जीवों से बनने वाले उत्पादों का करोबार बड़े पैमाने पर होता है। फरवरी में वुहान के मीट बाजार पर पाबंदी लगाई गई थी लेकिन इसके बाद इसकी कालाबाजारी और बढ़ गई। यहां पेंगोलिन और तेंदुए समेत तमाम जीव जंतुओं के मीट को बेचने की इसलिए छूट है क्योंकि चीन की परंपरागत दवाएं उनसे ही बनती हैं। वन्य जीवों की फार्मिंग का जो उद्योग है उससे चीन के करीब एक करोड़ चालीस लाख लोगों को रोजगार मिलता है और इसका कुल कारोबार करीब 56 अरब डॉलर का है। हालांकि कोरोना के बाद हुए एक ऑनलाइन सर्वे में ये तथ्य भी सामने आया है कि अब 97 फीसदी चीनी लोग ऐसे मीट या इससे जुड़े उत्पाद खाने के खिलाफ हैं और मीट कारोबार पर पाबंदी के समर्थक हैं। लेकिन चीन की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा ज़रिया ये मीट कारोबार है।




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