Us China Latest Update, China Stunned By The Alliance Of Eight Countries With America, Said – All Together Can Not Stop Us – अमेरिका के साथ आठ देशों के गठबंधन से तिलमिलाया चीन, कहा- सभी मिलकर भी नहीं रोक पाएंगे हमें




अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग
– फोटो : फाइल

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दक्षिण सागर, हांगकांग मुद्दा और अब कोरोना वायरस को लेकर चीन के खिलाफ दुनियाभर में मोर्चाबंदी तेज हो गई है। इसी क्रम में अमेरिका के साथ आठ देशों ने चीन के खिलाफ शुक्रवार को इंटर पार्लियामेंटरी अलायंस ऑन चाइना(आईपैक) नाम से गठबंधन बनाया है। उधर, चौतरफ घिरे चीन ने तिलमिलाते हुए कहा है कि हालात पहले जैसे नहीं रहे, दुनिया ऐसा न सोचे कि सब मिलकर उसे रोक लेंगे। इस बीच भारत के साथ लद्दाख में जारी सीमा विवाद पर भी दुनिया की नजर है।

अमेरिकी सीनेटर मार्को रूबियो के नेतृत्व में आईपैक का गठन हुआ। इस गठबंधन में अमेरिका समेत जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्वीडन, नॉर्वे और यूरोप के कुल 20 संसद सदस्य शामिल हैं। सभी चीन को वैश्विक चुनौती के तौर पर देख रहे हैं और व्यापार, सुरक्षा और मानवाधिकार के लिए बड़ा खतरा मान रहे हैं।

ये गठबंधन चीन की हर हरकत का माकूल जवाब देने की रणनीति पर काम करेगा और संप्रभुता की आड़ में ड्रैगन की मनमानी को नाकाम करेगा। उधर चीन की सरकारी मीडिया ने इस तरह के गठबंधन को व्यर्थ की कोशिश करार दिया है। चीन ने कहा, हमें 1990 वाला देश समझना दुनिया की गलती होगी। हालात अब पहले जैसे नहीं हैं, 21वीं सदी में हमारे खिलाफ खड़े होना मुश्किल होगा। चीन ने डराने के लिहाज से कहा, ऐसे किसी भी प्रयास के अंजाम भुगतने पड़ेंगे।

सार

  • अमेरिका ने चीन के खिलाफ किया इंटर पार्लियामेंटरी अलायंस ऑन चाइना(आईपैक) नाम से गठबंधन
  • चीन ने तिलमिलाते हुए कहा है कि हालात पहले जैसे नहीं रहे, सभी मिलकर भी नहीं रोक पाएंगे
  • चीन ने कहा, हमें 1990 वाला देश समझना दुनिया की गलती होगी

विस्तार

दक्षिण सागर, हांगकांग मुद्दा और अब कोरोना वायरस को लेकर चीन के खिलाफ दुनियाभर में मोर्चाबंदी तेज हो गई है। इसी क्रम में अमेरिका के साथ आठ देशों ने चीन के खिलाफ शुक्रवार को इंटर पार्लियामेंटरी अलायंस ऑन चाइना(आईपैक) नाम से गठबंधन बनाया है। उधर, चौतरफ घिरे चीन ने तिलमिलाते हुए कहा है कि हालात पहले जैसे नहीं रहे, दुनिया ऐसा न सोचे कि सब मिलकर उसे रोक लेंगे। इस बीच भारत के साथ लद्दाख में जारी सीमा विवाद पर भी दुनिया की नजर है।

अमेरिकी सीनेटर मार्को रूबियो के नेतृत्व में आईपैक का गठन हुआ। इस गठबंधन में अमेरिका समेत जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्वीडन, नॉर्वे और यूरोप के कुल 20 संसद सदस्य शामिल हैं। सभी चीन को वैश्विक चुनौती के तौर पर देख रहे हैं और व्यापार, सुरक्षा और मानवाधिकार के लिए बड़ा खतरा मान रहे हैं।

ये गठबंधन चीन की हर हरकत का माकूल जवाब देने की रणनीति पर काम करेगा और संप्रभुता की आड़ में ड्रैगन की मनमानी को नाकाम करेगा। उधर चीन की सरकारी मीडिया ने इस तरह के गठबंधन को व्यर्थ की कोशिश करार दिया है। चीन ने कहा, हमें 1990 वाला देश समझना दुनिया की गलती होगी। हालात अब पहले जैसे नहीं हैं, 21वीं सदी में हमारे खिलाफ खड़े होना मुश्किल होगा। चीन ने डराने के लिहाज से कहा, ऐसे किसी भी प्रयास के अंजाम भुगतने पड़ेंगे।




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