अमन मणि त्रिपाठी
– फोटो : अमर उजाला
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अभद्रता करते हुए जबरन आगे बढ़े तो पुलिस ने कर्णप्रयाग में उन्हें रोक बैरंग लौटा दिया। बाद में मुनिकीरेती में उन्हें पकड़ लिया गया। राष्ट्रीय आपदा एक्ट और धारा 188 के तहत मुनिकीरेती थाने में विधायक समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर बाद में निजी मुचलके पर छोड़ा गया।
जानकारी के मुताबिक रविवार शाम विधायक अमन मणि त्रिपाठी तीन वाहनों में सवार अपने 10 साथियों के साथ बदरीनाथ जा रहे थे। इस बीच गोचर में उन्हें बैरियर पर रोक लिया गया। कर्णप्रयाग के थाना प्रभारी गिरीश चंद्र शर्मा ने बताया कि जब उनसे परमिशन के बारे में पूछा गया तो वह अधिकारियों से उलझ गए, अभद्रता करने लगे। जबरन कर्णप्रयाग की ओर जाने लगे तो अधिकारियों की सूचना पर कर्णप्रयाग में पुलिस ने इनके तीनों वाहनों को रोक लिया।
यहां भी वे पुलिस से उलझते रहे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुन उन्हें बैरंग लौटा दिया। इस बीच एसडीएम वैभव गुप्ता और थाना प्रभारी गिरीश चंद्र शर्मा ने विधायक अमन मणि त्रिपाठी और उनके साथियों पर पुलिस, प्रशासन के साथ ही डॉक्टर के साथ भी अभद्रता का आरोप लगाया। मामले में एसएचओ ने कहा कि अभी कोई कार्रवाई इस संबंध में नहीं की गई है।
जांच करने के बाद विधायक और उनके साथियों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उधर, डीएम स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि बदरीनाथ के कपाट बंद होने की वजह से विधायक और उनके साथियों को बदरीनाथ नहीं जाने दिया गया।
डीजीपी अशोक कुमार (क्राइम) के अनुसार विधायक अमन मणि को मुनिकीरेती क्षेत्र में पकड़ा गया। विधायक समेत 12 लोगों के खिलाफ धारा 188 और राष्ट्रीय आपदा एक्ट में मामला दर्ज किया गया। बाद में निजी मुचलने पर उन्हें व उनके साथियों को छोड़ा गया।
पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार भी हो चुके
दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल अमन मणि त्रिपाठी हनक की सनक में पहले भी कई बार विवादों में रह चुके हैं। उन्हें
पत्नी की हत्या के आरोप में चार साल पहले 2016 में गिरफ्तार भी किया गया था।
योगी के खुले समर्थक हैं अमन मणि
अमन मणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का खुले तौरपर समर्थन करते हैं। पत्नी की हत्या में नाम आने पर समाजवादी पार्टी से
उनका टिकट भी कट गया था। 2017 में वह जमानत पर छूटकर बाहर आए थे। उन्होंने स्वतंत्र प्रत्याशी के तौर पर विधायक का चुनाव जीता था।