Union Cabinet Approves Renaming Of Kolkata Port Trust To Syama Prasad Mukherjee Trust – कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट हुआ, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Updated Wed, 03 Jun 2020 05:25 PM IST

श्याम प्रसाद मुखर्जी पोर्ट ट्रस्ट
– फोटो : social media

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को बताया कि कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट रखने के फैसले को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जनवरी को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम रखने की घोषणा की थी। उन्होंने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ समारोह के अवसर पर यह घोषणा की थी।
 

पीएम मोदी ने कहा था कि मुखर्जी बंगाल के थे और औद्योगिकीकरण के अग्रदूतों में से एक थे। ऐसे में बंदरगाह का नाम मुखर्जी के नाम पर रखना एक जरूरी कदम है। पीएम मोदी ने कहा था, ‘इस बंदरगाह को अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के रूप में जाना जाएगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण था कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा सरकार से इस्तीफा देने के बाद उनके सुझावों को लागू नहीं किया गया था जैसा कि किया जाना चाहिए था।

किसानों से जुड़े कई फैसले लिए गए 
बता दें कि प्रधानमंत्री आवास पर हुई एक सप्ताह में दूसरी कैबिनेट बैठक में किसानों से संबंधित कई फैसले लिए गए। इसमें किसानों को अधिक लाभ हो सके, इसलिए उन्हें एपीएमसी एक्ट से बाहर भी उत्पाद बेचने की अनुमति दी गई है और कई कृषि उत्पादों को आवश्यक वस्तु कानून से बाहर कर दिया गया। अब किसान अपनी उपज मंडी से बाहर सीधे निर्यातक को भी बेच सकेंगे।  
 
 

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को बताया कि कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट रखने के फैसले को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जनवरी को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम रखने की घोषणा की थी। उन्होंने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ समारोह के अवसर पर यह घोषणा की थी।

 

पीएम मोदी ने कहा था कि मुखर्जी बंगाल के थे और औद्योगिकीकरण के अग्रदूतों में से एक थे। ऐसे में बंदरगाह का नाम मुखर्जी के नाम पर रखना एक जरूरी कदम है। पीएम मोदी ने कहा था, ‘इस बंदरगाह को अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के रूप में जाना जाएगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण था कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा सरकार से इस्तीफा देने के बाद उनके सुझावों को लागू नहीं किया गया था जैसा कि किया जाना चाहिए था।

किसानों से जुड़े कई फैसले लिए गए 
बता दें कि प्रधानमंत्री आवास पर हुई एक सप्ताह में दूसरी कैबिनेट बैठक में किसानों से संबंधित कई फैसले लिए गए। इसमें किसानों को अधिक लाभ हो सके, इसलिए उन्हें एपीएमसी एक्ट से बाहर भी उत्पाद बेचने की अनुमति दी गई है और कई कृषि उत्पादों को आवश्यक वस्तु कानून से बाहर कर दिया गया। अब किसान अपनी उपज मंडी से बाहर सीधे निर्यातक को भी बेच सकेंगे।  
 
 






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